नोएडा (अमन इंडिया) । नोएडा 14 फरवरी को भारत बचाओ, संविधान बचाओ आंदोलन की प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। पत्रकारों से चर्चा करते हुए भारत बचाओ, संविधान बचाओ आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय गुर्जर ने कहा कि अडानी ने इतना बड़ा ऋण स्टेट बैंक और बीमा कंपनी से लिया और सब पैसा डूब गया, देश के प्रधानमंत्री ने पल्ला झाड़ लिया और लोक सभा में कहा कि अडानी के किसी भी मामले की हमें जानकारी नहीं है।
इस तरह का कथन सरकार का बिल्कुल गलत है। हमारी मांग है कि सरकार इसपर अपना रुख साफ करे। दूसरा देश में समाजों को बांटने की राजनीति बन्द हो, शूद्रों को नीचा दिखाने का कार्य चल रहा है, शूद्र और अशूद्र क्या है? जो लोग मंदिरों पर बैठ कर भगवान के नाम पर माल खा रहे हैं वे किस श्रेणी में आते हैं वह भी बताएं? मंदिरों पर रुपया, सोना-चांदी का चढ़ावा बन्द हो, भगवान धन के भूखे नहीं हैं वे पूरी दुनिया को देते हैं तो उन के लिए यह चढ़ावा बन्द हो, फूल और प्रशाद ही चढ़े। इस मौके पर मुंबई से आए सामाजिक कार्यकर्ता इस्माइल बाटलीवाला ने संजय गुर्जर को और उनके साथियों को एनआरसी का मसौदा दिया। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष खुर्शीद आलम अहारवी ने मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को एमसपी को तुरंत लागू कर देना चाहिए क्योंकि किसानों की फसल आ रही है। किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिल सके इसलिए अगर सरकार किसानों का हित समझती है तो उन्हें इस मुद्दे को गम्भीरता से लेना होगा, नहीं तो भारतीय किसान यूनियन एस इस पर आंदोलन की रणनीति बना रही है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवराज सिंह पंवार ने कहा कि हम पूरे देश में पिछड़ों को एक कर रहे हैं। अबकी बार केंद्र सरकार में पिछड़ों की मजबूत भागीदारी के लिए हम सब लामबंद हो रहे हैं। राष्ट्रीय शांति वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवनऋषि महाराज ने कहा भारत बचाओ, संविधान बचाओ आंदोलन देश में एकता-अखण्डता का कार्य कर रहा है और देश की जनता के संवैधानिक मुद्दों की लड़ाई लड़ रहा है। भारत बचाओ, संविधान बचाओ आंदोलन के राष्ट्रीय महासचिव नईम मंसूरी ने कहा कि सर्वधर्म व सभी समाजों के लोग आंदोलन से जुड़ रहे हैं, आगामी भविष्य में भारत बचाओ, संविधान बचाओ आंदोलन देश का सबसे बड़ा संगठन होगा। इस मौके पर भारत बचाओ, संविधान बचाओ आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय गुर्जर ने सैयद असलम को भारत बचाओ, संविधान बचाओ आंदोलन का उत्तर प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष बनाने की घोषणा की। मौजूद लोगों में शाहिद सैफी, प्रदेश महासचिव फकरुदीन मेवाती, युसुफ अलवी सहित भारी संख्या में आंदोलन व अन्य संगठनों के नेता मौजूद रहे।