फोनरवा का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से उनके लखनऊ स्थित निवास पर मिला


नोएडा (अमन इंडिया) । फोनरवा का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी  से उनके लखनऊ स्थित निवास पर मिला । बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को  नोएडा शहर के विकाश से संबंधित मांगो का ज्ञापन दिया। मुख्यमंत्री  ने सभी मांगो को सुना और आश्वाशन दिया कि इन मांगो विचार किया जाएगा ।

 इस अवसर पर फोनरवा अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा, महासचिव के के जैन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय भाटी और सुशील यादव उपस्थित थे। फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (FONRWA) नोएडा सेक्टरों के RWA का प्रतिनिधित्व करने वाला एकमात्र लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित संगठन है जो विशेष रूप से नोएडा शहर की संपूर्ण आवासीय आबादी को प्रतिनिधित्व करता है।

हम नोएडा निवासियों के हित में निम्नलिखित महत्वपूर्ण मुद्दों पर आपकी स्वीकृति के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। 

1.*नोएडा जैसे उभरते हुए शहर में एक उच्च-स्तरीय ट्रामा सेंटर स्थापित करने की आवश्यकता।

नोएडा जैसे बड़े और तेजी से विकसित हो रहे शहर में ट्रामा सेंटर की आवश्यकता अत्यंत महत्वपूर्ण है। ट्रामा सेंटर न केवल गंभीर दुर्घटनाओं और आपात स्थितियों में मरीजों की जान बचाने में सहायक होते हैं।

नोएडा की जनसंख्या 10 लाख से अधिक है, और यहां बड़ी संख्या में लोग काम के लिए रोजाना आते-जाते हैं। अक्सर होने वाली  सड़क दुर्घटनाएँ और औद्योगिक क्षेत्र में होने वाली आपात स्थितियाँ आम हैं। गंभीर स्थिति में, समय पर इलाज न मिलने के कारण मरीज की जान जाने का खतरा बढ़ जाता है। कई मरीजों को   दिल्ली या अन्य अस्पताल में भेजा जाता हे जिससे इलाज में देरी होती है।

 हमारा निवेदन है कि कृपया नोएडा शहर में ट्रामा सेंटर उपलब्ध करवाने की कृपा करें जिससे गंभीर रूप से घायल या बीमार व्यक्तियों को समय पर उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। स्थानीय निवासियों को पास में ही आपातकालीन सेवाएँ मिलेंगी। चिकित्सा सेवाओं का स्तर सुधरेगा और यह शहर की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा। नोएडा जैसे उभरते हुए शहर में एक उच्च-स्तरीय ट्रामा सेंटर स्थापित करना बेहद जरूरी है। कृपया इस दिशा में शीघ्र निर्णय लेकर निवासियों को राहत प्रदान करें।

2.*नोएडा में नए कॉलेज की आवश्यकता

नोएडा, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) का एक महत्वपूर्ण शहर और उत्तर प्रदेश का अग्रणी औद्योगिक नगर है। यहां की बढ़ती जनसंख्या और शिक्षा की बढ़ती मांग को देखते हुए, उच्च शिक्षा के लिए बेहतर और व्यापक सुविधाओं की आवश्यकता अत्यधिक महत्वपूर्ण है। वर्तमान में, 10 लाख से अधिक की आबादी वाले इस शहर में केवल एक राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय संचालित है, जिसमें अधिकांश विषय केवल स्नातक स्तर तक ही सीमित हैं।

उच्च शिक्षा की सीमित उपलब्धता व केवल एक महाविद्यालय होने के कारण छात्रों के लिए उच्च शिक्षा विकल्पों की भारी कमी है।स्नातकोत्तर व विशेषज्ञता पाठ्यक्रमों की अनुपलब्धता छात्रों की आकांक्षाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है और छात्रों को छात्रों को गाजियाबाद, दिल्ली, फरीदाबाद और मेरठ जैसे शहरों में शिक्षा के लिए जाना पड़ता है, जिससे समय और आर्थिक संसाधनों का अपव्यय होता है।

उच्च श्रेणी के महाविद्यालय की स्थापना से स्थानीय छात्रों को उनके घर के पास ही उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त होगी। इसके साथ साथ विशेषज्ञता और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की शुरुआत से शहर के विद्यार्थियों के लिए रोजगार और कौशल विकास के नए अवसर खुलेंगे। शहर की शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होगी और नोएडा शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र बन सकेगा।

हम आपसे विनम्र निवेदन करते हैं कि नोएडा में एक उच्च श्रेणी का महाविद्यालय स्थापित करने की अनुमति प्रदान करें, जिससे यहां के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ हो सके और उन्हें अन्य शहरों पर निर्भर न रहना पड़े।

3.*अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जैसे सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना कि मांग

नोएडा उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख औद्योगिक और आवासीय शहर है, जिसकी आबादी 10 लाख से अधिक है। शहर की तेज़ी से बढ़ती जनसंख्या और इसके निवासियों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को देखते हुए, यहाँ एक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जैसे सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना बेहद आवश्यक है।

एम्स अस्पताल सस्ती कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाली नैदानिक देखभाल और विशेषज्ञता प्रदान करता है। इसके द्वारा गंभीर बीमारियों के लिए उन्नत चिकित्सा सेवाएँ जैसे कार्डियक कैथीटेराइजेशन, हार्ट वाल्व सर्जरी, मल्टी-ऑर्गन ट्रांसप्लांट, नवजात सर्जरी, और कोक्लियर इम्प्लांट जैसी सुविधाएँ प्रदान करता है।

वर्तमान में नोएडा के मरीजों को दिल्ली और अन्य शहरों में स्थित एम्स और निजी    सुपर-स्पेशियलिटी अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता है।जिसका इलाज बहुत ही महंगा है जो कि आम आदमी उसका खर्चा नहीं उठा पाते है।

नोएडा जैसे उभरते हुए शहर में एम्स की स्थापना से न केवल स्थानीय निवासियों को लाभ होगा, बल्कि आसपास के क्षेत्रों जैसे ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, और फरीदाबाद के लोग भी लाभान्वित होंगे।

यह संस्थान चिकित्सा अनुसंधान और स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में भी योगदान देगा। नोएडा में एम्स बनाना स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि नोएडा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना के लिए शीघ्र कदम उठाए जाएँ। यह संस्थान न केवल नोएडा बल्कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए एक वरदान साबित होगा।


4.नोएडा में सस्ती और समावेशी हाउसिंग स्कीम की आवश्यकता

नोएडा, उत्तर प्रदेश का प्रमुख औद्योगिक और आवासीय केंद्र है। नोएडा प्राधिकरण द्वारा समय-समय पर विभिन्न सेक्टरों में हाउसिंग और इंडस्ट्रियल प्लॉट की योजनाएं लेकर आता है। हालांकि, वर्तमान में इन योजनाओं का आवंटन मुख्यतः नीलामी प्रक्रिया और एकमुश्त भुगतान के आधार पर किया जाता है। यह व्यवस्था केवल बिल्डर्स, धनी व्यक्तियों और प्रॉपर्टी से संबंधित व्यवसायियों के लिए ही फायदेमंद सिद्ध हो रही है।

नीलामी प्रक्रिया के कारण प्लॉट्स और फ्लैट्स की कीमत इतनी अधिक हो जाती है कि मध्यम वर्गीय लोग इन योजनाओं में हिस्सा लेने का सपना भी नहीं देख पाते।

एकमुश्त भुगतान की शर्तें आम लोगों के लिए एक बड़ी बाधा बन जाती हैं। पिछले कुछ वर्षों से 1BHK और 2BHK श्रमिक आवासों का निर्माण नहीं किया जा रहा है।वर्तमान फ्लैट्स की कीमतें अधिक हैं और नए  निजी बिल्डर्स के प्रोजेक्ट्स में केवल तीन, चार और पाँच बीएचके फ्लैट्स का निर्माण हो रहा है।

नोएडा में कार्य करने वाले श्रमिकों और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए अपना घर खरीदना लगभग असंभव हो गया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब और मध्यम वर्ग के लिए सस्ते आवासों का निर्माण अभी तक प्रभावी रूप से शुरू नहीं हुआ है। सस्ते और समावेशी हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के द्वारा श्रमिकों और मध्यम वर्ग के लिए 1BHK और 2BHK फ्लैट्स का निर्माण किया जाए।प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नोएडा में अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स शीघ्र शुरू किए जाएं।

नीलामी प्रक्रिया के स्थान पर लॉटरी सिस्टम लागू किया जाए और एकमुश्त भुगतान की बाध्यता को समाप्त कर किस्तों में भुगतान का विकल्प दिया जाए। ताकि सभी वर्गों के लोगों को समान अवसर मिल सके।

हम माननीय मुख्यमंत्री जी से विनम्र अनुरोध करते हैं कि नोएडा प्राधिकरण को निर्देशित करें कि वह निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का निर्माण शुरू करे। यह कदम नोएडा में रहने वाले सभी वर्गों के लोगों के लिए उनके अपने घर का सपना साकार करने में मददगार होगा।

5.नोएडा में ड्राइविंग टेस्ट सेंटर कि आवश्यकता

नोएडा शहर, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, उत्तर प्रदेश के तेज़ी से विकसित हो रहे शहरों में से एक है। यहाँ की आबादी लगभग 10 लाख से अधिक है, और यहां के निवासियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना अत्यंत आवश्यक है।

स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए नोएडा के निवासियों को दादरी तहसील जाना पड़ रहा है, जो नोएडा से लगभग 35 किलोमीटर दूर है।

आने-जाने में लंबा समय लगने के कारण कामकाजी लोग और छात्र इस प्रक्रिया को आसानी से पूरा नहीं कर पाते हैं।

दादरी में नए ड्राइविंग टेस्ट सेंटर का निर्माण पास के क्षेत्रों के लिए उपयोगी है, लेकिन नोएडा जैसे बड़े शहर के लिए यह पर्याप्त नहीं है।

नोएडा में ड्राइविंग टेस्ट सेंटर की  अति आवश्यकता है इससे समय और संसाधनों की बचत होगी निवासियों को अपने कामकाजी समय और आर्थिक संसाधनों की बचत होगी। इसके साथ साथ नोएडा में सेंटर बनने से आवेदन प्रक्रिया में तेजी आएगी और अनावश्यक विलंब नहीं होगा। 10 लाख से अधिक की आबादी वाले शहर के लिए एक स्थानीय ड्राइविंग टेस्ट सेंटर होना नितांत आवश्यक है। इससे स्थानीय स्तर पर लाइसेंस प्रक्रिया पूरी होने से अधिक लोगों को लाइसेंस प्राप्त करने में सुविधा होगी, जिससे यातायात नियमों का पालन बेहतर हो सकेगा।

हम आपसे विनम्र निवेदन करते हैं कि नोएडा में एक स्थायी और समर्पित ड्राइविंग टेस्ट सेंटर का निर्माण करवाने की कृपा करें। यह न केवल नोएडा के निवासियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि प्रशासनिक दक्षता में भी वृद्धि करेगा।

6.नोएडा में बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए भूमिगत केबलिंग की आवश्यकता

नोएडा एक तेजी से विकसित हो रहा शहरी क्षेत्र होने के बावजूद, बिजली आपूर्ति के क्षेत्र में कई समस्याओं का सामना कर रहा है। हल्की बारिश, तेज़ हवा, या आंधी-तूफान के कारण अक्सर बिजली आपूर्ति बाधित हो जाती है। बिजली के तार टूटने और खंभों को नुकसान पहुँचने से कई सेक्टरों में घंटों तक बिजली गुल रहती है, जिससे निवासियों को असुविधा होती है।थोड़ी तेज़ आँधी में बिजली के तार टूट जाते हैं, जिससे बिजली आपूर्ति घंटों तक बाधित रहती है।

खुले तार और खंभों की वर्तमान प्रणाली पुरानी और असुरक्षित है। तेज़ हवाओं और बारिश में यह प्रणाली टिकाऊ साबित नहीं होती। बार-बार बिजली गुल होने से दैनिक जीवन प्रभावित होता है।

बिजली के तारों को भूमिगत करने से यह समस्या काफी हद तक हल हो सकती है। भूमिगत केबलिंग बारिश, आँधी, और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रहती है और बिजली आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रहती है।

हम माननीय मुख्यमंत्री जी से विनम्र अनुरोध करते हैं कि नोएडा में बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए भूमिगत केबलिंग और अन्य आधुनिक उपायों को शीघ्र लागू किया जाए। यह कदम न केवल निवासियों की समस्याओं को हल करेगा, बल्कि शहर को एक विश्वस्तरीय बुनियादी ढाँचा प्रदान करने में भी सहायक होगा।