करोड़ो के स्क्रैप आरोपियों ने शिकायतकर्त्ता को फंसाने के लिए रची साज़िश



नई दिल्ली (अमन इंडिया)। व्यापारियों से करोड़ो रूपये की स्क्रैप खरीदकर फरार हो जाने वाले एक गिरोह का मुखिया पुलिस के हत्थे तो चढ़ गया, लेकिन उसके समर्थक उसे बचाने के लिए शिकायतकर्त्ता मयंक मित्तल के खिलाफ ही मामला दर्ज कराने की साज़िश रचने का आरोप ठगी के शिकार हुए मंयक मित्तल पर ही लगा रहे है। मयंक मित्तल के अनुसार दिल्ली के तीन बड़े स्क्रैप डीलरों कमल अग्रवाल, जगदीश व दिनेश जो लाखों का माल खरीदकर बिना पैसा चुकाए फरार हो जाते है, तीनों में से कमल अग्रवाल को पुलिस ने मयंक मित्तल की शिकायत पर पकड़ लिया, मयंक मित्तल ने शाहबाद डेयरी थाना में एफआईआर कराई है कि कि कमल ने उससे चालीस लाख रूपये की कीमत पर स्क्रैप खरीदा, मयंक ने स्क्रैप कमल की गाड़ी में लदवा दिया और पेमेंट का इंतज़ार करने लगे, आरटीजीएस से पैसे नहीं आने के बाद गाड़ी हमनें अपने पास खड़ी करवा दी और फैक्ट्री बंद करके चले गए दूसरे दिन उन्हें पता चला की गाड़ी का चालक अपने मालिक कमल के निर्देश पर गाड़ी रात में ही ले भाग गया और मयंक को किसी तरह से कोई कीमत नहीं चुकाई गई, मयंक की पुलिस में की गई शिकायत पर जाँच से पता चला की कमल ने बिना पैसे चुकाए स्क्रैप को कई अन्य डीलरों को बेच दिया है। पुलिस ने कमल को पकड़ा तो पता चला की यह ऐसे गिरोह का सरगना है जिसका काम स्क्रैप डीलरों को लूटना है। अदालत ने कमल को जेल भेज दिया है लेकिन उसके साथी अब मयंक के खिलाफ ही दूसरे थानों में मामला दर्ज करवाने के लिए प्रयासरत है और वो लोग मयंक पर रिपोर्ट वापिस लेने के लिए दबाव डाल रहे है। मयंक ने बातचीत के दौरान बताया कि कमल अग्रवाल के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले दिल्ली के अलग-अलग स्थानों में भी दर्ज हैं जिससे यह साबित होता है कि कमल अग्रवाल व उसके साथी गुलशन लूथरा, विनय जैन, अनुराग, सतीश2 दिल्ली के कई स्क्रैप व्यापारियों को चूना लगा चुके है। मयंक मित्तल का कहना है कि अब मुझे और मेरे परिवार को इन लोगों से जान और माल का खतरा है यह मेरे खिलाफ कोई भी साज़िश रच सकते है।