डेंगू से क्यों डरना चाहिये? (क्योंकि यह जानलेवा हो सकता है)

 


 


नई दिल्ली   :  डेंगू। यह शब्द व्यक्ति को भय से भर देता है और क्यों नहींइसका प्रभाव मृत्यु का कारण बन सकता है या जीवन भर रह सकता है। कई लोग जानते हैं कि डेंगू से थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया (प्लेटलेट काउंट की कमी) होता हैलेकिन कितनों को पता है कि आगे चलकर इससे क्या होता है?


 


डेंगू के वायरस से प्लेटलेट्स नष्ट होते हैं और उनकी संख्या घट जाती है। प्लेटलेट्स से खून गाढ़ा होता है और रक्त की हानि नहीं होती है। प्लेटलेट्स कम होने पर खून को बहने से रोकना कठिन हो जाता है। प्लेटलेट्स के अलावा यह वायरस त्वचाम्यूकोसाहृदयमस्तिष्कआँखआदि की कोशिकाओं को भी क्षति पहुँचाता है। इस क्षति से कोशिकाएं मर जाती हैं या टूट जाती हैं। परिणामस्वरूप शरीर के विभिन्न भागों में खून बहता है या तरल संग्रहित होने लगता है।  


 


यह वायरस हृदय की मांसपेशियों को प्रभावित करता है और चोटिल होने पर वे ठीक से काम नहीं कर पाती हैं और हृदय की पम्पिंग धीमी हो जाती है। कई मामलों में यह चोट एक वर्ष में ठीक हो जाती हैलेकिन कुछ मामलों में स्थिति सुधर नहीं पाती है। और व्यक्ति को धीमी पम्पिंग के साथ ही शेष जीवन बिताना पड़ता है। यह हृदय के इलेक्ट्रिकल सर्किट्स को भी प्रभावित करता हैजिससे रिदम डिसऑर्डर (असामान्य धड़कन) हो जाता है।


 


इसी प्रकारयह किडनी को भी प्रभावित करता है और वे खराब हो जाती हैं। कई बार स्थिति अपने-आप सामान्य हो जाती हैलेकिन किडनी पर प्रभाव जानलेवा हो सकता है। अन्य समस्याओं में आँख प्रभावित होने पर दृष्टिहीनता और प्रोग्रेसिव पैरालिसिस (जीबी सिंड्रोम) शामिल हैं। यह वायरस प्लैसेंटा को भेदकर भ्रूण तक पहुँच सकता है। इसलिये गर्भवती महिलाओं को अत्यंत सावधान रहना चाहिये।


 


यहाँ कुछ संकेतलक्षण और रोकथाम के सुझाव दिये गये हैंजो आपके काम आ सकते हैं:



  • 3 से 7 दिन तक बुखार रहना

  • तेज सिरदर्द और आँखों में दर्द होना

  • मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द

  • भूख नहीं लगना

  • उल्टी होना और डायरिया

  • त्वचा पर चकत्ते

  • रक्त बहनाआमतौर पर नाक या मसूड़ों से


 


डेंगू की रोकथाम के उपायः



  • कपड़ेः त्वचा को खुला न रखेंलंबी पैन्ट्सलंबी आस्तीन के शर्ट और मोजे पहनेंढंके हुए पैर जूतों या मोजों तक जाने चाहिये और टोपी पहनें।

  • मच्छर निरोधकः डाइथाइल्टोल्युमाइड (डीईईटी) की कम से कम 10 प्रतिशत या अधिक सांद्रता वाले निरोधक का उपयोग करेंऐसा लंबी अवधि की जरूरत पर किया जा सकता है। छोटे बच्चों पर डीईईटी का उपयोग न करें।

  • मच्छरदानी और जालीः कीटनाशक वाली जालियाँ अधिक प्रभावी होती हैंअन्यथा मच्छर जाली से सटे व्यक्ति को काट सकता है।

  • दरवाजों और खिड़कियों पर जालीः सही बनावट वाली जाली लगाने से मच्छर बाहर रहते हैं।



  • सुगंध से बचें: खूब सुगंध वाले साबुन या परफ्यूम मच्छरों को आकर्षित कर सकते हैं।

  • कैम्पिंग गियरः कपड़ोंजूतों और कैम्पिंग गियर पर परमेथ्रिन का उपयोग करेंया ऐसे कपड़े खरीदेंजिन पर पहले से उपयोग किया गया हो।

  • समयः सुबहशाम और शाम की शुरूआत में घर से बाहर न रहें।

  • रूका हुआ पानीः एडीस मच्छर स्वच्छठहरे हुए जल में प्रजनन करता है। इस पर ध्यान देने और ठहरे हुए पानी को हटाने से जोखिम कम हो सकता है।