नोएडा में नहाए खाए के साथ शुरू हुआ आस्था का महापर्व छठ
नोएडा । जनपद गौतमबुद्व नगर में लोक आस्था का महापर्व छठ 25 अक्टूबर से शुरू हो गया । नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में इस पर्व को मनाने के लिए की तैयारियां जोरों पर हैं। श्रद्धा, आस्था और परंपरा के इस चार दिवसीय महापर्व को लेकर लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है। इस बार छठ पर्व 25 से 28 अक्तूबर तक मनाया जाएगा।
नोएडा 49 स्थित बलोच रेस्टोरेंट के मालिक मनीष की सहायता से इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया । प्रवासी महासंघ के अध्यक्ष आलोक वत्स ने भी मनीष का आभार व्यक्त किया । और खा की नोएडा स्टेडियम में छठ पर्व पर विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा ।
महाशयजनपद गौतमबुद्धनगर के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में विभिन्न जगहों पर स्थित छठ घाटों पर साफ-सफाई, रंगाई और सजावट का कार्य चल रहा है। प्राधिकरण के अलावा विभिन्न छठ समितियों के सदस्य दिन-रात घाट की सफाई में जुटे हैं।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रोशनी, पेयजल, अस्थायी शौचालय, बैरिकेडिंग और सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी पूरी की जा रही है। घाटों को आकर्षक रूप देने के लिए फूलों की मालाएं, झालरें और रंग-बिरंगी लाइटें लगाई जा रही हैं। विभिन्न जगहों पर छठ पर्व पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे
नोएडा व ग्रेटर नोएडा में लाखों की संख्या में पूर्वांचल और बिहार के लोग रहते हैं, जो छठ महापर्व मनाते हैं। लोग यहां के विभिन्न सोसायटियों, सेक्टरों में बने छठ घाट, हिंडन नदी, यमुना नदी और गंग नहर के किनारे भी छठ पर्व मनाने के लिए जाते हैं।
नोएडा पुलिस की ओर से भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। भीड़ नियंत्रण के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहेगा, वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम व दमकल वाहन भी मौके पर मौजूद रहेंगे। छठ पर्व की तैयारी के साथ ही बाजारों में रौनक लौट आई है। महिलाओं ने पूजन सामग्री की खरीदारी शुरू कर दी है। गन्ना, नारियल, केला, नींबू, सिंघाड़ा, मिठाई, गुड़, चावल, फल और बांस की डलिया, सूप, दौरा, और टोकरी की बिक्री तेजी से बढ़ी है। बाजारों में भीड़ इतनी बढ़ गई है कि दुकानदारों के चेहरे भी खिल उठे हैं।
चार दिवसीय छठ पर्व का पहला दिन (25 अक्तूबर) नहाय-खाय, इस दिन व्रती महिलाएं नदी या तालाब में स्नान कर पवित्रता के साथ व्रत का आरंभ करती हैं और प्रसाद में चने की दाल, लौकी और चावल का सेवन करती हैं। दूसरा दिन (26 अक्तूबर) खरना, इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को गुड़ और चावल की खीर बनाकर प्रसाद ग्रहण करती हैं। तीसरा दिन (27 अक्तूबर) संध्या अर्घ्य, सूर्यास्त के समय सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया जाता है। घाटों पर इस अवसर पर भजनों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और झांकियों का आयोजन किया जाएगा। चौथा दिन (28 अक्तूबर) उषा अर्घ्य — सूर्योदय के समय छठी मैया और सूर्य देव को अर्घ्य अर्पण कर पर्व का समापन होता है। व्रती महिलाएं लगभग 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं।