पहले इंडिया स्टेनलेस स्टील एक्सपो 2023 में जुटे उद्योग जगत से जुड़ेगणमान्य व्यक्ति और नेतृत्व



भारत में स्टेनलेस स्टील की खपत पिछले साल के मुकाबले तकरीबन10% बढ़ी: भारतीय स्टेनलेस स्टील विकास संस्थान


ग्रेटर नोएडा/नई दिल्ली (अमन इंडिया ) ।  इंडियन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईएसएसडीए) के अनुसारभारत में स्टेनलेस स्टील की खपत पिछले वित्त वर्ष में लगभग 10% बढ़कर 40 लाख टन तक पहुंच गई। रेलवेप्रक्रिया उद्योगों और वास्तुकला (आर्किटेक्चर)भवन एवं निर्माण (एबीसीजैसे क्षेत्रों में पर्यावरण अनुकूल धातु की बढ़ती मांग के कारण भारत में स्टेनलेस स्टील की प्रति व्यक्ति खपत 2.5किलोग्राम से बढ़कर 2.8 किलोग्राम हो गई है। ये आंकड़े ऐसे समय परआए हैं जब वैश्विक स्तर पर स्टेनलेस स्टील का उत्पादन साल 2022 से5.2गिरकर 5.52 करोड़ टन रह गयासाल 2021 में यह आंकड़ा 5.82करोड़ टन था

उद्योग संघ ने यह ताज़ातरीन आंकड़ा, 3-5 अगस्त, 2023 तक ग्रेटर नोएडा में आयोजित होने वाले अपने पहले इंडिया स्टेनलेस स्टील एक्सपो (आईएसएसई) 2023 के उद्घाटन के मौके पर जारी किया। इस अवसर पर, केंद्रीय इस्पात मंत्रालय में सचिवश्री नागेंद्र नाथ सिन्हाआईएसएसडीए (ISSDA) के अध्यक्षश्री राजमणि कृष्णमूर्तिजिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशकश्री अभ्युदय जिंदलमार्कस मॉल्स वर्ल्ड स्टेनलेस के महासचिवश्री टिम कॉलिन्स और एसएमआर जीएमबीएच के प्रबंध निदेशकश्री मार्कस मॉल उपस्थित रहे केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री, श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने इस सम्मलेन को ऑनलाइन संबोधित किया

 

 

आंकड़े लाख टन में:

साल

खपत

वित्त वर्ष ’22

36.2

वित्त वर्ष ’23

39.5

 

केंद्र सरकार के नीति संबंधी विचार संस्था, नीति आयोगइस्पात मंत्रालय और सूक्ष्मलघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में स्टेनलेस स्टील क्षेत्र के कम से कम 8,000प्रमुख सम्बद्ध पक्ष भाग ले रहे हैं। इसके अलावा  इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) के ज़रिये वाणिज्य मंत्रालय के तहत हो रही रिवर्स बायर-सेलर बैठक में लैटिन अमेरिका क्षेत्र की 17 कंपनियां भाग ले रही हैं।

आईएसएसडीए के अनुसार विकास के नए क्षेत्रजैसे वैकल्पिक ऊर्जाथनॉलहाइड्रोजन उत्पादनजल भंडारण एवं वितरणआने वाले वर्षों में स्टेनलेस स्टील की मांग में और बढ़ोतरी लाएँगे जारी आंकड़ों से यह भी पता चला है कि वित्त वर्ष 2022-2023 के दौरान फ़्लैट उत्पादों का आयात 10 लाख टन रहाजिसका मतलब है कि भारत में स्टेनलेस स्टील की एक तिहाई से अधिक मांग आयात के ज़रिये पूरी की गई।

माननीय केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री कुलस्ते ने सभा को संबोधितकरते हुए कहा कि स्टेनलेस स्टील “देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिकानिभाता है। भारत सरकार इस क्षेत्र की चिंताओं पर ध्यान देने के लिएप्रतिबद्ध है... स्टेनलेस स्टील की पुनर्चक्रण क्षमता इसके वहनीयता औरपर्यावरण संबंधी लाभों में से एक महत्वपूर्ण कारक है। स्टेनलेस स्टील कीमदद से हम प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण कर सकते हैंऊर्जा की खपतकम कर सकते हैंअपशिष्ट कम कर सकते हैं और अधिक वहनीय औरपर्यावरण-अनुकूल भविष्य में योगदान कर सकते हैं।

आयोजन पर अपनी टिप्पणी करते हुएभारत सरकार के इस्पात मंत्रालयमें सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा ने कहा, “इंडियन स्टेनलेस स्टील एक्सपो(आईएसएसई2023 एक व्यापक सम्मेलन है जो कि सभी संबंध पक्षोंको एक मंच पर एकत्रित किया है सरकार ने ढांचागत विकास पर ज़ोदिया है जो स्टेनलेस स्टील उद्योग के लिए एक संभावित बाज़ा साबितहोगा। वास्तुकलाभवन एवं निर्माण (एबीसी)रेलवे कोच निर्माण ने स्टीलकी मांग बढ़ा दी है। उन्होंने भी यह कहा कि वैकल्पिक ऊर्जाथनॉलआदि को शामिल करने वाले विकास के नए क्षेत्र आने वाले वर्षों मेंस्टेनलेस स्टील की मांग को और बढ़ाएंगे।

अपने विचार साझा करते हुएएसएमआर जीएमबीएच के प्रबंधनिदेशकश्री मार्कस मॉ ने कहा, “भारत में स्टेनलेस स्टील की खपतबढ़ रही है और यहां बा की संभावनाएं बूत हैंजो उद्योग की वहनीयवृद्धि और विकास का मार्ग प्रशस्त कर रही है। स्टेनलेस स्टील उद्योग केविकास में डीकार्बनाइजेशन सबसे बड़ी प्रेरक भूमिका है। ग्रीनहाउस गैसउत्सर्जन कम करने के लिहाज़ से स्टेनलेस स्टील, एल्यूमीनियम को कोमात देता है।

इस बीच, वर्ल्ड स्टेनलेस के महासचिव श्री टिम कॉलिन्स ने कहा, “स्टेनलेस स्टील उद्योग के पास भवन निर्माण और बुनियादी ढांचा क्षेत्र मेंव्यापक अवसर हैं। भवन निर्माण और बुनियादी ढांचा उद्योग अक्सरस्टेनलेस स्टील के उपयोग को महत्त्व नहीं देता है। विनिर्माण गतिविधि मेंसुधार के मद्देनज़र इस साल वैश्विक स्टेनलेस स्टील की मांग फिर सेबढ़ेगी। स्टेनलेस स्टील का पर्यावरण पर प्रभाव बेहद सकारात्मक है।

 

 

इस अवसर परआईएसएसडीए के अध्यक्ष राजमणी कृष्णमूर्ति ने कहा: “हमने विचारों का आदान-प्रदान करने और उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए संपूर्ण स्टेनलेस स्टील मूल्य श्रृंखला को एक साथ लाने के लिए पहली बार आईएसएसई का आयोजन किया है। आईएसएसई सभी सम्बद्ध पक्षों के साथ-साथ अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए बढ़ती खपत और उद्योग के विकास के संबंध में अपनी चिंताओं को व्यक्तकरने के लिए सरकार के साथ जुड़ने के लिए एक मंच है। भारत सबसे बड़ा बाज़ार है और यह एकमात्र देश है जहां स्टेनलेस स्टील की खपत बढ़ रही हैइसलिए हम चाहते हैं कि सरकार घरेलू कंपनियों को इस संभावित बाजार में पहुंच प्रदान करें। इसडा (ISSDA)की सरकार सेअपील है कि भारत में स्टेनलेस स्टील उद्योग को बढ़ावा देने के लिए आयात निर्यात नियमों को और स्पष्ट और सुसंगत बना

 

एक्सपो के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशकश्री अभ्युदय जिंदल ने कहा, "मैं अपने सभी एमएसएमई भागीदारों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि निकट भविष्य में स्टेनलेस स्टील में उछाल बढ़ौतरी की उम्मीद है और मैं आप सभी को इस विकास का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करता हूं... पहला कदम जो हमें उठाने की जरूरत है, वह है हमारे उद्योग में विखंडन के मुद्दे का समाधान करना। यह ज़रूरी है कि हम सभी इन मुद्दों का समाधान करने की कोशिश मेंएकजुट हों। इसी वजह से आईएसएसई जैसे मंच महत्वपूर्ण हैंताकि हम सभी अपने अलग-अलग दृष्टिकोणों के साथ एकजुट हो सकेंअपनी समझ साझा कर सकें और पूरे उद्योग के लिए आगे का रास्ता तयकर सकें।