इको विलेज-2 बायर्स ने सुपरटेक के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की; एपेक्स हाइट्स के प्रस्ताव को खारिज किया NBCC से तुरंत अधिग्रहण की अपील
ग्रेटर नोएडा वेस्ट (अमन इंडिया ) । वर्षों से अधर में लटके इको विलेज-2 प्रोजेक्ट के 240 से अधिक फ्लैट खरीदारों ने अब न्याय की लड़ाई को एक निर्णायक मोड़ पर ले जाते हुए सुपरटेक लिमिटेड और उसके प्रमोटरों के खिलाफ वित्तीय धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और नियामकीय उल्लंघनों को लेकर सीबीआई जांच की आधिकारिक मांग की है।
इको विलेज-2 वेलफेयर एसोसिएशन (पंजी. सं. GBN/07152/2022-2023) ने Apex Heights Pvt. Ltd. के प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हुए इसे सुपरटेक की “प्रॉक्सी कंपनी” करार दिया है और NBCC (इंडिया) लिमिटेड द्वारा परियोजना के अधिग्रहण की मांग की है, जैसा कि NCLAT के 12 दिसंबर 2024 के आदेश में निर्देशित है।15 साल की देरी, ₹617 करोड़ का घोटाला और सिस्टम द्वारा विश्वासघात
2010 में लॉन्च किया गया इको विलेज-2 प्रोजेक्ट आज 15 साल बाद भी अधूरा है, जिससे हजारों मध्यमवर्गीय परिवार आर्थिक और मानसिक रूप से बर्बाद हो चुके हैं।सीबीआई को भेजी गई शिकायत में एसोसिएशन ने निम्नलिखित गंभीर अनियमितताओं को उजागर किया है:
• ₹617 करोड़ खरीदारों से लिए गए पैसों को अन्य सुपरटेक प्रोजेक्ट्स में डायवर्ट किया गया (फॉरेंसिक ऑडिट से खुलासा)
• एक ही फ्लैट की दोहरी अलॉटमेंट
• बिना ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के अवैध कब्जा ऑफर
• NCLT, NCLAT और सुप्रीम कोर्ट में झूठी जानकारी देना
• बिल्डर और सरकारी अफसरों के बीच साठगांठ की आशंका
• चेक बाउंस, खरीदारों के नाम पर अवैध लोन और डिफॉल्ट
• सबवेंशन और रेंटल इनकम स्कीम में धोखाधड़ी, जिसमें EMI और किराया देने का वादा निभाया नहीं गया
चल रहे कानूनी मामले लेकिन न्याय अब भी दूर हालांकि कई कानूनी प्रक्रियाएं चल रही हैं जिनमें शामिल हैं:
• सुप्रीम कोर्ट: IAs 32889/2023, 72720/2025 और अन्य
• NCLT/NCLAT: दिवालियापन की कार्यवाही
• UP-RERA, EOW दिल्ली, ईडी और यूपी पुलिस के तहत IPC और PMLA में मुकदमे
फिर भी खरीदारों का कहना है कि सुपरटेक और एपेक्स जानबूझकर देरी और कानूनी पेचदगियों से न्याय को कमजोर कर रहे हैं।
एपेक्स हाइट्स को क्यों खारिज किया गया ।खरीदारों ने Apex Heights Pvt. Ltd. को सुपरटेक की “फ्रंट कंपनी” करार दिया है, जिसका न तो कोई स्वतंत्र वित्तीय रिकॉर्ड है, न ही कोई परियोजना निष्पादन अनुभव। ₹10,000+ करोड़ की परियोजना को पूरा करने की न कोई योजना है, न सामर्थ्य।
एसोसिएशन के सचिव के.के. कालरा ने कहा apex Supertech का ही दूसरा नाम है। हम दोबारा ठगे नहीं जाना चाहते।
NBCC: एकमात्र भरोसेमंद और पारदर्शी विकल्प NBCC (India) Ltd., केंद्र सरकार की PSU कंपनी है, जिसने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में Amrapali और Jaypee जैसी बड़ी अधूरी परियोजनाएं पूरी की हैं।
खरीदारों ने NBCC की इन खूबियों को बताया
• तकनीकी विशेषज्ञता और परियोजना निष्पादन की क्षमता
• पारदर्शिता और सरकारी निगरानी
• रुकी हुई रियल एस्टेट परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा करने का ट्रैक रिकॉर्ड
NCLAT ने 12 दिसंबर 2024 को दिए आदेश में NBCC को 16 सुपरटेक प्रोजेक्ट्स का जिम्मा सौंपा था जिसमें इको विलेज-2 भी शामिल है। परंतु एपेक्स की आपत्ति से इसकी प्रक्रिया रुकी हुई है, और अब मामला 13 अगस्त 2025 को सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध है।
होम बायर्स की सामूहिक आवाज एसोसिएशन ने विस्तृत शिकायत CBI को सौंपी है, जिसकी प्रतिलिपियां निम्नलिखित को भेजी गई हैं:
• भारत के माननीय प्रधानमंत्री
• उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री
• आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय
• प्रवर्तन निदेशालय (ED)
• सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार
तीन मुख्य मांगें रखी गई हैं:
1. सुपरटेक एपेक्स और दोषी अधिकारियों के खिलाफ CBI जांच
2. NCLAT आदेश के अनुसार NBCC को तुरंत परियोजना सौंपना
3. परियोजना से Apex Heights को स्थायी रूप से बाहर करना न्याय की पुकार
मोहन सिन्हा एसोसिएशन के अध्यक्ष और 2012 से खरीदार मैंने 13 साल से EMI और किराया दोनों दिया है। ये सिर्फ घर की बात नहीं है, ये न्याय की लड़ाई है। सुपरटेक को जवाबदेह बनाना होगा।
मिसेज लता टैक एसोसिएशन की उपाध्यक्ष ने सबवेंशन धोखाधड़ी को उजागर किया सबसंवशन योजना के तहत सुपरटेक ने बैंक के साथ मिलकर बायर्स को ठगा है। वादा किया गया था कि पजेशन तक प्री-EMI सुपरटेक देगा पर बीच में बंद कर दिया गया। मैं खुद इसका शिकार हूं। बैंक अब 16% तक ब्याज वसूल रहे हैं।
एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य मोहन सिंह,आर.बी. सिंह, अशोक कुमार, मनोज वर्मा, योगेश शर्मा, राकेश सचदेवा, दिनेश गुप्ता, विजय बिष्ट आशीष बहुखंडी सहित कई खरीदारों ने संकल्प लिया है ।जब तक सुपरटेक के मालिक आर.के. अरोड़ा और उनके सहयोगियों को जेल नहीं भेजा जाएगा, चैन नहीं मिलेगा। अब किसी भी निजी बिल्डर पर भरोसा नहीं सिर्फ NBCC ही पारदर्शी तरीके से प्रोजेक्ट पूरा कर सकती है और होम बायर्स को न्याय दिला सकती है।