भारतीय लोकतंत्र के लिये सबसे शर्मनाक और ‘‘काला अध्याय: प्रमोद तिवारी


दिल्ली (अमन इंडिया)। केन्द्रीय कांग्रेस वर्किंग कमेटी  के सदस्य तथा आउट रीच एण्ड को-आर्डिनेशन कमेटी, उत्तर प्रदेश के प्रभारी  प्रमोद तिवारी ने कहा है कि यह भारतीय लोकतंत्र के लिये सबसे शर्मनाक और ‘‘काला अध्याय


’’ है, जब भारतीय जनतापार्टी की केन्द्रीय सरकार ने सबसे बड़े विरोधी दल के नेता माननीय  राहुल गांधी जी, अपनी ही सरकार के मंत्री श्री प्रहलाद पटेल और  अष्विनी वैष्णव, मा. सर्वोच्च न्यायालय के तत्कालीन न्यायाधीष और राज्य सभा सांसद श्री रंजन गगोई, पूर्व चुनाव आयुक्त  अषोक लवासा एवं वरिष्ठ पत्रकार सहित लगभग 300 लोगों के फोन की जासूसी इजराइली स्पाइवेयर पेगासस कंपनी द्वारा करायी गयी। यह रिपोर्ट फ्रांस की संस्था ‘‘फाॅरबिडेन स्टोरीज’’ द्वारा लीक नम्बरों के आधार पर तैयार की गयी है, संयुक्त राष्ट्र ने भी इसे अत्यंत चेतावनीपूर्ण मामला करार दिया है ।

 तिवारी ने कहा है कि यह लोकतंत्र के लिये अत्यंत शर्मनाक और घातक है, ऐसे में आदरणीय प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी और केन्द्रीय गृृह मन्त्री  अमित शाह जी को एक क्षण भी ‘‘कुर्सी’’ पर बने रहने का अधिकार नहीं है, जो लोकतंत्र में भी स्वतंत्र अभिव्यक्ति, निष्पक्ष पत्रकारिता, ईमानदारी से कर्तव्य निर्वाहन करने वाले और अत्यंत संवेदनषील मामले पर ऐतिहासिक फैसला देने वाले मा. सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीष  रंजन गगोई, वर्ष 2019 में लोक सभा का चुनाव कराने वाले पूर्व चुनाव आयुक्त श्री अषोक लवासा की निगरानी करायी जाय । लोकतंत्र में यह नहीं हो सकता - यह तो मात्र ‘‘तानाषाही’’ में ही संभव है। ऐसी खबरें है कि रक्षा क्षेत्र से जुड़े हुये महत्वपूर्ण अधिकारी की भी फोन टेपिंग पेगासस द्वारा हुई है । तिवारी ने कहा है कि ऐसा करके लोकतंत्र के 4 स्तम्भों, न्यायपालिका, विधायिका, पत्रकारिता और कार्यपालिका सभी की मान- मर्यादा ध्वस्त की जा रही है । ऐसे में विपक्ष का नैतिक दायित्व बनता है कि वह आपसी भेदभाव भूलकर सरकार पर निर्णायक लोकतांत्रिक प्रहार के लिये एकजुट हो । संपूर्ण प्रकरण की जांच जे.पी.सी.(संयुक्त संसदीय समिति) द्वारा की जाय, जिससे दोषी सामने आयें, क्योंकि यदि दोषी को बचाने की कोषिष की गयी तो यह लोकतंत्र की हत्या होगी ।

 तिवारी ने कहा है कि आदरणीय प्रधामंत्री जी कृृपया यह बतायें कि आपने जिन वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों को मंत्रिमण्डल से हटाया है, कहीं उनको हटाने के पीछे इसी जासूसी रिपोर्ट का हाथ तो नहीं था ? कि वे कुछ ऐसा कर रहे थे जो आपके या देष के हित में नहीं था ?

 तिवारी ने कहा है कि हंसी आती है कि जो सदन में विपक्ष के हंगामे को अनुचित मान रहे है, और जिस भारतीय जनतापार्टी का नया नाम ‘‘भारतीय जासूस पार्टी’’ हो गया है, उसने कई माह तक संसद को नहीं चलने दिया था और जे.पी.सी.(संयुक्त संसदीय समिति) से जांच कराने की मांग की थी, आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी उपदेष दे रहे हैं और परम्परायें बता रहे है, तथा कह रहे हैं कि आदिवासी और महिलाओं मंत्रिमण्डल में लिये जाने से विपक्ष खुष नहीं है ।

आदरणीय प्रधानमंत्री जी ! यह पहली बार नहीं हुआ है कि आदिवासी और महिलायें मंत्री बनायी गयी है पहले भी ये मंत्री बनाये जाते रहे हैं । झारखण्ड और छत्तीसगढ़ में जहांॅ आदिवासी को मुख्यमंत्री बनाना था वहांॅ तो आपने आदिवासी को मुख्यमंत्री नहीं बनाया था, आदरणीय प्रधानमंत्री जी आप आदिवासी का और कितना अपमान करेंगे ।तिवारी ने कहा है कि भारतीय जनतापार्टी की केन्द्र सरकार ने अपना जन विष्वास खो दिया है ।