वन नेशन, वन इलेक्शन चुनाव सुधार पर नोएडा में होने जा रहा है प्रबुद्ध समागम का आयोजन
नोएडा (अमन इंडिया) आगामी 4 मई को नोएडा के सेक्टर-91 स्थित पंचशील बालक इंटर कॉलेज ऑडिटोरियम में "एक राष्ट्र, एक चुनाव" विषय पर एक प्रबुद्ध समागम का आयोजन किया जा रहा है। इस विचार मंथन का नेतृत्व करेंगे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल जो मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में अपनी विशिष्ट उपस्थिति दर्ज कराएँगे।
इस समागम में विभिन्न संस्थाएं जैसे FICCI, एसोचैम, एनआईए, सीआईआई, लोकमंच, इंडियन इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन, NGO आकांक्षा, पंजाबी क्लब, व्यापार मंडल दिल्ली-एनसीआर, अग्रवाल मित्र मंडल, युगा व्यापार मंडल, श्री रामलीला मित्र मंडल, दैनिक जागरण, GNIOT, सम्भावी महामुद्रा समाज संस्था समिति / पोरवाल समाज समिति, शाहू समाज, माहेश्वरी समाज, माथुर समाज, राजस्थान कल्याण परिषद, चौसैनी समाज, वर्मा समाज, सूरी समाज, नोएडा वैश्य केंद्र, केसरवानी समाज, आरएसएस, प्रोमिथेस स्कूल, इंफोसिस, श्री राम ग्लोबल स्कूल, आर.डी. पब्लिक स्कूल, आनंदिता हेल्थकेयर सेक्टर 80 के साथ-साथ रोटरी क्लब्स — डादरी रोटरी क्लब, दिल्ली अचीवर्स उत्तर प्रदेश रोटरी क्लब, दिल्ली रिवरसाइड रोटरी क्लब, नोएडा सेंट्रल उत्तर प्रदेश रोटरी क्लब, नोएडा सिटी उत्तर प्रदेश रोटरी क्लब, नोएडा एलीगेंस रोटरी क्लब, नोएडा उत्तर प्रदेश रोटरी क्लब, ग्रेटर नोएडा रोटरी क्लब — सक्रिय भागीदारी निभाएंगे।
आपको बता दें एक राष्ट्र, एक चुनाव की अवधारणा भारत के विकास और अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। लगातार होने वाले चुनावों के कारण देश में विकास कार्य और प्रशासनिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं, जिससे न केवल धन की हानि होती है बल्कि समय और संसाधनों का भी अपव्यय होता है। विभिन्न स्तरों पर अलग-अलग समय पर चुनाव कराने से सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ता है। इस पहल से आर्थिक दृष्टिकोण से भी देश को बड़ा लाभ मिल सकता है। 2024 के लोकसभा चुनावों में भारत ने लगभग ₹1.35 लाख करोड़ खर्च किए थे। सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2019 के आम चुनावों पर ₹60,000 करोड़ से ज़्यादा खर्च किए — जो उस समय दुनिया का सबसे महंगा चुनाव था। यदि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएँ, तो इससे लगभग 30-35% की बचत हो सकती है। अनुमान है कि इससे ₹12,000 करोड़ की सीधी बचत होगी, जो भारत के स्वास्थ्य बजट का लगभग आधा हिस्सा है। इसके अतिरिक्त, एक साथ चुनाव होने से 1.5% तक की GDP वृद्धि भी संभावित है, जो लगभग ₹4.5 लाख करोड़ के बराबर हो सकती है। कार्यक्रम के आयोजक और फेलिक्स हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. डी.के. गुप्ता और संयोजक एडवोकेट कालूराम जी है
समझने की बात ये है कि बार-बार आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण विकास कार्य रुकते हैं। एक ही समय पर सभी चुनाव होने से सरकार के पास निरंतर विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए पांच साल का स्पष्ट समय होगा। इससे परियोजनाएं समय पर पूरी हो सकेंगी और जनता को जल्द लाभ मिल सकेगा। लगातार होने वाले चुनावों से राजनीतिक दलों का ध्यान हमेशा चुनावी राजनीति पर केंद्रित रहता है। एक साथ चुनाव होने से सरकार और विपक्ष दोनों को देश की समस्याओं पर गंभीरता से काम करने का अवसर मिलेगा। इससे राजनीतिक स्थिरता आएगी और जनहित के मुद्दों पर अधिक ध्यान दिया जा सकेगा। चुनावों के दौरान होने वाले प्रचार से वायु और ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है। बड़ी मात्रा में पोस्टर, बैनर और अन्य प्रचार सामग्री का उपयोग होता है, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। एक साथ चुनाव होने से इस प्रदूषण में भी कमी आएगी। बार-बार चुनावों से न केवल सरकारी तंत्र बल्कि आम जनता का भी समय और ऊर्जा खर्च होती है। एक साथ चुनाव कराने से लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए बार-बार अपने काम से छुट्टी नहीं लेनी पड़ेगी।
आप सब भी इस मुहीम का हिस्सा बनें और देश को आगे बढ़ाने में अपने हिस्सेदारी दें | आइए, इस राष्ट्रीय विमर्श का हिस्सा बनें और लोकतांत्रिक सुधारों की इस ऐतिहासिक पहल में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाएँ। कार्यक्रम में डॉ. महेश शर्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री, भारत सरकार एवं सांसद, गौतम बुद्ध नगर
, सुरेन्द्र नागर जी – राज्यसभा सांसद, सतीश गौतम – भाजपा सांसद, अलीगढ़, अनुप प्रधान – भाजपा सांसद, हाथरस, अशोक कटारिया – पूर्व परिवहन मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार एवं विधान परिषद सदस्य (एमएलसी), पंकज सिंह जी – विधायक, भाजपा, नोएडा विधानसभा,तेजपाल नगर – विधायक, भाजपा, दादरी विधानसभा, धीरेन्द्र सिंह – विधायक, भाजपा, जेवर विधानसभा, नरेंद्र भाटी – पूर्व मंत्री एवं विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) एवं अन्य जाने पहचानी हस्तियाँ सम्मिलित होंगी |