नोएडा (अमन इंडिया ) । भारत की ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनी एचसीएल टेक के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी एजेंडे को संचालित करने वाले संगठन एचसीएल फाउंडेशन ने एचसीएलटेक ग्रांट इंडिया के 10वें एडिशन को लॉन्च किया है। एचसीएलटेक ग्रांट इंडिया का यह नया एडिशन NGO को अपनी क्षमता का विस्तार करने और समुदायों में स्थायी बदलाव लाने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
एचसीएलटेक ग्रांट इंडिया का 10वां संस्करण एक प्रतिष्ठित जूरी द्वारा चुने गए नौ NGO को 16.5 करोड़ रुपए (2.2 मिलियन डॉलर) की फंडिंग उपलब्ध कराएगा। यह ग्रांट पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे विषयों पर सतत ग्रामीण विकास की दिशा में प्रयास करने वाली अग्रणी परियोजनाओं को प्रदान किया जाएगा। NGO अपना आवेदन hclfoundation.org/hcltech-grant पर जमा कर सकते हैं। इसकी अंतिम तिथि 25 जून, 2024 है।
निधि पुंढीर, वाइस प्रेसिडेंट, ग्लोबल सीएसआर, एचसीएलटेक और डायरेक्टर, एचसीएलफाउंडेशन ने कहा, “एचसीएलटेक ग्रांट जमीनी स्तर के संगठनों की मदद करने और भारत के लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हम पूरे भारत में NGO के नए प्रोजेक्ट की समीक्षा करने और एचसीएलटेक ग्रांट के माध्यम से इन प्रभावशाली पहलों को मदद प्रदान करने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं।”
एचसीएलफाउंडेशन ने एचसीएलटेक ग्रांट के माध्यम से अब तक 146.95 करोड़ रुपए (18 मिलियन डॉलर) की प्रतिबद्धता जताई है। ग्रांट के 9वें एडिशन में, द कॉर्बेट फाउंडेशन (गुजरात के एक जिले के 16 गांवों को कवर करने वाला), संगथ (मध्य प्रदेश के तीन जिलों के 4,060 गांवों को कवर करने वाला) और मक्कला जागृति (कर्नाटक के एक जिले के 451 गांवों को कवर करने वाला) को क्रमश: पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में चार साल की अवधि प्रोजक्ट के लिए प्रत्येक को 5 करोड़ रुपए (लगभग 609,000 डॉलर) मिले।
हर साल, एचसीएलफाउंडेशन ने द फिफ्थ एस्टेट - द एचसीएलटेक ग्रांट कम्पेंडियम का प्रकाशन किया है। यह शॉर्टलिस्ट
किए गए 30 NGO का एक व्यापक, फोटो-डॉक्यूमेंटेड एसेसमेंट है, जो पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सर्वोत्तम प्रथाओं की जानकारी प्रदान करता है। पुरस्कार जीतने वाले एनजीओ का चयन सात-चरण वाली एक कठोर स्क्रीनिंग प्रक्रिया के जरिए किया जाता है। इन प्रक्रियाओं में आवेदनों और प्रस्तावों की समीक्षा, फील्ड ऑडिट और सही प्रक्रिया को शामिल किया जाता है।