गलगोटिया विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ लिबरल एजुकेशन के द्वारा यूरोपीय अध्ययन का परिचय

 गौतम बुद्ध नगर (अमन इंडिया)। Iगलगोटिया विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ लिबरल एजुकेशन के द्वारा यूरोपीय अध्ययन का परिचय


और अवधारणाएं, रुझान के अवसर" विषय पर 14 दिवसीय सर्टिफिकेट ओरिएंटेशन प्रोग्राम (एफडीपी) का शुभारम्भ किया गया। यह एफडीपी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के जीन मोनेट प्रोजेक्ट के सहयोग से हाइब्रिड मोड पर आयोजित की जा रही है। जिसका उद्देश्य समकालीन यूरोपीय अध्ययन में रुचि रखने वाले विविध शैक्षणिक पृष्ठभूमि के शिक्षार्थियों को महत्वपूर्ण कौशल की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करना है। कार्यक्रम को विशेष रूप से एक पाठ्यक्रम के आधार पर बनाया गया है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है। कार्यक्रम में भारत में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि और पोलिश राजदूत एच.ई. एडम बुराकोव्स्की और मिशन के उप प्रमुख एच.ई. सेप्पो नूरमी ने भाग लेकर उद्घाटन सत्र को संबोधित किया, और भारत और यूरोपीय संघ के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में पूर्व विदेश सचिव एवं राजदूत शशांक ने एक विशेष व्याख्यान दिया और यूरोप और एशिया के बीच उभरती प्रवृत्तियों पर अपने विचार व्यक्त किए। गलगोटिया विश्वविद्यालय की संचालन निदेशक आराधना गलगोटिया ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और नई शिक्षा नीति को मजबूत करने और समकालीन यूरोपीय अध्ययनों के विभिन्न आयामों पर एक बहु-विषयक शिक्षा प्रदान करने के लिए उभरते क्षेत्र अध्ययन के महत्व पर प्रकाश डाला। विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति प्रो0 डाॅ0 प्रीति बजाज ने अथितियों का स्वागत करते हुए सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ दी। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के जीन-मोनेट प्रोजेक्ट, सेंटर फॉर यूरोपियन स्टडीज की समन्वयक डॉ0 शीतल शर्मा ने राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से यूरोप और इसके विभिन्न संस्थानों की व्यापक समझ प्रदान करने के लिए अकादमिक सहयोग के महत्व को रेखांकित किया। इस कार्यक्रम में गलगोटिया विश्वविद्यालय और देश भर के अन्य विश्वविद्यालयों के लगभग ४00 छात्रों, शोध विद्वानों और शिक्षकों ने पंजीकरण किया है जो अगले 14 दिनों तक सर्वश्रेष्ठ व्याख्यान और अभिविन्यास सत्रों में भाग लेंगें। उद्घाटन सत्र का समापन कार्यक्रम की संयोजक डाॅ0 मान्शी सिंहा के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। इस दौरान स्कूल के सभी अध्यापक मौजूद रहे