एचसीएल फाउंडेशन ने भारत की समृद्ध हस्तशिल्प विरासत पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया

 


एचसीएल फाउंडेशन ने भारत की समृद्ध हस्तशिल्प विरासत का जश्न मनाया, क्षेत्र की मजबूती के लिए संवाद कार्यक्रम आयोजित किया

माई ई-हाट कॉन्क्लेव 2025 में कारीगरों और उद्योग से जुड़े लोगों ने मंच साझा किया, दोपहर भर चर्चाएं चलीं, उत्पाद दिखाए गए और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुईं

नोएडा (अमन इंडिया ) । भारत में HCLTech के कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व एजेंडा को आगे बढ़ाने वाले संगठन HCLFoundation ने माई ई-हाट कॉन्क्लेव का आयोजन किया। नोएडा के नोएडा हाट में आयोजित इस कॉन्क्लेव का मकसद भारत की समृद्ध हस्तशिल्प विरासत का जश्न मनाना और तकनीक, नवाचार और बेहतर बाजार पहुंच के ज़रिये इस क्षेत्र को मजबूती देने के तरीकों का पता लगाना था।

एचसीएल फाउंडेशन की 'माई ई-हाट' पहल ने भारत में अलग-अलग शिल्प परंपराओं से जुड़े 5,500 से अधिक कारीगरों की सहायता की है और यह भारत सरकार के "लोकल वोकल" दृष्टिकोण का भी समर्थन करती है। 'माई ई-हाट’ 10 से अधिक राज्यों में फैले 40 से अधिक क्लस्टरों में काम कर रही है, ताकि कारीगरों को उद्यमी बनाया जा सके। 110 से अधिक क्लस्टरों के कारीगर अब 'माई ई-हाट' पोर्टल से अपने उत्पाद सीधे ग्राहकों को बेच सकते हैं। इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाती है और कारीगरों की आय में भी 20-30% की वृद्धि होती है।  

‘माई ई-हाट कॉन्क्लेव 2025’ इस पहल का तीसरा संस्करण है, जिसमें कारीगरों, उद्योग जगत के हितधारकों और सरकार, नागरिक समाज और शिक्षा जगत के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया। ताकि वे संवाद कर सकें और अपने उत्पाद दिखा सकें। आयोजन को आर्कषक बनाने के लिए सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी हुईं।  

TRIFED के प्रबंध निदेशक  एम. राजा मुरुगन ने "संस्कृति, वाणिज्य और समुदाय: कारीगर सशक्तिकरण और सामाजिक प्रभाव के लिए दृष्टिकोण" विषय पर मुख्य भाषण दिया, जबकि भारत के उद्यमिता विकास संस्थान के महानिदेशक डॉ. सुनील शुक्ला ने "शिल्प पुनरुद्धार के लिए उत्प्रेरक के रूप में उद्यमिता - नवाचार और बाजार संबंधों के माध्यम से स्थायी आजीविका का निर्माण" विषय पर भाषण दिया। एचसीएल फाउंडेशन, तमिलनाडु के जेल एवं सुधार सेवा विभाग के साथ मिलकर कैदियों को विभिन्न उत्पाद बनाने और बेचने में सक्षम बनाकर उन्हें सार्थक रोजगार के अवसर प्रदान करता है।

माई ई-हाट पहल के माध्यम से, एचसीएल फाउंडेशन का उद्देश्य भारतीय हस्तशिल्प क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला को मजबूत करना है। एचसीएल टेक की वरिष्ठ उपाध्यक्ष, वैश्विक सीएसआर और एचसीएल फाउंडेशन की निदेशक डॉ. निधि पुंधीर ने कहा माई ई-हाट कारीगरों को वस्तुएं बनाने से लेकर बाजार तक पहुंच बनाने में सहयोग देता है। उनके शिल्प कौशल, उत्पादकता और डिजिटल साक्षरता को बढ़ाता है और उनका मार्गदर्शन करके उन्हें आज के प्रतिस्पर्धी वैश्विक बाजारों में सफल होने की ताकत देता है।

इस वर्ष के सम्मेलन का थीम था ।“बुनी हुई कहानियां: विरासत के करघे” और इस विषय पर दो पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं।  पहली पैनल चर्चा का विषय था “संस्कृति, शिल्प और वाणिज्य पर अंतर्संबंधित संवाद: विरासत को आर्थिक शक्ति में बदलना”, जबकि दूसरी पैनल चर्चा का विषय था “प्रौद्योगिकी के माध्यम से कारीगरों के लिए उद्यमिता और बाजार तक पहुंच को सुगम बनाना”।भारत का हस्तशिल्प क्षेत्र 70 लाख से अधिक लोगों को रोज़गार देता है और इनमें से 56% से अधिक कारीगर महिलाएं हैं। स्टैटिस्टा के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में भारत ने 15,000 करोड़ रुपये के हस्तशिल्प का निर्यात किया