नोएडा(अमन इंडिया)। डॉ अनुपम बिस्वास, कंसल्टैंट – एंडोक्राइनोलॉजी फोर्टिस हॉस्पीटल नोएडा ने कहा ''दुनियाभर में सबसे ज्यादा मधुमेह रोगी भारत में
हैं ओर एक अनुमान के मुताबिक, 2045 तक भारत चीन को पछाड़कर दुनिया की मधुमेह राजधानी बन जाएगा। अब कोविड-19 महामारी के बाद तथा स्टेरॉयड्स के अत्यधिक इस्तेमाल के चलते मधुमेह रोगियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। बहुत से ऐसे लोगों में भी मधुमेह का पता चला है जो इससे अनजान थे लेकिन कोविड-19 से प्रभावित होने के बाद इलाज के दौरान, यह रोग पकड़ में आया। मैं हर दिन 10 से 15 मधुमेह रोगियों को देखता हूं और मैंने यह पाया कि पुरुषों में टाइप2 डायबिटीज़ की आशंका अधिक है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि महिलाओं में रजोनिवृत्ति से पूर्व तक (प्रीमेनोपॉज़ल) शरीर में बनने वाला हार्मोन इस्ट्रोजेन उनमें इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करता है, जो कि टाइप2 मधुमेह में प्रमुख पैथोलॉजिकल विकार है। दुर्भाग्यवश, अभी तक भी भारत में मधुमेह की विकटता को लेकर जागरूकता नहीं है। इस ओर ध्यान देना जरूरी है ताकि लोग नियमित रूप से अपनी स्वास्थ्य जांच करवाएं जिससे मधुमेह और इसके परिणामस्वरूप पैदा होने वाली जटिलताओं के बारे में जल्द से जल्द पता चल सके। इसलिए, इस विश्व मधुमेह दिवस पर सभी को नियमित स्वास्थ्य जांच का संकल्प लेना चाहिए ताकि समय पर इस रोग का पता लग सके और समुचित रूप से इसका उपचार शुरू हो सके।''