_*इंटीग्रेटेड मेडिसिन रोग के इलाज के साथ पुनरावृत्ति रोकने में सहायक
*- शिक्षक सदन में सफलतापूर्वक आयोजित हुआ आईएसएम डॉक्टर सेल का भव्य सम्मेलन
दिल्ली (अमन इंडिया) । पूर्वी दिल्ली स्थित शिक्षक सदन में आईएसएम डॉक्टर सेल के तत्वावधान में एक भव्य और सफल सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य होलिस्टिक और इंटीग्रेटेड मेडिसिन के महत्व और संभावनाओं पर चर्चा करना था। सम्मेलन में फेलिक्स हॉस्पिटल्स के चेयरमैन डॉ. डी. के. गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे । इस आयोजन में हॉलिस्टिक मेडिसिन और इंटीग्रेटेड मेडिसिन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। दिल्ली भारतीय चिकित्सा परिषद से पंजीकृत डॉक्टरों की प्रैक्टिस में इंटीग्रेटेड मेडिसिन के उपयोग इसकी परिभाषा, दायरा चिकित्सकों के अधिकार और उनके कर्तव्यों को लेकर गहन विचार-विमर्श हुआ। मुख्य अतिथि डॉ. डी.के. गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि इंटीग्रेटेड मेडिसिन का उद्देश्य आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों और परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों को एकीकृत कर एक समग्र दृष्टिकोण अपनाना है। इससे न केवल रोग का इलाज संभव होता है, बल्कि रोग की पुनरावृत्ति रोकने में भी सहायता मिलती है। इसके माध्यम से हम मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। आज के समय में इंटीग्रेटेड मेडिसिन एक महत्वपूर्ण विषय बन चुका है और डॉक्टरों को इसके महत्व को समझते हुए इसे अपनाने की आवश्यकता है। इंटीग्रेटेड मेडिसिन के दायरे को स्पष्ट करते हुए इसे मरीजों के समग्र उपचार का एक सशक्त माध्यम बताया। यह केवल बीमारी का इलाज नहीं करता बल्कि व्यक्ति की समग्र स्वास्थ्य स्थिति को सुधारने पर जोर देता है। इसमें हर्बल उपचार, ध्यान, योग, और पोषण आधारित थेरेपी शामिल हैं, जो शरीर को स्वाभाविक रूप से ठीक करने में मदद करते हैं। यह जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने पर काम करता है, जिससे दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ मिलता है। यह पारंपरिक चिकित्सा के साथ आयुर्वेद, होम्योपैथी, एक्यूपंक्चर, और चाइनीज़ मेडिसिन को शामिल करता है। यह कई बार कैंसर और अन्य जटिल बीमारियों के लक्षणों को कम करने में सहायक होता है। यह न केवल बीमारी बल्कि उसके कारणों पर भी काम करता है।
हॉलिस्टिक और इंटीग्रेटेड मेडिसिन स्वास्थ्य देखभाल का एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करती हैं। हालांकि, किसी भी उपचार को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना और प्रमाणित विशेषज्ञ की मदद लेना जरूरी है। पारंपरिक और वैकल्पिक चिकित्सा का संतुलन बनाकर स्वस्थ जीवन जीने की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकते हैं। उन्होंने डॉक्टरों को उनके कर्तव्यों और अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया। बताया कि इंटीग्रेटेड मेडिसिन न केवल स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को सशक्त बनाएगा, बल्कि मरीजों को गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान करने में भी सहायक होगा।सम्मेलन के आयोजन में आईएसएम डॉक्टर सेल के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर सेल के पदाधिकारियों ने सभी अतिथियों और डॉक्टरों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन भविष्य में भी होते रहेंगे, ताकि चिकित्सा क्षेत्र में समग्र दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया जा सके। सम्मेलन में दिल्ली भर से आए डॉक्टरों और आईएसएम डॉक्टर सेल के सदस्यों ने भाग लिया। इस मौके पर आयुष विभाग के पूर्व निदेशक डॉ. चंद्रकेतु, और जामिया हमदर्द के पूर्व डीन डॉ. आरिफ़ ज़ैदी, डॉ. धर्मेंद्र कुमार, डॉ. भानुप्रताप सिंह, डॉ. मुकेश शर्मा, डॉ. प्रसनजीत मैत्रा, डॉ. राहत अली, डॉ. जफ़र, डॉ. ओबैद, डॉ. मुकेश पाल, डॉ. दिवाकर, और डॉ. अनूप गुप्ता सहित कई प्रमुख चिकित्सकों ने इस विषय पर अपने विचार साझा किए।