टीमलीज़ स्टाफिंग ने वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में प्रमुख उद्योगों में कर्मचारियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद जताई
● भारत के नौकरी रोजगार बाजार से जुड़े 23 उद्योगों की नौकरियों में वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में 6% से ज्यादा की ग्रोथ होने की उम्मीद है
● कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट, ट्रैवल एवं हॉस्पिटैलिटी, ईवी एवं ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर ऐसे उद्योग हैं जिनमें नौकरियों की संख्या में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है
● दिल्ली, बैंगलोर और हैदराबाद भारत के ऐसे शहर हैं जहां नौकरियों के अवसर बढ़ रहे हैं
● ऐसा अनुमान है कि जनरेटिव एआई भविष्य में होने वाली 35% भर्तियों को प्रभावित कर सकती है और इससे तकनीकी प्रगति के कारण भर्ती के तरीकों में बदलाव का संकेत मिलता है
● कंपनियां मौजूदा और नई दोनों तरह की नौकरियों के लिए ऐसे उम्मीदवारों की तलाश कर रही हैं जो अच्छी तरह से बात कर सकें, तकनीकी रूप से जानकार हों और अच्छी तरह से काम कर सकें
दिल्ली (अमन इंडिया ) । भारत की अग्रणी स्टाफिंग कंपनी टीमलीज़ सर्विसेज (NSE: टीमलीज़) ने वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही (अप्रैल 2024 से सितंबर 2024) के लिए भारत के नौकरी बाजार से जुड़े लोगों के लिए अपनी 'टीमलीज़ की रोजगार आउटलुक रिपोर्ट' जारी की है। इस रिपोर्ट से कंपनियों द्वारा की जा रही भर्ती में उनके रुझान और दृष्टिकोण का पता चलता है। कंपनी ने 20 शहरों के 1,417 नियोक्ताओं का व्यापक सर्वेक्षण किया है। ये रिपोर्ट व्यवसायों, नीति निर्माताओं और दूसरे हितधारकों के लिए नौकरी से संबंधित बदलावों का विश्लेषण भी करती है। इस रिपोर्ट में 23 उद्योगों में वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में कर्मचारियों की संख्या में 6% से ज्यादा की वृद्धि होने का अनुमान लगाया गया है। इस रिपोर्ट के निष्कर्ष भारत के नौकरी बाजार में भर्ती के लिए अच्छे संकेत दे रहे हैं। सर्वे में शामिल 56% कंपनियों ने कहा है कि आने वाले महीनों में उनके कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी होने की संभावना है। 23% कंपनियों का कहना है कि वे अपने कर्मचारियों की मौजूदा संख्या को बनाए रखेंगी। वहीं, सर्वेक्षण में शामिल 21% कंपनियों का कहना है कि उनके कर्मचारियों की संख्या में आगे गिरावट की उम्मीद है।
सर्वेक्षण के मुताबिक, जिन उद्योगों में सबसे अधिक कंपनियां अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रही हैं, उनमें शामिल हैं हेल्थकेयर, फार्मा, ऑटोमोटिव, मैन्युफैक्चरिंग, इंजीनियरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर। कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के नजरिए से अग्रणी उद्योग कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट, ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी, इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) और ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर हैं।
अलग-अलग शहरों के हिसाब से रुझानों की जांच करते समय यह रिपोर्ट उन खास भारतीय शहरों पर प्रकाश डालती है जहां नौकरियों के अवसर बढ़ रहे हैं। इस मामले में दिल्ली, बैंगलोर और हैदराबाद सबसे आगे हैं, जहां 53.21%, 50.46% और 47.57% कंपनियां अपने कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी का संकेत दे रही हैं। इसके अलावा, कोयंबटूर, विशाखापत्तनम और जयपुर जैसे उभरते नौकरी देने वाले स्थानों में भी नौकरियों में अच्छी वृद्धि के संकेत मिले हैं। यहां 18.28%, 15.88% और 15.46% कंपनियां अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने में रुचि दिखा रही हैं। स्टार्ट-अप, छोटे व्यवसाय और मध्यम आकार की कंपनियां तेजी से अपने कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी कर रही हैं।
अधिकांश ग्लोबल रेटिंग एजेंसियों द्वारा 2024 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7% के आसपास रहने का अनुमान लगाया गया है, जो इसे सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला जी-20 राष्ट्र बना देगा। इसके अलावा, निवेश की मांग मजबूत बनी हुई है और मंहगाई में नरमी आ रही है, साथ ही कंपनियां तकनीक और कौशल पर ज्यादा जोर दे रही हैं, इन सबको देखते हुए, प्रतिकूल भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बावजूद भी हमारा रोजगार बाजार मजबूत बना हुआ है। रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि लगभग 43% कंपनियां कर्मचारियों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करके कौशल अंतर को कम करने पर भी काम कर रही हैं। यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि तकनीक तेजी से बदल रही है और कंपनियों को प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नए-नए कौशल वाले लोगों की आवश्यकता होती है।
टीमलीज़ स्टाफिंग के सीईओ कार्तिक नारायण ने कहा, "भारत के 2024 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली जी-20 अर्थव्यवस्था होने का अनुमान है। साथ ही वैश्विक चुनौतियों के बावजूद यहां निवेश की मजबूत मांग और घटती महंगाई दर के कारण नौकरी बाजार मजबूत बना हुआ है। लगभग पांच में से दो कंपनियां कौशल विकास को महत्व दे रही हैं और अपने कर्मचारियों को भविष्य में होने वाली तकनीकी प्रगति के लिए तैयार कर रही हैं। हमारी रिपोर्ट के निष्कर्ष बताते हैं कि नौकरियों का परिदृश्य आशावादी एवं गतिशील बना हुआ है।’’