फोर्टिस गुरुग्राम ने पहली एमआर-लिनैक की मदद से कैंसर के उपचार की नई राह दिखायी


सटीक एमआरआई-निर्देशित रेडियोथेरेपी से 187 मरीजों का किया सफल इलाज

एफएमआरआई गुरुग्राम इस क्रांतिकारी टेक्नोलॉजी की सुविधा प्रदान करने वाले एशिया के चुनींदा केंद्रों में शामिल

 

गुरुग्राम(अमन इंडिया ) । फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एफएमआरआई), गुरुग्राम ने आज इलेक्टा यूनिटी एमआर लिनैक सिस्टम उपलब्ध कराने की पहली वर्षगांठ मनायी। यह उत्तर भारत का पहला और देश में दूसरा एमआर लिनैक सिस्टम है। सितंबर 2024 में लॉन्चयह शानदार प्लेटफार्म रियल-टाइम 1.5T एमआरआईइमेजिंग का मेल एडवांस रेडिएशन डिलीवरी से कराते हुएप्रिसीजन (सटीक) ओंकोलॉजी के क्षेत्र में नए मानक रच रहा है। 

इस उपलब्धि के साथ हीएफएमआरआई ने एशिया में उन चुनींदा अस्पताल समूहों (जिनमें जापानहांगकांग और थाइलैंड के केंद्र भी शामिल हैं) के बीच अपनी साख को काफी मजबूत बना लिया है जो एमआर-निर्देशित रेडियोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध कराने में सक्षम हैं। यह टेक्नोलॉजी डॉक्टरों को एक ही समय में ट्यूमर की जांच करने के साथ-साथ उसका उपचार करने में भी मदद करती हैऔर इस प्रकार उन अंगों के मामले में भी सटीकता सुनिश्चित करती है जो सांस लेने या पाचन प्रक्रिया के चलते हिलते-डुलते रहते हैं। 

इंस्टॉलेशन के बाद से अब तकएफएमआरआई में एमआर लिनैक की मदद सेप्रोस्टेटलिवरपैंक्रियाटिकऔर अन्य कई प्रकार के गैस्ट्रोइंस्टेस्टाइनल ट्यूमर समेत कई जटिल किस्म के कैंसर रोगों से ग्रस्त 187 मरीजों का उपचार किया जा चुका है।

मरीजों के अनुभव इस प्रकार रहे हैंः  

• पारंपरिक रेडियोथेरेपी की तुलना में अपेक्षाकृत कम साइड इफेक्ट्स 
• कम अवधि के तथा अधिक प्रभावी उपचार – कुछ मामलों में तो केवल 5 सेशन में ही उपचार पूरा हो जाता है 
• बेहर रिकवरी समय और दीर्घकालिक परिणाम। 

 

भारत में कई तरह के जटिल कैंसर सामने आ रहे हैंजिनमें प्रोस्टेटलिवरपैंक्रियाटिक और जीआई कैंसर प्रमुख हैंजिनके उपचार में पारंपरिक रेडियोथेरेपी का इस्तेमाल कर सुरक्षित और कारगर परिणामों को लाने में काफी अधिक प्रयासों की आवश्यकता होती है। एमआर लिनैक निम्न की पेशकश करते हुएपारंपरिक उपचार पद्धति की तुलना में बेहतर साबित होती हैः 

• अनुकूलित उपचार - इसमें ट्यूमर के शिफ्ट होने या बदलने की स्थति में हर दिन रेडिएशन को नए सिरे से प्लान करना आसान होता है 
• सटीक तरीके से लक्ष्य की पहचान  यह स्वस्थ टिश्यू को सुरक्षित रखने के साथ-साथ अन्य प्रकार की जटिलताओं से भी बचाव करती है 
• हिलने-डुलने वाले अंगों के लिए उपयुक्त – यह पैंक्रियाज़लिवर या लंग्स जैसे हिलने-डुलने वाले अंगों के मामले में उपयुक्त साबित होती है जिनमें सटीकता काफी महत्वपूर्ण होती है। 

 

एक मामले में धर्मेंद्र सिंह वर्मा (उम्र 59 वर्ष) को हाइ-रिस्क प्रोस्टेट कैंसर के अलावा अत्यधिक मोटापे (वजन 140 किलोग्राम) से ग्रस्त पाया गया था। उन्हें हार्मो थेरेपी के बाद प्रोस्टेटसेमीनल वेसिकल्स और पेल्विस नोड्स पर एमआर लिनैक-निर्देशित रेडिएशन दिया गया। उन्होंने न सिर्फ बहुत सही तरीके से इस उपचार को सहन किया (उन्हें पेशाब संबंधी काफी कम तकलीफ हुई) बल्कि उन्हें किसी प्रकार का रेक्टल या बाउल साइड इफेक्ट भी नहीं हुआ। करीब 140 किलोग्राम वज़न के मरीज को रेडिएशन देना काफी चुनौतीपूर्ण था लेकिन एमआर लिनैक ने अत्यधिक सटीक तरीके से रेडिएशन थेरेपी दी। तीन महीने के भीतर हीमरीज का पीएसए लेवल 14.8 से घटकर मात्र 0.01 रह गयाजिससे यह पता चला कि उनका कैंसर अब काफी नियंत्रित है। 

एक अन्य मामले मेंमरीज डॉ नरेंद्र पाल सिंह (उम्र 60 वर्ष) को पेरीएंप्युलरी कार्सिनोमा और साथ में लिवर मेटास्टेटिस डायग्नॉज़ किया गया था। श्री सिंह को कीमोथेरेपी के पहले छह चक्र पूरे दिए जा चुके थे। इसके बाद उन्हें एमआर लिनैक पर एमआर-निर्देशितस्टीरियोटैक्टिक बॉडी रेडियोथेरेपी (एसबीआरटी) दिया गयाजिसे केवल एक सप्ताह में पूरा कर लिया गया। तीन महीने बाद, मरीज केPET स्कैन से पता चला कि उन्होंने बेहतरीन रिस्पॉन्स दिखाया और उनके पेरीएंप्युलरी ट्यूमर और लिवर के कैंसर घाव गायब होने लगे हैंऔर उन्हें किसी प्रकार के साइड इफेक्ट्स भी नहीं झेलने पड़े। 

 राजीव कुमार अग्रवाल (उम्र 64 वर्ष) को रूटीन चेकअप के दौरान लोकलाइज़्ड प्रोस्टेट कैंसर का पता चला और इसके बाद उनका एमआर लिनैक-निर्देशित रेडिएशन से इलाज किया गया जिसे मात्र एक सप्ताह (5 फ्रैक्शंस) में पूरा कर लिया गया। उन्होंने इस उपचार पर काफी अच्छा रिस्पॉन्स दिया और बिना किसी यूरीनरी या बाउल साइड इफेक्ट (पेशाब अथवा मल-त्याग संबंधी) के सुगम तरीके से स्वास्थ्यलाभ किया। 

डॉ ए के आनंदसीनियर डायरेक्टर एंड हैडरेडिएशन ओंकोलॉजीफोर्टिस मेमोरियल गुड़गांव ने कहाएमआर लिनैक क्रांतिकारी टेक्नोलॉजी है। यह रियल टाइम में ट्यूमर्स को देख पाती है और उसके हिसाब से सटीकतापूर्वक उपचार सुनिश्चित करती है जो कि मौजूदा पारंपरिक रेडिएशन में कल्पना से भी परे था। हमारे मरीज अब तेजी से रिकवर कर पाते हैंउन्हें अपेक्षाकृत कम साइड इफेक्ट्स महसूस होते हैं और वे लंबे समय तक बेहतर परिणामों का लाभ भी उठा पाते हैं। इस टेक्नोलॉजी ने न सिर्फ फोर्टिस गुड़गांव के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए कैंसर केयर के मानकों को नए सिरे से परिभाषित किया है।

यश रावतवाइस प्रेसीडेंट एंड फैसिलिटी डायरेक्टरफोर्टिस मेमोरियलगुड़गांव ने कहापिछले साल एमआर लिनैक की पेशकश के साथ ही उत्तर भारत में कैंसर केयर के नए युग की शुरूआत हुई। और बीते एक साल के दौरान, 187 मरीजों का सफल उपचार किया जा चुका हैहमने न सिर्फ अपने वायदे को पूरा कर दिखाया बल्कि प्रिसीजन ओंकोलॉजी के क्षेत्र में नए मानक भी रचे हैं। उत्तर भारत में इस टेक्नोलॉजी से सुसज्जित होने के चलते एफएमआरआई कैंसर केयर के मामले में एशिया के अग्रणी संस्थानों में शामिल हो चुका है। इस उपलब्धि ने ग्लोबल इनोवेशंस को भारतीय मरीजों के लिए जल्द से जल्द उपलब्ध कराते हुए उन्हें सर्वाधिक उन्नत तथा व्यापक बदलाव लाने वाले थेरेपी का लाभ दिलाने की हमारी प्रतिबद्धता को साबित कर दिखाया है।