गुजरात स्थित शैक्षिक संगठन की ग्रेटर नोएडा में पैरामेडिकल साइंसिस इंस्टीट्यूट स्थापित करने की योजना



गुजरात स्थित शैक्षिक संगठन की ग्रेटर नोएडा में पैरामेडिकल साइंसिस इंस्टीट्यूट स्थापित करने की योजना


-गुजरात का सरदार पटेल ऐजुकेशन ट्रस्ट उ.प्र. के युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट स्थापित करने का इच्छुक है ताकी राज्य व देश में स्वास्थ्य कार्यबल की कमी को दूर करने में सहयोग किया जा सके यदि नोएडा प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा स्थित एक निष्क्रिय समाज के अधिग्रहण की मंजूरी दे दे तो ग्रेटर नोएडा में शीघ्र ही इंस्टीट्यूट आफ पैरामेडिकल एंड साइंस की शुरुआत हो जाएगी


नोएडा (अमन इंडिया अकरम चौधरी)। गुजरात के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संगठन सरदार पटेल ऐजुकेशन ट्रस्ट ने उत्तर प्रदेश में इंस्टीट्यूट आफ पैरामेडिकल एंड साइंस स्थापित करने की इच्छा व्यक्त की है। इस हेतु, ट्रस्ट ने ग्रेटर नोएडा को चिन्हित किया है क्योंकि इंफ्रास्ट्रक्चर, उद्योग और कनेक्टिविटी के लिहाज़ से इस इलाके में संस्थान स्थापित करने के बहुत से लाभ हैं। 


भारत में प्रति दस हज़ार की आबादी पर स्वास्थ्य कर्मियों का घनत्व काफी कम है और भारतीय राज्यों में स्वास्थ्य कार्यबल का वितरण बहुत ही असमान है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत को 18 लाख डाॅक्टरों, नर्सों और दाईयों की आवश्यकता है तभी वर्ष 2030 तक प्रति दस हज़ार की आबादी पर 44.5 स्वास्थ्य कर्मियों के आंकड़े तक पहुंचा जा सकेगा। भारत की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 की अनुशंसा है की मौजूदा चिकित्सा शिक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाए तथा मध्यम स्तर पर स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए काडर विकसित किया जाए। 


पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट उत्तर प्रदेश के युवाओं को मध्यम स्तर के स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के तौर पर प्रशिक्षित कर के इस अंतर को कम करने की कोशिश करेगा। कोविड महामारी के दौर में जब अस्पतालों को बड़ी तादाद में क्रिटिकल केयर के जरूरतमंद रोगियों को संभालना पड़ा तक यह अंतर हमारे देश की स्वास्थ्य प्रणाली में एक बड़ी कमी के तौर पर उभरा है। पब्लिक 

हैल्थ फाउंडेशन आॅफ इंडिया ने 2012 मंे अपने एक अध्ययन में बताया की भारत में 8.5 लाख अनेस्थेटिक्स, 20.4 लाख डंटल स्टाफ, 1.27 लाख आॅपथैल्मोलाॅजिस्ट एवं आप्टोमेट्रिस्ट, 18 लाख रिहैबिलिटेशन विशेषज्ञों, 61000 मेडिलि लैबोरेट्री टैक्निशियनों, 19000 रेडियोग्राफरों, 7400 आडियोलाॅजी और स्पीच लैंग्वेज विशेषज्ञों तथा 2.3 लाख मेडिकल टेक्नोलाॅजी वर्करों की कमी है। 


स्वास्थ्य कार्यबल में निवेश बढ़ाने से न केवल स्वास्थ्य कर्मियों तक लोगों की पहुंच बेहतर होने से भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली मजबूत होगी बल्कि स्वास्थ्य पेशेवरों, सहयोगी स्वास्थ्य कर्मियों और सबआर्डिनेट/सपोर्ट स्टाफ के लिए रोज़गार पैदा होगा, महिला कार्यबल में वृद्धि होगी और सकल रोज़गार में औपचारिक रोज़गार की हिस्सेदारी में इज़ाफा होगा। सरदार पटेल ऐजुकेशन ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी और सचिव बी.एन. पटेल ने कहा, ’’उत्तर प्रदेश में अपने संस्थान पैरामेडिकल एंड साइंस को लाते हुए हम बहुत उत्साहित हैं जिसका लक्ष्य है युवा प्रतिभाओं को स्वास्थ्य कार्यबल बनने का प्रशिक्षण देना जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र में निरंतर पेशेवर आते रहें। अपने विद्यार्थियों के प्लेसमेंट का हमारा रिकाॅर्ड लगातार बहुत अच्छा रहा है जो की 95 प्रतिशत से अधिक है, वास्तव में 2018-19 में तो हमारे 99 प्रतिशत विद्यार्थियों का प्लेसमेंट हमने कराया। इससे सिद्ध होता है की हम कितने उच्च स्तर की शिक्षा अपने विद्यार्थियों को देते हैं और वे यथार्थ के धरातल पर काम करने के लिए बिल्कुल तैयार होते हैं।’’


सरदार पटेल ऐजुकेशन ट्रस्ट ग्रेटर

 नोएडा में अपना बी.एन. पटेल इंस्टीट्यूट आफ पैरामेडिकल एंड साइंस स्थापित करना चाहता है। पहला बी.एन. पटेल इंस्टीट्यूट आफ पैरामेडिकल एंड साइंस (पैरामेडिकल डिविज़न) वर्ष 2010 में आणंद, गुजरात में स्थापित हुआ था। संस्थान का मुख्य उद्देश्य है की स्वास्थ्य शिक्षा का नवोन्मेष किया जाए और प्रदेश के युवाओं को अलाइड हैल्थ के क्षेत्र में करियर के मौके मुहैया कराए जाएं। यह संस्थान विभिन्न क्लीनिकल और अकादमिक सुविधाएं प्रदान करता है। इस संस्थान को भारत में अलाइड हैल्थ साइंस के क्षेत्र में उत्तम शिक्षा प्रदान करने के लिए जाना जाता है। यह एकमात्र ऐसा संस्थान है जो हाई ऐल्टीट्यूड पैरामेडिकल सेवाओं का प्रशिक्षण देता है, हिमालयी क्षेत्र से नज़दीकी के मद्देनज़र ग्रेटर नोएडा में संस्थान स्थापित करना सही साबित होगा।


सरदार पटेल ऐजुकेशन ट्रस्ट ने भूखंड की पहचान कर ली है जिस पर फिलहाल एक निष्क्रिय सोसाइटी है, यहां पर 2 संस्थान थे जिन्हें ए.के.टी.यू. की मान्यता वापस ले लिए जाने के बाद बंद कर दिया गया था। 


यह भूखंड ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल लैंड डैवलपमेंट अथाॅरिटी ;ळछप्क्।द्ध द्वारा अब खत्म हो चुकी जय राधा रमण ऐजुकेशन सोसाइटी को आवंटित किया था। बीते कई वर्षों से यह भूखंड बिना इस्तेमाल के पड़ा है। उपरोक्त सोसाइटी को कुछ विदेशी नागरिकों ने अधिग्रहित कर लिया है जिसे रजिस्ट्रार आॅफ सोसाइटीज़ द्वारा भारतीय कानूनों का अल्ट्रा वायरस करार दिया है (संदर्भः दिनांक 1.12.2016 का आदेश)।


इस मुद्दे को ळछप्क्। और उत्तर प्रदेश सरकार (शिक्षा मंत्रालय) के संज्ञान में लाया गया है की विदेशी शिक्षा होल्डिंग कंपनी जिसके चीन से रिश्ते हैं और जिसका आधार बरमूडा में है और जिसकी मालिक सिंगापुर की रैफल्स है - उसने उपरोक्त सोसाइटी का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया है तथा विदेशी मूल के सात नागरिक अब भारत में जय राधा रमण ऐजुकेशन सोसाइटी की गवर्निंग बाॅडी के सदस्य बन चुके हैं।


सरदार पटेल ऐजुकेशन ट्रस्ट के पास उच्च शिक्षा संस्थानों के सफल संचालन का ट्रैक रिकाॅर्ड रहा है। यदि यह भूखंड और इसका मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर सरदार पटेल ऐजुकेशन ट्रस्ट को आवंटित कर दिया जाए तो वर्षों की बजाय महीनों में यहां संस्थान आरंभ हो जाएगा जिससे राज्य के युवाओं को एक ऐसे क्षेत्र की उत्तम शिक्षा मिलेगी जिसकी बहुत जरूरत है और यहां से वे रोज़गार हेतु बिल्कुल तैयार होकर निकलेंगे।