फोर्टिस एस्कॉर्ट्स के डॉक्टरों ने उपचार के लिए इस्तेमाल की एंडोस्कोपिक तकनीक



फरीदाबाद ( अमन इंडिया )।   फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम ने हाल ही में जेनकर्स डाइवर्टिकुलम से पीड़ित 75 वर्षीय मरीज का उपचार करने के लिए एंडोस्कोपिक स्टैपलिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जो असामान्य तौर पर होने वाली गले की बीमारी है। यह ऐसी परिस्थिति है जिसमें गले में “आउट पोचिंग” यानी बाहर की ओर आने की प्रवृत्ति होती है क्योंकि खाना सीधे खाने की पाइप में जाने के बजाय कहीं और जाने लगता है। टीम का नेतृत्व डॉ. अमित मिगलानी, वरिष्ठ सलाहकार, गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद ने किया। 
फरीदाबाद के सुरिंदर को निगलने में मुश्किल, बुखार और सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। गंभीर ऑब्सट्रक्टिव पल्मनरी डिजीज, निमोनिया और अधिक बुखार की वजह से उनकी स्थिति लगातार खराब हो रही थी। वह बेहद कमजोर हो गए थे जब उन्होंने फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद में अपना उपचार कराया।  
डॉ. अमित मिगलानी, वरिष्ठ सलाहकार, गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद ने कहा,“हमारे लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है था कि मरीज की परेशानी खत्म हो और न के बराबर जोखिम के साथ उपचार के इस विकल्प में नुकसान की गुंजाइश बेहद कम थी। अगर हम ने सर्जरी का विकल्प चुना होता तो मरीज की स्थिति खराब हो सकती थी और सुधार की प्रक्रिया दर्दनाक हो सकती थी और इसमें काफी समय लग सकता था। इसके अलावा मरीज के प्रमुख अंग अच्छी तरह काम नहीं कर रहे थे और इसलिए सर्जरी करना बहुत जोखिम भरा था। इस मामले को अलग बनाने वाली बात यह थी कि हम ने उपचार का अपारंपरिक तरीका अपनाया- ऐसे मामले में आम तौर पर एंडोस्कोपी नहीं की जाती है। मोहित सिंह, फेसिलिटी निदेशक, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद ने कहा,“ऐसे मामले इनोवेट करने और हमारे दृष्टिकोण को मरीज केंद्रित बनाने की हमारी क्षमता का प्रमाण हैं।