नई दिल्ली (अमन इंडिया) । हज कमेटी आफ़ इंडिया के साबिक मेंबर, इंटरनेशनल इक्विटेबल ह्यूमन राइट्स काउंसिल के नैशनल प्रेसिडेंट और पसमांदा मुस्लिम समाज उत्थान समिति संघ के राष्ट्रीय मुख्य संरक्षक, वरिष्ठ समाजसेवी मोहम्मद इरफ़ान अहमद ने एक प्रेस बयान में कहा कि हमारे प्रिय नबी हज़रत मोहम्मद-ए-मुस्तफ़ा ﷺ के अनंत सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक संदेश पर समाज दृढ़ता से खड़ा है। हमारा अपने नबी करीम से प्रेम और आदर अटूट और अटल है।
यदि कोई भी नबी करीम ﷺ का अपमान करने का प्रयास करता है तो हमें भारतीय संविधान की शरण में जाकर न्याय की मांग करनी चाहिए। हमें अपनी न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है।
नबी करीम हज़रत मोहम्मद ﷺ से सच्चा प्रेम केवल शब्दों में नहीं, बल्कि उनके बताए रास्ते पर चलने में है। इरफ़ान अहमद ने सभी नागरिकों से यह विनम्र अपील की है कि वे नबी करीम ﷺ का सम्मान उनके बताए मूल्यों, शांति, समानता, सद्भाव, न्याय, शिक्षा, विकास और करुणा को अपनाकर करें। यही उनके लिए सबसे बड़ा सच्चा सम्मान और प्रेम होगा।
साथ ही हमें यह भी समझना होगा कि सड़कों पर उतरकर हिंसा करना न केवल इस्लाम की मूल शिक्षाओं को ठेस पहुँचाता है, बल्कि हमारे देश की सांप्रदायिक सौहार्द्रता पर भी अनावश्यक दबाव डालता है। एक सच्चे मुसलमान के रूप में हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि इस समय देशभर में विभिन्न हिंदू त्योहार जैसे दुर्गा पूजा, शारदीय नवरात्र, दशहरा आदि मनाए जा रहे हैं। ऐसे पावन त्योहारों के अवसर पर सड़कों पर प्रदर्शन करना मुस्लिम समाज की ओर से उचित संदेश नहीं देगा और भाईचारे की भावना को ठेस पहुँचा सकता है।
मैं इसलिए मुस्लिम समाज सहित सभी धर्मों के नागरिकों से अपील करता हूँ कि वे उच्चतम स्तर का सामाजिक आचरण और सौहार्द बनाए रखें। हमारा संकल्प होना चाहिए कि हम अपने राष्ट्र की सामाजिक बुनियाद को सुरक्षित रखें, शांति और आपसी सम्मान बनाए रखें और अपने प्रिय नबी करीम ﷺ का शाश्वत पैग़ाम-ए-मोहब्बत, अमन और इंसानियत दुनिया तक पहुँचाएँ।