अपे दीपो भवः आप स्वयं अपना रक्षक बनें:  विनोद तकिया वाला

अपे दीपो भवः आप स्वयं अपना रक्षक बनें
 विनोद तकिया वाल
नई दिल्ली(अमन इंडिया)।अपे दीपो भवः ।यह कहावत आज चरितार्थ करने का समय आ गया है, कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के संकट काल में सम्पूर्ण मानव जाति अपने आप को असहाय महसुस कर रहा है, आज जब कोरोना वायरस जैसी अदृश्य शुत्र के रूप में काल के गाल में आकाल मृत्यू  को शिकार हो रहा है ,
        वैश्विक सकंट के  काल में चारो ओर  ह्ताशा वनिराशा की काले बादलो की  काली घटा से चारो अन्धेरा छा गई है, केन्द्र व राज्य सरकारों के द्वारा कई कड़ी रक्षा / सुरक्षा के साथ एतियाज  के कड़े फैसले  लेने को विवश हो गये है,
आज लॉकडॉन का तीसरा चरण केन्द्र सरकार नई गाईड लाईन्स निधारित कर राज्य सरकारों को सुचारू शासन व्यवस्था के साथ आर्थिक ,विकाश के पहिये में गति देने हेतु कुछ क्षेत्रो में राहत देने की घोषणा की है, जिसका असर आज शराब की दुकानों में लम्बी कतार व शोसल डिस्टेसीग को ले कर घजिजयाँ उडाई गई , कई जगह तो वेकाबु भीड़ पर पुलिश को लाठी तक चार्च करना पड़ा , आज जो पुरे देश स जो  तस्वीरें  हमारे समाने आये है ,वह वेहद ही निन्दीय व चिन्तनीय है 
सरकार एक निश्चित समय तक हीं लोकडॉन रख सकती है । धीरे धीरे लॉकडान खत्म हो जाएगा । सरकार भी इतनी सख्ती नहीं दिखाएगी क्योंकि 
सरकार ने आपको कोरोना बीमारी के बारे में अवगत करा दिया है, सोशल डिस्टैंसिंग, हैण्ड सेनिटाइजेशन इत्यादि सब समझा दिया है । बीमार होने के बाद की स्थिति भी आप लोग देश में देख हीं रहे हैं । 


देश की जनता को अपन कर्तव्य का निर्वाह करे , जो नागरिक अपने को  समझदार / जिम्मेदार मानते  है वह आने वाले लंबे समय तक अपनी दिनचर्या, काम करने का तरीका समझ लें । 


सरकार 24 घंटे  365 दिन आपकी चौकीदारी नहीं करेगी और न कर सकेगी ।सरकार के पास के पास केवल यही एक कार्य नहीं है, वह राष्ट्र के सभी विकाश कार्य को अवरूद्ध कर केबल इसी बीमारी के पीछे सारी सरकारी तंत्र को लगा देश को आर्थिक ,राजनीतिक व अन्तेराष्ट्रीय द्ष्टि से पंगु बनने के छोड़ दें।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि इसकी दवा नही है
आप अपने परिवार के साथ भारत का  भविष्य  आपके हाथों में है । 
लाॅकडाउन खुलने के बाद सोच समझ कर घर से निकलें एवं काम पर जायें व नियत नियमानुसार हीं अपना कार्य करें ।चारो ओर एक चर्चा है , दबे स्वरो में 
क्या लगता है आपको, 17 मई के बाद एकाएक कोरोना चला जायेगा,  भारत का विकाश रथ दौड़ने लगा।हम पहले की तरह जीवन जीने लगेंगे ?
नहीं, कदापि नहीं ।
ये वायरस अब हमारे देश में जड़ें जमा चुका है,हमें इसके साथ रहना सीखना पड़ेगा।


कैसे ?
सरकार कब तक लॉकडाउन रखेगी ? कब तक बाहर निकलने में पाबंदी रहेगी ?
अब हमें स्वयं इस वायरस से लड़ना पड़ेगा, अपनी जीवन शैली में बदलाव करके, अपनी इम्युनिटी स्ट्रांग करके ।
हमें सैकड़ों साल पुरानी जीवन शैली अपनानी पड़ेगी ।
शुद्ध आहार लें, शुद्ध मसाले खाएं । आंवला, एलोवेरा, गिलोय, काली मिर्च, लौंग आदि पर निर्भर हों । 
एन्टी बाइटिक्स के चंगुल से खुद को आज़ाद करें ।
अपने भोजन में पौष्टिक आहार की मात्रा बढ़ानी होगी, फ़ास्ट फ़ूड, पिज़्ज़ा , बर्गर, कोल्ड्रिंक की भूल जाएं ।


अपने बर्तनों को बदलना होगा, अल्युमिनियम आदि से हमें भारी बर्तन जैसे स्टील,पीतल, कांसा, तांबा को अपनाना होगा जो प्राकर्तिक रूप से वायरस को भी खत्म करते हैं ।


अपने आहार में दूध, दही, घी की मात्रा बढ़ानी होगी ।
कम से कम अगले 7-8  महीनों तक तो ये करना हीं पड़ेगा । तभी हम सरवाइव कर पाएंगे ।
और जो नहीं बदलेंगे वो मुश्किल मे पड़ जाएंगे । अर्थात अपे दीपो भवः को चरित्रातार्थ करने का समय है ,अपनी रक्षा स्वयं करने का समय आ गया है ।एक जिम्मेदार नागरिक बनकर अपना कर्तव्य ना केवल पुरा करें ,अपने मित्र स्वजनों को राष्ट्र के सर्वागीन विकाश के अश्वमेघ महा यज्ञ में अपनी आहुति दे । 
भारत से कोरोना जैसी अद्वश्य शुत्र पर विजयी होकर ,सम्पूर्ण विश्व का मार्ग दर्शक वनेगा।