नोएडा (अमन इंडिया ) । आईएमएस लॉ कॉलेज नोएडा में अंतरराष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के दौरान डिजिटल युग की नियमित चुनौतियों एवं अवसरों पर परिचर्चा की गयी। वहीं वेबीनार के दौरान आईएमएस नोएडा के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) धवन, जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. कासिम बलराबे, आईएमएस की डीन डॉ. नीलम सक्सेना एवं आईएमएस लॉ कॉलेज के विभागाध्यक्ष डॉ. भाविश गुप्ता ने अपने विचार प्रकट किए।
आईएमएस लॉ कॉलेज नोएडा में आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय वेबिनार के दौरान डिजिटल युग की चुनौतियों और अवसरों पर गहन चर्चा हुई। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए आईएमएस नोएडा के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) धवन ने डिजिटल युग के महत्व और उसकी चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज के समय में तकनीकी प्रगति ने जहाँ कई नए अवसर पैदा किए हैं, वहीं इससे जुड़ी चुनौतियों को समझना और उनसे निपटना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
वहीं जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. कासिम बलराबे ने डिजिटल विधि और वैश्विक परिदृश्य में इसकी भूमिका पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम के दौरान दुनिया भर में कानूनी प्रणालियों पर प्रौद्योगिकी के परिवर्तनकारी प्रभाव एवं एआई, ब्लॉकचेन एवं साइबर सुरक्षा द्वारा उत्पन्न चुनौतियां जैसे विषय पर भी तुलनात्मक विश्लेषण किया गया। कार्यक्रम के दौरान आईएमएस की डीन डॉ. नीलम सक्सेना ने शैक्षिक संस्थानों में डिजिटल साधनों के उपयोग के महत्व को रेखांकित किया और इसे भविष्य के लिए आवश्यक बताया।
आईएमएस लॉ कॉलेज के विभागाध्यक्ष डॉ. भाविश गुप्ता ने वेबिनार के समापन सत्र में डिजिटल कानून के क्षेत्र में नए शोध और विकास की संभावनाओं पर अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि वेबिनार के दौरान डेटा सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), बौद्धिक संपदा और साइबर सुरक्षा जैसे विषयों पर चर्चा की गयी। साथ ही डिजिटल युग में कानून के क्षेत्र में आ रहे बदलावों को समझने और उसका लाभ उठाने के तरीकों पर विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रकट किए। वहीं वेबीनार के संयोजन डॉ. गोविंद प्रसाद गोयल ने बताया कि आज के कार्यक्रम में इस बात पर जोर दिया गया कि किस प्रकार डिजिटल नवाचार कानूनी परिदृश्य को नया आकार दे रहा है।