सेक्टर‑43 आरडब्ल्यूए भंग चुनाव एक माह बाद



*डिप्टी रजिस्ट्रार की बड़ी कार्रवाई, चुनाव तक पुरानी समिति नहीं ले सकेगी नीतिगत निर्णय


 नोएडा (अमन इंडिया) । नोएडा सेक्टर‑43 रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद पर अब प्रशासन ने निर्णायक रुख अपनाया है। गाजियाबाद स्थित फर्म्स, सोसाइटीज एवं चिट्स कार्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार वैभव कुमार ने गहन जांच के बाद वर्तमान कार्यकारिणी को अमान्य घोषित करते हुए तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया। साथ ही सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 की धारा 25(2) के तहत एक माह के भीतर नए चुनाव कराने का आदेश दिया गया है।पांच साल की अवधि पार, चुनाव नहीं कराए रजिस्ट्रार वैभव कुमार के आदेश में कहा गया है कि आरडब्ल्यूए की पिछली कार्यकारिणी अगस्त 2018 में गठित हुई थी, जिसका कार्यकाल 2023 तक सीमित था। तय समय पर चुनाव न होने से यह कार्यकारिणी स्वतः कालातीत हो चुकी थी। इस स्थिति से सेक्टर‑43 के निवासियों में गहरी नाराजगी थी।


सदस्यों का आरोप – आठ साल से निष्क्रिय कार्यकारिणी योगेश शांडिल्य, दीपक शर्मा और संदीप कुमार सहित कई निवासियों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि मौजूदा पदाधिकारी आठ वर्षों से निष्क्रिय हैं। उन्होंने न तो  आम सभा बुलाई, न ही चुनाव प्रक्रिया शुरू की। इसके बावजूद कुछ लोगों ने खुद को निर्वाचित घोषित कर लिया, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल उठे।


जांच में खुली पोल – अवैध और अपारदर्शी चुनाव कार्यालय में जमा दस्तावेजों की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि 6 अगस्त 2023 को दिखाया गया  “चुनाव” पूरी तरह अवैध था। न तो बैठक बुलाने संबंधी कोई सूचना दी गई और न ही वैध निर्वाचन समिति का गठन हुआ। जिन कार्यवाही मिनट्स को प्रस्तुत किया गया, उनमें हस्ताक्षर केवल पदाधिकारियों के ही पाए गए। किसी भी आम सदस्य की उपस्थिति या सहमति का प्रमाण नहीं मिला।


          रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि 30 जून और 20 जुलाई 2023 की बैठकों के नोटिस या एजेंडा तक नहीं जारी किए गए, जबकि पंजीकृत बायलॉज के नियम के अनुसार आम बैठक की सूचना 15 दिन पहले और अध्यक्ष की अनुमति से जारी होनी चाहिए थी।कई दौर की सुनवाई के बाद फैसला इस विवाद में  कई पक्षों ने अलग‑अलग दावे किए थे। कार्यालय ने सभी पक्षों को कई बार सुनवाई का अवसर दिया, लेकिन कोई ठोस प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया। अंततः रजिस्ट्रार ने जांच रिपोर्ट के आधार पर पूरी कार्यकारिणी को निरस्त करने का आदेश जारी किया।एक माह में नए चुनाव, समिति पर लगी रोकडिप्टी रजिस्ट्रार ने जिला समाज कल्याण अधिकारी, गौतमबुद्ध नगर को नया निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है। उन्हें एक माह के भीतर आरडब्ल्यूए के नए चुनाव कराने के निर्देश दिए गए हैं। 

निवासियों में राहत कहा यह न्याय की जीत रजिस्ट्रार के इस फैसले के बाद सेक्टर‑43 के निवासियों में राहत और संतोष का माहौल है। लंबे समय से पारदर्शी चुनाव की मांग कर रहे निवासी योगेश शांडिल्य ने कहा, “यह लोकतंत्र और न्याय की जीत है। हमें उम्मीद है कि अब आरडब्ल्यूए सही दिशा में काम करेगी।