फेलिक्स हॉस्पिटल ने दैनिक जागरण के साथ मिलकर आयोजित किया सीपीआर प्रशिक्षण शिविर



- गुलशन कुमार फिल्म और टेलीविजन (टी-सीरीज़) के कार्यालय में सीपीआर प्रशिक्षण का आयोजन


नोएडा (अमन इंडिया ) ।  गुलशन कुमार फिल्म और टेलीविजन (टी-सीरीज़) के कार्यालय में सोमवार को फेलिक्स हॉस्पिटल ने दैनिक जागरण के साथ मिलकर सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) प्रशिक्षण का आयोजन किया। जिसमें फेलिक्स हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने लोगों को आपातकालीन स्थितियों में जीवन बचाने के लिए सीपीआर तकनीक के बारे में बताया। 

डॉक्टरों ने बताया कि सीपीआर एक जीवनरक्षक प्रक्रिया है, जिसका उपयोग हृदयगति रुकने या सांस रुकने जैसी आपातकालीन स्थितियों में किया जाता है। जब किसी व्यक्ति का हृदय अचानक धड़कना बंद कर देता है, तो उसे तुरंत सीपीआर देना आवश्यक होता है, जिससे रक्त प्रवाह को बनाए रखा जा सके और मस्तिष्क को ऑक्सीजन मिलती रहे। यदि सीपीआर समय पर दिया जाए, तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। इस प्रशिक्षण सत्र में डॉक्टरों और चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम ने हिस्सा लिया और उपस्थित लोगों को सीपीआर की तकनीक, इसके महत्व और इसे सही तरीके से करने की प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस सत्र में कंपनी के कर्मचारियों, अधिकारियों और आमंत्रित अतिथियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। डॉक्टर ने सीपीआर की चरण-दर-चरण प्रक्रिया समझाई और प्रतिभागियों को व्यावहारिक रूप से इसे करने का मौका दिया। सीपीआर देने के सही तरीके के बारे  प्रतिभागियों को बताया गया कि सीपीआर करते समय 30 बार छाती को दबाना और 2 बार मुंह से सांस देना जरूरी होता है। यह समझाया गया कि कब और किन परिस्थितियों में सीपीआर देना आवश्यक होता है।  गलत तरीके से सीपीआर देने से शरीर को नुकसान हो सकता है, इसलिए डॉक्टरों ने सही तकनीक पर जोर दिया। सीपीआर उपकरण और एईडी (ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफाइब्रिलेटर) सीपीआर के दौरान एईडी मशीन का उपयोग कैसे किया जाए, इस पर भी जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को अचानक हृदयगति रुकने की समस्या हो जाए, तो पहले 5 मिनट में दी गई सीपीआर उसकी जान बचा सकती है। आपातकालीन चिकित्सा सहायता के आने तक मदद जब तक डॉक्टर या एम्बुलेंस नहीं पहुंचती, तब तक सीपीआर करने से रोगी की स्थिति को स्थिर रखा जा सकता है। हर किसी को आनी चाहिए यह तकनीक यह प्रशिक्षण केवल डॉक्टरों के लिए नहीं, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी बहुत जरूरी है। घर, दफ्तर, स्कूल और सार्वजनिक स्थानों पर सीपीआर का ज्ञान कई लोगों की जान बचा सकता है। हृदय रोग के बढ़ते मामलों में बचाव का तरीका भारत में हृदय संबंधी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, और ऐसे में सीपीआर जैसी तकनीकों की जानकारी रखना आवश्यक हो गया है। टी-सीरीज के कर्मचारियों और अन्य प्रतिभागियों ने इस सत्र को बेहद लाभदायक बताया। उन्होंने ने कहा कि पहली बार हमें यह सीखने को मिला कि किसी आपात स्थिति में हम किसी की जान बचाने के लिए क्या कर सकते हैं। यह ज्ञान हर किसी को होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं पहले नहीं जानता था कि सीपीआर इतनी महत्वपूर्ण तकनीक है। अब मैं इसे अपने परिवार और दोस्तों को भी सिखाऊंगा। इस प्रकार के सीपीआर प्रशिक्षण शिविरों की जरूरत आज के समय में और भी ज्यादा बढ़ गई है। हृदय रोग और आकस्मिक दुर्घटनाओं के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए सार्वजनिक स्थानों, कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में सीपीआर प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाना चाहिए।