तंबाकू की लत से जवानी में मौत की दस्तक, मुंह व गले का कैंसर बन रहा गंभीर खतरा
-मुंह व गले के 40% कैंसर के पीछे तंबाकू, महिलाओं और युवाओं में भी बढ़ रहा है खतरा
नोएडा (अमन इंडिया ) । तंबाकू चबाना या धूम्रपान करना अब शौक नहीं बल्कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को न्योता देने वाला घातक जाल बन गया है। मुंह और गले के कैंसर के मामलों में 40 प्रतिशत कारण तंबाकू व इससे बने उत्पाद हैं। पुरुषों के साथ अब महिलाएं और युवा भी इसकी गिरफ्त में हैं। पान मसाला, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट जैसे उत्पाद सीधे मुंह और गले की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। जिससे कैंसर पनपता है। यह बातें फेलिक्स अस्पताल के पुलमोनोलॉजिस्ट डॉ. प्रियदर्शी जितेंद्र कुमार विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर कहीं।
उन्होंने बताया कि कैंसर एक गंभीर रोग है। जिसमें शरीर की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं। स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट करती हैं। सामान्य स्थिति में शरीर की कोशिकाएं एक निश्चित समय बाद विभाजित होकर नष्ट होती हैं। नई कोशिकाएं उनका स्थान लेती हैं। जब यह प्रक्रिया बेकाबू हती है, तब कैंसर पैदा होता है। जब शरीर की एक कोशिका अपने डीएनए में गड़बड़ी (म्यूटेशन) के कारण असामान्य रूप से बढ़ती है, तो वह कोशिका कैंसरग्रस्त बनती है। यह कोशिकाएं गांठ (ट्यूमर) बनाती हैं। खून और लसिका (लिम्फ) के जरिए शरीर के अन्य हिस्सों तक फैलती हैं। मुंह के अंदर बार-बार छाले होना, मसूड़ों से खून आना, आवाज में बदलाव, निगलने में दिक्कत, गले में गांठ और वजन का कम होना कैंसर के शुरुआती संकेत हो सकते हैं। समय पर जांच और इलाज से बीमारी पर नियंत्रण पा सकते हैं। इलाज में शुरुआती चरण में ऑपरेशन के बाद निकाले गए ऊतकों की जांच की जाती है। पहली व दूसरी स्टेज पर सिर्फ ऑपरेशन से इलाज संभव है। दूसरी से तीसरी स्टेज में रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी होती है। तंबाकू सिर्फ कैंसर नहीं, बल्कि शरीर के कई अंगों पर असर डालता है। कोरोना काल के बाद फेफड़ों की क्षमता पहले से कमजोर हो गई है। तंबाकू का सेवन फेफड़ों के संक्रमण, सांस की दिक्कत, और कम उम्र में श्वसन रोगों का कारण बनता है। 20 से 45 साल की उम्र वाले मरीजों में यह दिक्कतें ज्यादा हो रही हैं। दिल पर भी तंबाकू का सीधा असर पड़ता है। धड़कन धीमी होती है। जहां सामान्य दर 70–80 प्रति मिनट है। तंबाकू सेवन करने वालों में यह घटकर 45–50 है। इससे ब्लड पंप करने में भी दिक्कत आती है। आंखों पर असर से मैक्युलर डीजेनरेशन और डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता है। आंखों की नमी भी सूखती है। तंबाकू छोड़ना जितना जल्दी हो उतना बेहतर है। तंबाकू से दूरी बनाना न सिर्फ जीवन को लंबा करता है, बल्कि गंभीर बीमारियों से बचाता भी है।
मुंह के कैंसर के लक्षणः
मुंह के अंदर बार-बार छाले होना
मसूड़ों से खून आना
आवाज में बदलाव
निगलने में दिक्कत
गले में गांठ और वजन का कम होना
समय पर संभले तो बचाव संभव 3 महीने में फेफड़े मजबूत होने लगते हैं, ब्लड फ्लो सुधरता है
12 महीने में दिल की बीमारी का खतरा 50% घटता है
5 साल में लकवा और सर्वाइकल का खतरा कम होता है
10 साल बाद लंग कैंसर से मौत की संभावना घटती है
15 साल में हार्ट डिजीज का जोखिम सामान्य व्यक्ति के बराबर हो जाता है कैसे छुड़ाएं तंबाकू की लतः
तंबाकू का सेवन धीरे-धीरे कम करें
तंबाकू के साथियों से दूरी बनाएं
सुबह की सैर योग और व्यायाम को दिनचर्या बनाएं
तनाव से बचें परिवार और दोस्तों से संवाद बढ़ाएं
जागरूकता फैलाएं, दूसरों को भी बचाएं