निगम पार्षद वीना विरमानी व आस्था वेलफेयर सोसाइटी ने जागरूकता कार्यक्रम आयोजन किया


दिल्ली (अमन इंडिया)। सूक्ष्म खाद्य उद्यमों को बढ़ावा देगी पीएमएफएमई की योजना आत्मनिर्भर भारत अभियान” के तहत डीएसआईआईडीसी पीएम फॉरमलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज यानि पीएमएफएमई की योजना के लिए कार्यान्वयन का काम कर रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित क्षेत्र में मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म खाद्य उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना और क्षेत्र के औपचारिककरण को बढ़ावा देना है। योजना के प्रति जागरूक करने लिए को रमेश नगर की निगम पार्षद वीना विरमानी व आस्था वेलफेयर सोसाइटी ने जागरूकता कार्यक्रम आयोजन किया


जिसमे 100 से ज्यादा महिलाओं प्रतिभागियों ने भाग लिया कार्यक्रम की अध्यक्षता डीएसआईआईडीसी के मुख्य प्रबंधक  शोभित गुप्ता ने की। इस अवसर पर आस्था वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष गुलशन राय विरमानी ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। सुनील अरोड़ा, प्रबंधक, डीएसआईआईडीसी ने स्वरोजगार की आवश्यकता के बारे में बताया और पीएमएफएमई योजना के उद्देश्य और लाभों के बारे लोगों को अवगत किया। शोभित गुप्ता, मुख्य प्रबंधक, डीएसआईआईडीसी ने प्रतिभागियों को खाद्य क्षेत्र में अपना उद्यम शुरू करने के लिए प्रेरित किया व PMFME योजना आत्मानिभर भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री मोदी की एक प्रमुख योजना है, इस योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए व्यक्ति को दो करोड़ तक का संपार्श्विक मुक्त ऋण प्रदान किया जाता है। सरकार द्वारा 35% या 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है। वृद्धिशील उत्पादन पर 2% की दर से ब्याज सबवेंशन भी दिया जाता है। यह योजना एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पर ध्यान केंद्रित करते हुए अखिल भारतीय आधार पर सफलतापूर्वक चल रही है। दिल्ली में, बेकरी, नमकीन और दूध आधारित उत्पादों को ओडीओपी के रूप में चुना जाता है। उपकरणों और मशीनरी की खरीद के लिए एएलएफ के माध्यम से एसएचजी को 40,000 प्रति सदस्य भी प्रदान की जाएगी तकनीकी सत्र के दौरान अंकित कुमार, विपणन प्रबंधक, पीएमएफएमई योजना पर विस्तार से प्रस्तुति दी थी। शील कांत शर्मा, राज्य मिशन प्रबंधक एनयूएलएम ने प्रतिभागियों को समूह बनाने और समूह में सामूहिक रूप से काम करते हुए पीएमएफएमई योजना का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। वे स्वयं सहायता समूह के गठन और पंजीकरण के विभिन्न पहलुओं के विषय में विस्तार से बताया। क्रियेटिव डॉयरेक्टर सुनील पाराशर ने कहा की इस योजना से गरीब तबके की महिलाओं को समूह में काम करने का अवसर मिलेगा .के. ओझा डीआरपी वेस्ट डिस्ट्रिक्ट ने योजना में आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के बारे में बताया प्रतिभागियों ने प्रश्नोत्तर सत्र में अपनी शंकाओं का समाधान किया।