सीईओ डॉ लोकेश एम ने ऐसे आधा दर्जन से अधिक लोगों की सहभागिता तय किए

 नोएडा प्राधिकरण की नई पहल-

नोएडा / गौतम बुध नगर (अमन इंडिया ) । उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास अधिनियम 1976 के तहत सबसे पहले गठित नोएडा प्राधिकरण में सभी प्रकार के निर्णय लेने के लिए एक बोर्ड होता है जिसमें जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों को कोई स्थान नहीं दिया गया है।48 बरस से केवल अधिकारियों के बुद्धि कौशल या मनमानी से चल रहे नोएडा प्राधिकरण ने अब विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय स्थानीय नागरिकों को क्षेत्र के विकास की मुख्यधारा में शामिल करने की पहल कर दी है।आज शनिवार को प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ लोकेश एम ने ऐसे आधा दर्जन से अधिक लोगों के साथ बैठक कर भविष्य की योजनाओं पर न केवल चर्चा की बल्कि उनकी सहभागिता भी तय कर दी।

नोएडा प्राधिकरण के इतिहास में संभवतः पहली बार निश्चित दायरे से निकलकर क्षेत्र की अवस्थापना और नगरीय सुविधाओं को लेकर आज एक अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का महत्व इस बात से आंका जा सकता है कि स्वयं मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ लोकेश एम ने प्राधिकरण क्षेत्र के ऐसे लोगों को आमंत्रित किया जो विधि, समाजसेवा, उद्योग आदि विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ये लोग थे मदनलाल, गोविंद लाल, श्रीमती मरियम अली, रंजन तोमर, विपिन मल्हन, डॉ आलोक सिंह, अभिष्ट कुसुम गुप्ता, योगेश शर्मा और केहर सिंह।सीईओ ने इन लोगों से खेल, कला,जल संकाय, आवारा और पालतू जानवरों के संरक्षण आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की। विभिन्न खेलों की सुविधा विकसित करने के लिए इन्हीं लोगों से भारतीय खेल विकास प्राधिकरण से संपर्क करने तथा स्टेडियम को स्वयं सक्षम बनाने के लिए सुझाव देने को भी कहा गया। निजी लोगों अथवा संस्था द्वारा चलाए जा रहे डॉग शेल्टरों में मिल रही अनियमितताओं की शिकायत के चलते इनकी निरंतर निगरानी करने का निर्णय भी लिया गया। उल्लेखनीय है कि यूपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एक्ट 1976 के तहत गठित सभी विकास प्राधिकरणों को उनके लिए अधिसूचित क्षेत्र के समग्र विकास और नगरीय सुविधाओं की जिम्मेदारी तो दी गई है परंतु इसके लिए नागरिकों या जनप्रतिनिधियों तक को कोई भूमिका नहीं दी गई है। हालांकि एक उपबंध के द्वारा प्राधिकरण बोर्ड में चार नागरिकों को सदस्य मनोनीत किया जा सकता है परंतु अधिकारियों द्वारा ऐसा कभी नहीं किया जाता है। नोएडा प्राधिकरण के वर्तमान मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ लोकेश एम के द्वारा की जा रही यह पहल न केवल स्वागत योग्य है बल्कि अन्य प्राधिकरणों के लिए भी नजीर बन सकती है।