ज्ञानश्री विद्यालय नोएडा ने हल्दीराम सोसाइटी के अध्यक्ष एम.एल. अग्रवाल के सम्मानित संरक्षण में अपना दसवां वार्षिकोत्सव मनाया




 ज्ञानश्री अभिमंच 2025: नदीतमा कालातीत सरस्वती को नमन  

नोएडा (अमन इंडिया) । ज्ञानश्री विद्यालय नोएडा ने हल्दीराम सोसाइटी के अध्यक्ष  एम.एल. अग्रवाल के सम्मानित संरक्षण में  अपना दसवां वार्षिकोत्सव, अभिमंच 2025 मनाया। 'नदीतमा कालातीत गाथा' विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में “नदियों में सर्वश्रेष्ठ नदी सरस्वती” की गौरव गाथा को दर्शाया गया। जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और स्थायी सभ्यतागत विरासत के प्रति विद्यालय की दृढ़ प्रतिबद्धपरता को दर्शाता है। समारोह की शुरुआत वार्षिक रिपोर्ट द्वारा हुई । जिसमें वर्ष की शैक्षणिक उपलब्धियों, नवाचारों और उल्लेखनीय पुरस्कारों को प्रस्तुत किया गया। इसने श्रीयंस की प्रभावशाली राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों को प्रदर्शित किया, जिससे समग्र और मूल्य-आधारित वैश्विक शिक्षा के प्रति विद्यालय की प्रतिबद्धता और भी सुदृढ़ हुई।

कार्यक्रम के पहले दिन सुशांत विश्वविद्यालय के प्रो-वाइस चांसलर डॉ. संजीव शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि एमिटी विश्वविद्यालय की आउटरीच प्रमुख सुश्री निशि मिश्रा और प्रोफेसर डॉ. संदीप सक्सेना विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। दूसरे दिन श्रीमती लक्ष्मी सिंह, पुलिस आयुक्त, गौतम बुद्ध नगर, तथा प्रो. (डॉ.) श्रोभित माथुर, सह-संस्थापक एवं वाइस चांसलर, ऋषिहुड विश्वविद्यालय, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

अतविशिष्ट अतिथि जान्हवी पंवार, प्रसिद्ध युवा बहुभाषी और प्रेरक वक्ता भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने हेतु उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता एम. एल. अग्रवाल ने प्रतिष्ठित कार्यकारी समिति के सदस्यों के साथ मिलकर की। 

गणमान्य अतिथियों ने माँ सरस्वती की वंदना के साथ दीप प्रज्ज्वलित किया। तत्पश्चात विद्यालय की गायक मंडली द्वारा "ड्रीम्स ऑफ़ द सेरेन्गेटी" प्रस्तुत किया गया, जिसमें विद्यार्थियों की प्रभावी संगीतमय प्रस्तुति से  विद्यालय का प्रांगण गूँज उठा । शाम का मुख्य आकर्षण, ‘नदितामा’ रहा, जिसमे  संगीत, नृत्य, नाट्य और कथन के माध्यम से सरस्वती नदी की कालातीत यात्रा को अत्यंत प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया गया। विद्यालय की इस उत्कृष्ट प्रस्तुति ने भारत की सांस्कृतिक धरोहर तथा ज्ञान और विवेक की चिरस्थायी परंपराओं को खूबसूरती से सम्मानित किया |

डॉ. संजीव शर्मा ने विद्यार्थियों और शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत इस अर्थपूर्ण एवं सौंदर्यपूर्ण कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने बताया कि ऐसे मंच विद्यार्थियों को भारत की सांस्कृतिक जड़ों से और अधिक गहरे स्तर पर जोड़ते हैं, और टीमवर्क, सहानुभूति तथा चिंतनशीलता को प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने ज्ञानश्री विद्यालय  की परंपरा और नवाचार के सुंदर समन्वय की प्रशंसा की, जो जिम्मेदार और संवेदनशील भविष्य के नेताओं को तैयार करता है। 

पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने युवाओं को उद्देश्यपूर्ण विकास और नागरिक चेतना की ओर प्रेरित किया। उन्होंने शिक्षा को आजीवन यात्रा बताते हुए ज्ञानश्री के मूल्य-आधारित वातावरण की सराहना की तथा विद्यार्थियों से तेजी से बदलते समय में सफल होने हेतु अपने ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण को सुदृढ़ करने का आग्रह किया।

डॉ. श्रोभित माथुर ने कहा कि प्रतिभा की प्रारंभिक पहचान सीखने की क्षमता को मजबूती प्रदान करती है । उन्होंने विद्यार्थियों को जिज्ञासु बने रहने, सार्थक प्रश्न पूछने, सृजनकर्ता  और समस्या-समाधानकर्ता के रूप में कार्य करने, मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने और ऐसा कार्य करने की सीख दी जो उन्हें वास्तविक आनंद प्रदान करे।

प्रधानाचार्या प्रियंका भटकोटी ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डाला और बताया कि किस प्रकार यह हमारे मूल्यों, दृढ़ता और ज्ञान को विकसित करती है। समारोह का समापन भारत की कालातीत धरोहर को समर्पित एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि के साथ हुआ, जिसने विद्यार्थियों को ज्ञान, संस्कृति, नवाचार और हमारी नदियों के संरक्षण के प्रति जागरूक एवं समर्पित रहने के लिए प्रेरित किया।