राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित डॉ योगेश दुबे जी के उपन्यास का लोकार्पण मंत्री पोखरियाल के हाथों से संपन्न हुआ


 


 


नई दिल्ली(अमन इंडिया)। डॉ योगेश दुबे रचित प्रलेक प्रकाशन द्वारा प्रकाशित उपन्यास परिंदा - गिरमिटिया मजदूरों की अदम्य साहस गाथा का लोकार्पण केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ने नई दिल्ली में किया।


उपन्यास 18वीं शताब्दी में मध्य भारत से मॉरीशस भेजे गए साढ़े चार लाख से अधिक गिरमिटिया मजदूरों की मार्मिक दास्तां है जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और अदम्य साहस से मॉरीशस की पथरीली की मिट्टी को सोना बना दिया। इन भारत वंशियों ने मॉरीशस में कैसे अपने परिश्रम से पहले खुद को स्थापित किया और अब उनकी भावी पीढ़ी अपने आप को विकसित कर किस तरह वहां की सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक विकास की गतिविधियों में अपना योगदान दे रही है, उपन्यास भारत - मॉरीशस के इन्हीं अंतरावलंबन का विस्तृत खाका खींचता है।


भारत रत्न स्वर्गीय प्रणव मुखर्जी मॉरीशस के राष्ट्रपति श्री पृथ्वीराज सिंह रूपन समेत कई हाई कमिश्नरों,


साहित्यकारों , कुलपतियों ने भी उपन्यास पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। यह उपन्यास इंटरनेट पर भी उपलब्ध है। 


डॉ योगेश दुबे जी के बारे में 2018 में, डॉ योगेश दुबे को विकलांग व्यक्तियों के प्रति उल्लेखनीय कार्य के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से भारत के राष्ट्रपति द्वारा सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति के रूप में सम्मानित किया गया था।


डॉ दूबे ने कई दिव्यांगों को सहायता सामग्री के माध्यम से सहायता प्रदान की है और दिव्यांगों के लिए नौकरी के अवसरों पर प्रदर्शनियों का भी आयोजन किया है। डॉ योगेश दुबे को राष्ट्रीय युवा पुरस्कार भी मिला है। वे भारतीय विकास संस्थान के अध्यक्ष, भारत के विकलांग कल्याण ट्रस्ट के उपाध्यक्ष और हिंदुस्तान स्काउट्स एंड गाइड्स के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। डॉक्टर दुबे को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, समाज, ट्रस्ट, समूह और संगठन समाज के हित और दिव्यांगजनों के लिए उनके विभिन्न योगदानों के लिए सम्मानित किया गया है।