मानसून सीजन में जलजनित बीमारियों से पस्त हो रहा शरीर : डॉ गुप्ता


नोएडा (अमन इंडिया ) । मानसून सीजन में जलजनित रोग यानी की (वाटर बार्न डिजीज) गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं। लेकिन उचित स्वच्छता और सतर्कता के साथ इनसे बचा जा सकता है। यदि जलजनित रोगों के लक्षण उत्पन्न होते हैं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें ताकि उचित उपचार शुरू किया जाए जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सके। 

फेलिक्स अस्पताल के चेयरमैन डॉ. डी.के. गुप्ता का कहना है कि जलजनित रोग वे बीमारियां हैं जो दूषित पानी के सेवन या संपर्क से होती हैं। यह रोग आमतौर पर बैक्टीरिया, वायरस, या परजीवी से उत्पन्न होते हैं जो पानी के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं। जलजनित रोगों का प्रभाव अधिकतर उन क्षेत्रों में होता है जहां स्वच्छता और जल प्रबंधन की कमी होती है। जलजनित रोगों के प्रकार डायरिया, हेपेटाइटिस ए, कालरा, टायफॉयड, एंटैमाइबिक डाइसेंट्री है। डायरिया एक सामान्य जलजनित रोग है जो मुख्यतः बैक्टीरिया, वायरस या परजीवी के कारण होता है। हेपेटाइटिस ए एक वायरल संक्रमण है जो दूषित पानी या खाद्य पदार्थ से फैलता है। कालरा वाइब्रो कालरा बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न होने वाला एक गंभीर आंत्र संक्रमण है। टायफॉयड सामोनेला टाइपी बैक्टीरिया द्वारा होने वाली बीमारी है। एंटैमाइबिक डाइसेंट्री, एंटैमाइबा हिस्टोलिटिका परजीवी द्वारा होने वाली बीमारी है। डायरिया दूषित पानी, अस्वच्छ खाद्य पदार्थ और जीवाणु जैसे ई. कोली, साल्मोनेला और शिगेला के द्वारा फैलता है। हेपेटाइटिस ए: दूषित पानी या खाद्य पदार्थ, जो हेपेटाइटिस वायरस से संक्रमित होते हैं। कालरा: विब्रियो कोलरा बैक्टीरिया द्वारा दूषित पानी या खाद्य पदार्थ से होता है। टायफॉयड दूषित पानी या खाद्य पदार्थ के माध्यम से साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से फैलता है। एंटेमाइबिक डाइसेंटरी दूषित पानी या खाद्य पदार्थ से एंटअमीबा हिस्टोलिटिका परजीवी से होता है। डायरिया यानी की निर्जलीकरण से बचने के लिए ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन का सेवन करें। गंभीर मामलों में, डॉक्टर द्वारा एंटीबायोटिक्स या एंटीस्पास्मोडिक्स भी दिए जा सकते हैं। हेपेटाइटिस ए आमतौर पर विश्राम और उचित पोषण के साथ ठीक हो जाता है। गंभीर मामलों में डॉक्टर की सलाह लें। कालरा त्वरित उपचार के लिए ओआरएस और एंटीबायोटिक्स (जैसे डॉक्सीसाइक्लिन) का उपयोग किया जाता है। टायफॉयड एंटीबायोटिक्स जैसे कि सीफोटैक्साइम, सेफ्ट्रियक्सोन) का उपयोग किया जाता है। एंटी-एंटैमाइबिक दवा (जैसे कि मेट्रोनिडाज़ोल) का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा मानसून सीजन में चिकनगुनिया, मलेरिया और डेंगू ये तीनों मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां हैं।  चिकनगुनिया यह एडीस मच्छर के काटने से फैलता है, जो दिन के समय सक्रिय रहता है।  तेज बुखार, गंभीर जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में सूजन और लाल चकत्ते इसके लक्षण है।  फिलहाल इसका कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को कम करने के लिए दर्द निवारक दवा और आराम किया जाता है। वहीं मलेरिया एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है, जो रात में सक्रिय रहता है। तेज बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, पसीना आना, थकान, उल्टी और दस्त इसके लक्षण है। मलेरिया की पुष्टि के बाद एंटीमलेरियल दवाइयों से इसका इलाज किया जाता है। डेंगू यह एडीस मच्छर के काटने से फैलता है, जो दिन के समय सक्रिय रहता है। तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंख के पीछे दर्द, उल्टी और त्वचा पर लाल चकत्ते इसके लक्षण है। डेंगू का कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को कम करने के लिए दर्द निवारक दवा, तरल पदार्थों का सेवन, और आराम किया जाता है। मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए पानी के ठहराव को रोकना, मच्छरदानी का प्रयोग, कीटनाशकों का छिड़काव और शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनना। बुखार या अन्य लक्षणों के प्रकट होने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेना और आवश्यक जांच करवाना। फेलिक्स हॉस्पिटल की ओर से 31 अक्टूबर तक डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, टाइफाइड के लिए विशेष ऑफर संचालित है। मरीज जांच और इलाज में छूट पा सकते हैं। 

जल जनित बीमारियों के लक्षणः

बार-बार दस्त

पेट दर्द

मतली

उल्टी 

बुखार

पीलिया 

भूख की कमी

थकावट

तीव्र दस्त

 निर्जलीकरण

सिरदर्द।

रक्त और बलगम के साथ दस्त

जल जनित बीमारियों बचाव:

हाथों को साबुन और पानी से अच्छे से धोना।

केवल उबला हुआ या सुरक्षित पानी का सेवन करें।

खाद्य पदार्थों को अच्छे से धोएं और पकाएं।

घर और सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता बनाए रखें।

हेपेटाइटिस ए और टायफॉयड के लिए टीकाकरण।