दिल्ली (अमन इंडिया) । सचखंड धाम के संरक्षक अध्यक्ष संत श्री त्रिलोचन दास जी महाराज के सानिध्य में तीन दिवसीय दास धर्म समागम का आयोजन हो रहा है समागम के दूसरे दिन भक्तों को सम्बोधित करते हुए महाराज जी ने कहा कि साधु संत और सनातनी के साथ बैठकर एक आम इंसान की आत्मा भी पवित्र हो जाती है और जितना सत्संग में बैठेंगे उतना ही हमारा जीवन सरल होने लग जाता है, त्रिलोचन दास ने कहा ये हमारा अहोभाग्य है कि 101 धर्म गुरु हमारे इस समागम में पधारे और कुछ तो ऐसे है जो सीधा कुंभ से इस समागम में पहुंचे रहे है। संत त्रिलोचन दास जी ने लाखों की संख्या में आए श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया और कहा कि इस समय सबको एकजुट होकर अपने देश को आगे ले जाना है, उन्होंने आगे कहा कि जहां सत्संग होता है वहीँ परमार्थ होता है और जहाँ परमार्थ होता है वहीँ प्रेम होता है, प्रेम व निस्वार्थ त्याग से बढ़कर न कोई दान न ही कोई धर्म है और यही बात हर धर्म में बताई जाती है, यदि हर इंसान सभी धर्मो का सम्मान करने लगे तो विश्व में शांति बनी रहेगी।इस अवसर पर भाजपा राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ, नागा साधुओं में जिन्होंने सबसे पहले कुंभ में स्नान किया उन्होंने भी आकर श्रद्धालुओं और भक्तों को आशीर्वाद दिया साथ ही पूज्य संत श्री अर्पित महाराज, श्री जगतगुरु आचार्य अरुण चैतन्य पूरी महाराज, बाबा हरजीत सिंह जी रसूलपुर (अयोध्या लंगर वाले), श्री भूपिंदर गिरी जी महाराज, आध्यात्मिक गुरु स्वामी दीपांकर महाराज, भगवताचार्य श्री संजीव कृष्णा ठाकुर जी वृंदावन, श्री महंत नारायण गिरी जी महाराज, जगतगुरु रामानन्दाचार्य स्वामी जी महाराज श्री धाम अयोध्या, पूज्य संत श्री अर्पित महाराज, श्री जगतगुरु आचार्य अरुण चैतन्य पूरी महाराज, बाबा हरजीत सिंह जी रसूलपुर (अयोध्या लंगर वाले), श्री भूपिंदर गिरी जी महाराज, आध्यात्मिक गुरु स्वामी दीपांकर महाराज, भगवताचार्य श्री संजीव कृष्णा ठाकुर जी वृंदावन, श्री महंत नारायण गिरी जी महाराज, जगतगुरु रामानन्दाचार्य स्वामी जी महाराज श्री धाम अयोध्या, महामंडलेश्वर बाल साध्वी पुष्पांजलि पुरी जी वृंदावन धाम, संत बाबा रंजीत सिंह डेरा निरमल संतपुरा, अध्यात्म गुरु महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद जी महाराज श्री धाम वृंदावन, तन्मय वशिष्ठ महामंत्री श्री गंगा सभा हरिद्वार, आचार्य श्री विवेक मुनि जी महाराज, श्री योग भूषण महाराज जी, श्री महंत 108 स्वामी ज्ञान देव सिंह जी महाराज ने दास धर्म के बारे में कहा की जैसा नाम है वैसा ही उनका भाव है सभी की सेवा करना इस धर्म की महानता है। संतो ने आये हुए भक्तो को धार्मिक ज्ञान देते हुए कहा कि संतो को भजन गाकर ही जीता जा सकता है प्रवचन से नहीं, साधु संतों से जितनी शिक्षा ले सकते हो ले लो क्योंकि यह भगवान स्वरूप होते है संतों की धूल भी पवित्र होती है, स्वामी दीपांकर महाराज ने संत त्रिलोचन दास की प्रशंसा करते हुए कहा कि लंबे समय बाद भारत में एक ऐसा गुरु आया है जो दास की तरह सेवा करता है। लंदन के रेडियो एंकर रवि शर्मा व सत्यभूषण जैन भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर निशुल्क मेडिकल कैम्प, नेत्र चिकित्सा शिविर, गरीब विद्यार्थियों को पुस्तकें और विधवा महिलाओं को सिलाई मशीनें वितरित की जाएगी साथ ही यहाँ 24 घंटे लंगर का भी प्रबंध किया गया है। संस्था के संरक्षक दास हैरी व दास दीपक ने आये हुए संतो को माला व शॉल पहनकर स्वागत किया।