दिल्ली (अमन इंडिया ) । सोनी बीबीसी अर्थ, तथ्यात्मक मनोरंजन के लिये सबसे पसंदीदा चैनलों में से एक, ने इस महीने के लिये उसने श्रीमती उमा मणि का नाम अर्थ चैम्पियन के तौर पर घोषित किया है। उमा को कोरल वूमन ऑफ इंडिया के नाम से जाना जाता है। वह एक कलाकार और पीएडीआई से प्रमाणित स्कूबा डाइवर भी हैं। वह कोरल रीफ्स के संरक्षण की लगन और कार्यशीलता का उदाहरण देती हैं।
कोरल वूमन ऑफ इंडिया बनने के लिये उमा मणि का सफर डिंडुगुल, तमिलनाडु की उत्साही गलियों से शुरू हुआ था। 49 की उम्र में उनकी जिन्दगी ने एक आकस्मिक मोड़ लिया और उन्होंने पीएडीआई से प्रमाणित एक स्कूबा डाइवर बनने का फैसला कर लिया। बदलाव लाने वाला यह फैसला सिर्फ पानी के भीतर की दुनिया को खोजने के लिये नहीं था, बल्कि इसमें सतह के नीचे मौजूद सौम्य पारिस्थितिकी-तंत्रों की सुरक्षा के लिये उनकी प्रतिबद्धता भी थी। पेंटिंग और स्कूबा डाइविंग के लिये उमा की दोहरी लगन ने कला की एक सिम्फनी का रूप ले लिया। कैनवास उनका माध्यम बना और समुद्र उनका चिंतन। हर बार उन्होंने पानी के भीतर की दुनिया के भाव को संजोया। उमा अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति का इस्तेमाल कोरल रीफ्स को हो रहे खतरों पर मायने रखने वाली बातचीत शुरू करने के एक औजार के तौर पर करती हैं। इन खतरों में ब्लीचिंग, प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग शामिल है।अर्थ चैम्पियन्स का वीडियो यहाँ देखें।
अर्थ चैम्पियन्स असल जिन्दगी के नायकों को सम्मानित करने के लिये सोनी बीबीसी अर्थ की एक मंथली प्रॉपर्टी है। यह नायक हमारे ग्रह को उल्लेखनीय तरीके से प्रभावित कर रहे हैं। चैनल उचित संगीत वाले शॉर्ट-फॉर्म कंटेन्ट फॉर्मेट में अर्थ चैम्पियन्स के काम दिखाता है। वीडियो का प्रसारण चैनल पर किया जाता है और ऑनलाइन माध्यम के अलावा उसे नेटवर्क के चैनलों पर प्रचारित किया जाता है।रोहन जैन, बिजनेस ऑपरेशंस हेड- सोनी एएटीएच और हेड- मार्केटिंग एण्ड इनसाइट्स, इंग्लिश क्लस्टर, सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया‘कोरल रीफ के संरक्षण के लिये उमा मणि की प्रतिबद्धता हम सभी को सच्ची प्रेरणा देती है। उमा के सफर में उनका समर्पण दिखता है, जिसका कारण हमारे ग्रह की भलाई के लिये उनका जुनून है। उन्हें अगला अर्थ चैम्पियन घोषित करते हुए सोनी बीबीसी अर्थ को बड़ा गर्व हो रहा है। हमें उम्मीद है कि लोग अपने-अपने कामों पर विचार करने के लिये प्रेरित होंगे और पर्यावरण की रक्षा करने वाले विकल्पों को अपनाएंगे।उमा मणि, एक कलाकार, पीएडीआई से प्रमाणित स्कूबा डाइवर और कोरल रीफ संरक्षक, जिन्हें ‘कोरल वूमन ऑफ इंडिया’ कहा जाता है
‘‘मेरा मानना है कि कला में बहुत ताकत होती है और वह संवाद के लिये एक असरदार टूल होती है। कला से मुझे कोरल के संरक्षण की जरूरत पर जागरूकता बढ़ाने में मदद मिली है। अर्थ चैम्पियन्स सोनी बीबीसी अर्थ की एक बेहतरीन पहल है। मुझे आशा है कि इसकी कहानियाँ ज्यादा से ज्यादा लोगों को हमारे ग्रह के लिये अनुकूल कार्यों की प्रेरणा देंगी।’’