-पर्याप्त पानी न पीने से यूरिन पतला नहीं होता और बैक्टीरिया बाहर नहीं निकल पाने से बढ़ता है संक्रमण
-टॉयलेट जाने से बचने के लिए पेशाब रोककर रखने से बैक्टीरिया यूरिनरी ब्लैडर में फैलता है संक्रमण
नोएडा (अमन इंडिया)। सर्दियों का मौसम अपने साथ ठंडी हवाएं और सुहानी ठंडक लेकर आता है, लेकिन इस मौसम में स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं भी बढ़ जाती हैं। खासतौर पर महिलाओं में यूरिन संक्रमण (यूटीआई) का खतरा सर्दियों में अधिक हो जाता है। यूरोलॉजिस्ट डॉक्टरों के अनुसार ठंड के मौसम में पानी का सेवन कम होने और कुछ अन्य कारणों की वजह से यूटीआई संक्रमण तेजी से बढ़ता है।
फेलिक्स अस्पताल के यूरोलॉजिस्ट डॉ. भंवर लाल बरकेसिया का कहना है कि यूरिन संक्रमण जिसे आमतौर पर यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) कहा जाता है। यह तब होता है जब बैक्टीरिया यूरिन मार्ग में प्रवेश कर जाते हैं और संक्रमण का कारण बनते हैं। यह संक्रमण यूरिनरी ब्लैडर, यूरेटर और गुर्दे तक भी पहुंच सकता है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर समस्या का रूप ले सकता है। सर्दियों में ठंड के कारण लोग सामान्य से कम पानी पीते हैं, जिससे यूरिनरी ब्लैडर में बैक्टीरिया के पनपने की संभावना बढ़ जाती है। पर्याप्त पानी न पीने से यूरिन पतला नहीं होता और बैक्टीरिया बाहर नहीं निकल पाते। ठंड के मौसम में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ठंड में बार-बार टॉयलेट जाने से बचने के लिए लोग पेशाब रोककर रखते हैं, जिससे बैक्टीरिया यूरिनरी ब्लैडर में अधिक देर तक रहकर संक्रमण फैलाते हैं। सर्दियों में ज्यादा गर्म कपड़े पहनने से शरीर का निचला हिस्सा गर्म और पसीने से भरा रहता है, जिससे बैक्टीरिया पनप सकते हैं। ठंड में लोग तली-भुनी और भारी चीजें ज्यादा खाते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। यूटीआई का इलाज शुरू में ही किया जाए, तो यह जल्दी ठीक हो सकता है। संक्रमण की गंभीरता के आधार पर डॉक्टर एंटीबायोटिक्स की दवा देते हैं। इसे डॉक्टर की सलाह के अनुसार पूरा करें। पेशाब के दौरान होने वाले दर्द को कम करने के लिए दर्द निवारक दवाएं दी जाती हैं। संक्रमण को जल्दी ठीक करने के लिए शरीर को हाइड्रेट रखना जरूरी है। यह बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद करता है। क्रैनबेरी जूस को यूटीआई के लिए फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि यह बैक्टीरिया के मूत्राशय की दीवार पर चिपकने की क्षमता को कम करता है। बचाव के लिए जरूरी है कि ठंड में भी कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं। यह मूत्र मार्ग को साफ रखने में मदद करता है। गुप्तांगों की स्वच्छता का ध्यान रखें। खासतौर पर टॉयलेट का उपयोग करने के बाद साफ-सफाई पर ध्यान दें। सर्दियों में बहुत तंग और सिंथेटिक कपड़े पहनने से बचें। सूती कपड़ों का उपयोग करें जो त्वचा को सांस लेने दें। पेशाब को रोकने की आदत छोड़ें। जितनी बार पेशाब की इच्छा हो, तुरंत टॉयलेट जाएं। फलों और सब्जियों का सेवन बढ़ाएं, जिनमें विटामिन सी की मात्रा अधिक हो। यह प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। सार्वजनिक टॉयलेट का उपयोग करते समय सावधानी बरतें। यूरोलॉजिस्ट डॉक्टरों के अनुसार, सर्दियों में यूटीआई संक्रमण से बचने के लिए जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव किए जा सकते हैं। जैसे कि दिन की शुरुआत गर्म पानी के एक गिलास से करें, जिससे शरीर डिटॉक्स हो सके। नियमित रूप से व्यायाम करें ताकि शरीर का रक्त प्रवाह सही बना रहे। इसके अलावा, ठंड के मौसम में विशेष रूप से साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए। सर्दियों में यूटीआई संक्रमण एक आम समस्या है, लेकिन यह पूरी तरह से बचाव योग्य है। सही जीवनशैली, स्वच्छता और पानी का सही मात्रा में सेवन करके इस संक्रमण से बचा जा सकता है। यदि लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। समय पर इलाज न केवल संक्रमण को बढ़ने से रोकेगा, बल्कि गंभीर समस्याओं से भी बचाएगा।
यूटीआई के लक्षणः
बार-बार पेशाब आना
पेशाब करते समय जलन या दर्द
पेशाब में दुर्गंध
पेट के निचले हिस्से में दर्द या दबाव
पेशाब का रंग गहरा या खून आना
ठंड लगना या बुखार
यूटीआई से बचाव के उपायः
पानी अधिक पिएं
स्वच्छता का ध्यान रखें
कपड़ों का चयन
पेशाब न रोकें
संतुलित आहार
टॉयलेट का सही उपयोग