देश की तकरीबन 11.4 फीसदी व्यस्क आबादी यानि 101 मिलियन लोग डायबिटीज़ से पीड़ित

देश की तकरीबन 11.4 फीसदी व्यस्क आबादी यानि 101 मिलियन लोग डायबिटीज़ से पीड़ित हैं।


इन्सुक्विक 100 फीसदी भारत में निर्मित है, जो डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए इलाज को अधिक सुलभ बनाएगा


दिल्ली (अमन इंडिया ) । भारत में आज डायबिटीज़ चिंता का विषय बन चुका है, देश की तकरीबन 11.4 फीसदी व्यस्क आबादी यानि 101 मिलियन लोग डायबिटीज़ से पीड़ित हैं। इसके अलावा 136 मिलियन प्री-डायबिटिक हैं और बहुत कम समय में उनकी यह स्थित डायबिटीज़ तक पहुंच सकती है।  यूएसवी प्रा. लिमिटेड और बायोजेनोमिक्स ने भारत के पहले बायोसिमिलर इन्सुलिन एस्पार्ट इन्सुक्विक के लॉन्च की घोषणा की है, जो डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए इलाज की सुलभता में सुधार लेकर आएगा।  इन्सुक्विक कार्टिज, वायल और प्रीफिल्ड डिस्पोज़ेबल पैन में उपलब्ध होगा, इस तरह डायबिटीज़ के मरीज़ों को उनकी ज़रूरत के अनुसार विकल्प मिलेंगे। डिस्पोज़ेबल और रीयूजे़बल (पुनः इस्तेमाल किए जा सकने वाले) पैन आधुनिक और लाईटवेट डिज़ाइन के हैं।

इन्सुक्विक ‘मेक इन इंडिया’ प्रोडक्ट है, जिसका विकास और निर्माण 100 फीसदी स्वदेशी टेक्नोलॉजी से किया गया है। सशक्त क्लिनिकल प्रोग्राम के द्वारा इसकी विश्वस्तरीय गुणवत्ता को सुनिश्चित किया गया है। यह सभी महानगरों तथा पहले एवं दूसरे स्तर के शहरों में उपलब्ध है।  प्रशांत तिवारी मैनेजिंग डायरेक्टर यूएसवी प्रा. लिमिटेड ने कहा, ‘‘हम डायबिटीज़ के मरीज़ों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना चाहते हैं। ओरल एंटी-डायबिटीज़ सेगमेन्ट में लीडर होने के नाते इन्जेक्टेबल सेगमेन्ट में प्रवेश डायबिटीज़ मार्केट में हमारी स्थिति को और अधिक मजबूत बनाएगा। 

डॉ संजय सोनार, सह-संस्थापक एवं अध्यक्ष बायोजेनोमिक्स ने कहा, ‘‘इन्सुलिन एस्पार्ट रैपिड-एक्टिंग इन्सुलिन कैटेगरी में पहला बायोसिमिलर है और सालों के अनुसंधान एवं विकास का परिणाम है।

डॉ अर्चना कृष्णन, सह-संस्थापक एवं निदेशक, बायोजेनोमिक्स ने बताया कि यह 100 फीसदी मेड इन इंडिया है, जिसे फिंगरप्रिन्ट जैसी समानता के साथ स्वदेशी  तकनीक से बनाया गया है। सशक्त क्लिनिकल प्रोग्राम इसकी प्रभाविता और सुरक्षा को सुनिश्चित करते हैं। 

इन्सुलिन एस्पार्ट इन्सुलिन मार्केट में यूएसवी के प्रवेश के लिए उल्लेखनीय कदम है। कंपनी आन वाले समय में भी सशक्त अनुसंधान एवं विकास के साथ अपना विस्तार जारी रखेगी और डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए व्यापक समाधान लाती रहेगी।