नोएडा। रविवार को फेलिक्स अस्पताल की ओर से सेक्टर 137 स्थित अजनारा डेफोडिली सोसाइटी के पार्क में सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में प्राथमिक उपचार के महत्व और सीपीआर तकनीक के उपयोग के प्रति जागरूकता फैलाना था। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सोसाइटी में रहने वाले लोगों ने भाग लिया और सीपीआर के सही तरीके से करने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।
फेलिक्स अस्पताल के डॉक्टरों और प्रशिक्षकों ने सीपीआर के विभिन्न चरणों का विस्तार से प्रदर्शन किया और प्रतिभागियों को इसे खुद करने का अवसर भी दिया। फेलिक्स हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. डी.के. गुप्ता ने बताया कि सीपीआर जीवन रक्षक तकनीक है, जिसका उपयोग हृदयाघात या सांस रुकने की स्थिति में मरीज की जान बचाने के लिए किया जाता है। इस तकनीक में छाती पर दबाव डालकर और मुंह से सांस देकर रक्त प्रवाह और श्वसन तंत्र को बनाए रखने में मदद की जाती है, जिससे मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण अंगों को ऑक्सीजन की आपूर्ति बनी रहती है। शिविर में भाग लेने वाले लोगों को सीपीआर का सही तरीका सिखाने के साथ-साथ आपातकालीन स्थितियों में घबराने के बजाय त्वरित और सही प्रतिक्रिया देने के उपायों पर भी चर्चा की गई। फेलिक्स अस्पताल में इमरजेंसी के एच.ओ.डी. डॉ. सलिल मालिक ने कहा कि आपातकालीन स्थितियों में सीपीआर के सही तरीके से करने से मरीज की जान बचाई जा सकती है। हर व्यक्ति को इसका ज्ञान होना चाहिए, क्योंकि ये तकनीक कभी भी, कहीं भी उपयोगी हो सकती है। शिविर में उपस्थित लोगों ने इस प्रशिक्षण को उपयोगी बताया और कहा कि उन्हें यह तकनीक सीखकर आत्मविश्वास मिला है। शिविर में मौजूद लोगों ने सीपीआर के महत्व को समझते हुए इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल करने का संकल्प लिया।
फेलिक्स अस्पताल की ओर से कहा गया कि भविष्य में भी इस तरह के प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक लोग इस महत्वपूर्ण जीवन रक्षक तकनीक को सीख सकें और आपातकालीन स्थितियों में दूसरों की मदद कर सकें।