विशेज एंड ब्लेसिंग ने 7 राज्यों में भोजन वितरण अभियान चलाया; 1 करोड़ भोजन परोसने की उपलब्धि को मनाया
भूख के खिलाफ चल रही लड़ाई को मजबूत किया
नोएडा (अमन इंडिया) । दिल्ली स्थित गैर-सरकारी संगठन विशेज एंड ब्लेसिंग ने पूरे भारत में वंचित समुदायों को एक करोड़ से अधिक भोजन वितरित करके एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। इस उपलब्धि के उपलक्ष्य में संगठन ने 22 और 23 मई को देश भर में कई स्थानों पर भोजन वितरण अभियान चलाया।
22 मई को अभियान नोएडा के बॉटनिकल बस स्टैंड से शुरू हुआ, जो दिल्ली के मुनिरका और गुड़गांव के सेक्टर 89 हयातपुर से होते हुए आगे बढ़ा। अभियान चेन्नई (तमिलनाडु) और बर्दवान (पश्चिम बंगाल) में भी चलाए गए। इन आयोजनों ने लाभार्थियों, स्वयंसेवकों और समर्थकों को एकजुटता और कृतज्ञता के सामूहिक कार्य में एक साथ लाया। ये अभियान महज एक परिचालन सफलता से कहीं अधिक हैं, तथा ये भूखमरी को मिटाने और कमजोर आबादी के उत्थान के लिए संगठन की सतत प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं।
अपनी पहुँच का विस्तार करते हुए, विशेज एंड ब्लेसिंग ने 23 मई को जमशेदपुर (झारखंड) और गुवाहाटी (असम) में एक साथ भोजन वितरण अभियान चलाया। इन समन्वित प्रयासों के माध्यम से, लगभग 4,000 व्यक्तियों को पौष्टिक भोजन प्राप्त हुआ, जिससे संगठन की राष्ट्रीय भूख उन्मूलन पहल का प्रभाव और बढ़ गया।
विशेज एंड ब्लेसिंग की संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. गीतांजलि चोपड़ा* ने कहा, “साढ़े 9 वर्षों में एक करोड़ भोजन वितरित करना हमारे इस अटूट विश्वास का प्रमाण है कि प्रत्येक व्यक्ति सम्मान, पोषण और देखभाल का हकदार है। भोजन एक बुनियादी मानव अधिकार है, फिर भी हर किसी तक इसकी पहुँच नहीं है। विशेज एंड ब्लेसिंग में, हम यह सुनिश्चित करने के लिए गहराई से प्रतिबद्ध हैं कि कोई भी भूखा न सोए।
2014 में स्थापित, विशेज एंड ब्लेसिंग ने एक मजबूत ढांचा विकसित किया है जिसमें दैनिक भोजन वितरण, राशन किट कार्यक्रम, आपातकालीन खाद्य सहायता और त्योहारों और राष्ट्रीय संकटों के दौरान विशेष भोजन शामिल हैं। COVID-19 महामारी के दौरान NGO ने विस्थापित और बेरोज़गार व्यक्तियों को गर्म भोजन और सूखा राशन प्रदान किया।
विशेज एंड ब्लेसिंग्स के बारे में विशेज एंड ब्लेसिंग्स दिल्ली में पंजीकृत एक एनजीओ है और यह देशभर के आठ राज्यों में सक्रिय हैं। साल 2014 में डॉ. गीतांजलि चोपड़ा के तत्वावधान में स्थापित यह संगठन जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए लिंग और उम्र के दायरे से ऊपर उठकर काम करता है। एनजीओ दानदाताओं और लाभार्थियों को जोड़ने, उन लोगों को एक साथ लाने का एक अनूठा मंच है जिन्हें वंचितों की मदद करने का अवसर मिलता है। उनका मानना है कि खुशी सिर्फ एक अंत नहीं है, बल्कि अंत का एक साधन भी है और इसलिए उनके फोकस वाले क्षेत्र एक नहीं बल्कि छह हैं। इनमें- शिक्षा, पोषण, बुजुर्गों की देखभाल, राहत, अनुकूलन योग्य दान और खुशी का समग्र कारण है।