फोर्टिस अस्‍पताल में जीवनरक्षक प्रक्रिया – थॉरेसिक एंडोवास्‍क्‍युलर रिपेयर (TEVAR) की मदद से मरीज़ का उपचार कर नया जीवनदान दिया

 जीवन के लिए घातक हृदय रोग से ग्रस्‍त एक अंतरराष्‍ट्रीय मरीज़ को भारत लाया गया, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्‍टीट्यूट में सफल उपचार

इस स्थिति में 75% मृत्‍यु दर की संभावना रहती है, इस विकार के चलते मरीज़ के चार भाई-बहनों की मौत हो चुकी है, मरीज़ में भी लकवा होने और मृत्‍यु की आशंका अधिक थी 


गुरुग्राम (अमन इंडिया)। यमन की एक 25 वर्षीय अंतरराष्‍ट्रीय मरीज़ को, जो कि थॉरेसिक एन्‍यूरिज्‍़म से पीड़ि‍त थी, तत्‍काल उपचार के लिए फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्‍टीट्यूट लाया गया जहां डॉ उद्गीथ धीर, डायरेक्‍टर एवं हैड, सीटीवीएस, फोर्टिस अस्‍पताल, गुरुग्राम के नेतृत्‍व में डॉक्‍टरों की एक टीम ने उनका सफलतापूर्वक इलाज किया। इस विकार के चलते मरीज़ के चार भाई-बहनों की यमन में पहले ही मृत्‍यु हो चुकी थी। फोर्टिस अस्‍पताल में एक गहन और जीवनरक्षक प्रक्रिया – थॉरेसिक एंडोवास्‍क्‍युलर रिपेयर (TEVAR) की मदद से मरीज़ का उपचार कर नया जीवनदान दिया गया है।


 

मरीज़ को जब अस्‍पताल लाया गया तो उन्‍हें कमजोरी की शिकायत थी जिसकी वजह से अपने रोज़मर्रा के काम भी नहीं कर पाती। चिकित्‍सा जांच में पाया गया कि वे एक बड़े थॉरेसिक ऑर्टिक एन्‍यूरिज्‍़म (जिसमें मृत्‍यु दर 75% होती है) से ग्रस्‍त थी। जब उन्‍हें फोर्टिस में लाया गया तो उनकी पीठ में भी दर्द हो रहा था क्‍योंकि उनके मेरूदंड को रक्‍तापूर्ति करने वाली ऑर्टा भी फट चुकी थी। मरीज़ की पूरी चिकित्‍सा जांच के बाद यह तय किया गया कि उपचार के लिए थॉरेसिक एंडोवास्‍क्‍युलर ऑर्टिक रिपेयर (TEVAR) प्रक्रिया जरूरी थी। 

डॉ उद्गीथ धीर, डायरेक्‍टर एवं हैड, सीटीवीएस, फोर्टिस अस्‍पताल, गुरुग्राम ने कहा, ''ऑर्टा उस रक्‍तवाहिका को कहते हैं जो हृदय से पूरे शरीर को रक्‍तापूर्ति करती है। इस मामले में, ऑर्टा जगह-जगह से कट चुकी थी और फैलकर (डाइलेशन) 8.1 से.मी. (सामान्‍य तौर पर यह 3 से 3.5 से.मी. तक होती है) की हो चुकी थी। पेट को रक्‍त पहुंचाने वाली वाहिकाएं भी प्रभावित थीं। ऐसे में एक आशंका यह भी थी कि मेरूदंड की वाहिकाओं को रक्‍तापूर्ति में कमी होने से मरीज़ लकवाग्रस्‍त भी 

हो सकती थी। इससे बचाव के लिए मेरूदंड पर पड़ने वाले दबाव पर लगातार नज़र रखी गई और जरूरत पड़ने पर स्‍पाइनल फ्लूड को बाहर भी निकाला गया। उन्‍होंने कहा, ''यह काफी जटिल समस्‍या थी और इसमें डिसेक्‍शन तथा एन्‍यूरिज्‍़म दोनों शामिल थे। हमने मिनिमल इन्‍वेसिव तकनीक से एंडोवास्‍क्‍युलर रिपेयर किया। थॉरेसिक एंडोवास्‍क्‍युलर ऑर्टिक रिपेयर (TEVAR) प्रक्रिया की सफलता के लिए काफी तैयारी जरूरी थी ताकि एंडोग्राफ्ट (इस डिवाइस को ऑर्टा के थॉरेसक पोर्शन के भीतर रखा जाता है ताकि कमज़ोर आर्टरी को सपोर्ट मिल सके) का सटीक आकार, उसकी लंबाई और महत्‍वपूर्ण रक्‍वाहिकाओं के संदर्भ में उसकी स्थिति आदि को अंतिम रूप दिया जा सके। अब मरीज़ को अस्‍पताल से छुट्टी मिल गई है। उनकी हालत स्थिति है और मरीज़ स्‍वास्‍थ्‍यलाभ कर रही हैं।

ऋतु गर्ग, ज़ोनल डायरेक्‍टर, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्‍टीट्यूट ने कहा, ''महामारी और सीमाओं पर ट्रैवल संबंधी प्रतिबंध किसी भी रोगी के लिए इलाज के बेहतर विकल्‍पों का लाभ उठाने की राह में बाधा नहीं बनने चाहिए। जब हमें इस मरीज़ को गंभीर स्थिति का पता चला तो तत्‍काल बेहतरीन चिकित्‍सा उपचार देने के प्रयासों को शुरू किया गयाद्य मुझे खुशी है कि संबंधित दूतावासों की तत्‍काल कार्रवाई और डॉक्‍टरों के प्रयासों से मरीज़ का जीवन बचाया जा सका है