सरस मेले में महिला समूहों के लिए आयोजित की कार्यशाला

 


*मार्केटिंग में मिलेट्स के लिए चुनौतियां और अवसर की दी जानकरी*

*सरस मेले में वीकेंड पर उमड़ा जनसैलाब, जमकर की खरीदारी*

*सरस आजीविका मेला 2023 का रविवार अंतिम दिन*

*सरस मेले के अंतिम शनिवार को खरीदारी के साथ उठाया आनंद*

*हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम उत्पाद रहे सरस मेले का आकर्षण*

*विभिन्न राज्यों के कलाकार मंच पर कर रहे अपनी सांस्कृतिक कला का प्रदर्शन*

नोएडा। सैक्टर-33 ए स्तिथ नोएडा हाट में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा आयोजित सरस  मेले में शनिवार को भारी संख्या में खरीदारों का जनसैलाब उमड़ा जहां एक ओर लोगों ने यहां जमकर खरीदारी की, वहीं दूसरी ओर विभिन्न राज्यों केवयं जन एवं मिलेट्स के व्यंजनों का स्वाद चखा। केंद्र सरकार का तीसरा सरस आजीविका मेला रविवार, 05 मार्च को समापन की ओर बढ़ रहा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा आयोजित इस सरस आजीविका मेला अब मात्र एक दिन के लिए है, जिसका विधिवत समापन रविवार को होगा। मेले के अंतिम दिनों में तीसरे दिन शुक्रवार को उत्पादों पर विशेष छूट का लाभ उठाते हुए यहां जमकर खरीदारी की गई।

सरस आजीविका मेले में शनिवार को राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान के द्वारा एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। मार्केटिंग में मिलेट्स के लिए चुनौतियां और अवसर विषय पर आयोजित वर्कशॉप में महिला समूहों को कुशल मार्केटिंग के तरीके बताए गए। एंसिएंट गोल्डन मिल की सीईओ शुभांगी सिंह ने बताया कि आज के खानपान में मोटे अनाज जैसे बाजरा, ज्वार तथा रागी आादि को शामिल करना समय की जरूरत है। मिलेट्स को अपनाने में आज दुनियाभर के 72 देशों का समर्थन मिल रहा है। हमें भी अपने भोजन में इसे शामिल करना है। इसके लिए हमारी सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास कर रही है। उन्होंने मिलेट्स खाओ, खुद जान बचाओ पर चर्चा करते हुए कहा कि स्वस्थ रहने के लिए मोटा अनाज अत्यंत जरूरी है। यहां मुख्य रूप से एनआईआरडीपीआर के सहायक निदेशक चिरंजीलाल कटारिया, सुधीर कुमार सिंह तथा सुरेश प्रसाद सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपसिथत रहे।

सरस आजीविका मेले में रविवार तक 20 प्रतिशत का डिस्काउंट रखा गया है। 

शनिवार को यहां सभी राज्यों के हस्तशिल्प उत्पादों की लोगों ने जमकर खरीदारी की। मेले में इस बार उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, सिक्किम, केरल, असम, नगालैंड, ओडिशा, पंजाब, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, झारखंड, लद्दाख, तमिलनाडु, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, गोवा, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मणिपुर तथा राजस्थान समेत 30 राज्यों की हस्तशिल्प कला प्रदर्शनी का आयोजन हो रहा है, जबकि देश भर के 20 राज्यों की 80 गृहणियों के समूह ने अपने प्रदेश के प्रसिद्ध क्षेत्रीय व्यंजनों के स्टाल लगाए हैं,  जिनमें हर प्रदेश के क्षेत्रीय व्यंजनों के स्वाद का अनोखा आनंद प्राप्त हो रहा है। इसके साथ ही यहां 01 मार्च से मेले के अंतिम दिन 05 मार्च तक श्री अन्न महोत्सव के तहत मोटे अनाज के स्वादिष्ट व्यंजन भी परोसे जा रहे हैं।

सरस मेले के 16वें दिन यहां कलाकारों ने लोकनृत्य की शानदार प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोहा। इसके साथ ही अन्य सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से भी लोगों का भरपूर मनोरंजन किया।  मेले में शनिवार को विभिन्न राज्यों के आकर्षक उत्पादों, खासकर हैंडलूम तथा हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स की जमकर खरीददारी की गई। आंध्र प्रदेश की नर्रा सुनीथा के समूह विनायका के फूड प्रोडक्ट्स की लोगों ने जमकर खरीददारी की। आंध्रा के ही के रेवाथी के हैंडीक्राफ्ट उत्पाद जैसे वुड कार्विंग लोगों की खसी पसंद बने। असम की सविता के समूह के हैंडीक्राफ्ट उत्पादों की खासी धूम रही। असम से ही पम्पी तलुकदार के मां लक्ष्मी समूह के हैंडीक्राफ्ट के बम्बू प्रोडक्ट्स की महिलाओं ने जमकर खरीददारी की। उधर बिहार के सत्तू लोगों की पसंद बने।