पेट्रोल व डीजल के बढ़ती कीमतों को लेकर काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराएंगे व्यापारी


- कीमतों को नियंत्रित करना बेहद जरूरी- कुच्छल

-बैठक में प्रतिनिधि मंडल ने सर्वसम्मित से लिया निर्णय

नोएडा (अमन इंडिया)। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने देश में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर एक बैठक सेक्टर-5 में की। प्रतिनिधि मंडल ने स्पष्ट कहा कि सरकार से व्यापारियों को बहुत आशा थी। वर्तमान समय में वह अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। ट्रांसपोटेशन की दर 5० प्रतिशत तक बढ़ चुकी है। इसका सीधा असर बाजार पर दिख रहा है। उत्पाद महंगे होते जा रहे हैं। व्यापारी मंदी की कगार पर आ चुका है। इस स्थिति से उबरना होगा। ऐसे में निर्णय लिया गया कि व्यापारी काली पट्टी बांधकर सांकेतिक प्रदर्शन करेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपेंगे। 

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिलाध्यक्ष नरेश कुच्छल ने कहा कि प्रदेश के व्यापारियों को सरकार से उम्मीद थी। कोरोना काल के बिजली का बिल और बैंकों का ब्याज माफ करेगी लेकिन बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया। दिन प्रतिदिन पेट्रोल व डीजल का दाम बढè रहे हैं। पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। प्रदेश व केंद्र सरकार ईधन पर लगने वाले टेक्स को कम करे। तब जाकर स्थिति नियंत्रण में आ सकती है। बैठक में चेयरमैन रामअवतार ने कहा कि फरवरी माह में दर्जन बार से ज्यादा पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़े है। पहले की सरकार से गलती हुई। वर्तमान सरकार को चाहिए कि वह व्यापारियों की हितों के बारे में ध्यान दे। माल ढुलाई बढ़ती जा रही है। जिससे महंगाई बढ़ रही है। महामंत्री दिनेश महावर ने कहा कि उद्योग उत्पादन कर रहे हैं। पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ने का असर उत्पादों पर भी पड़ा है। उनके दाम महंगे हो रहे हैं। बाजार से ग्राहक गायब है। इसका सीधा असर लुघ सूक्ष्म व मध्यम वर्ग के उद्योगों पर पड़ रहा है। राजस्व की हानि हो रही है। इनकी कीमतों को नियंत्रित किया जाए। बैठक के दौरान प्रतिनिति मंडल ने निर्णय किया वह बढ़ती कीमतों को लेकर काली पट्टी बांधकर एक दिन का सांकेतिक विरोध करेेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपेगे। इस मौके पर वरिष्ठ महामंत्री मनोज भाटी, महामंत्री संदीप चौहान, उपाध्यक्ष पीयूष वालिया, मूलचंद गुप्ता, महेद्र गोयल, राधे श्याम गोयल, जेपी जालान आदि शामिल रहे।