लाडो सराय में मारुति सुजुकी के ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्‍ट ट्रैक का उद्घाटन किया

आशीष कुंद्रा (आईएएस), प्रमुख सचिव व आयुक्‍त, परिवहन, दिल्‍ली सरकार, ने

लाडो सराय में मारुति सुजुकी के ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्‍ट ट्रैक का उद्घाटन किया

इस उद्घाटन के साथ, दिल्‍ली अब ड्राइविंग लाइसेंस टेस्टिंग में पूरी तरह से हुई कम्‍प्‍यूटराइज्‍ड 
7 लाख से अधिक उम्‍मीदवारों का किया जा चुका है मूल्‍याकंन 
ड्राइविंग टेस्टिंग प्रक्रिया को व्यापकफुलप्रूफपारदर्शी और शून्य मानवहस्तक्षे के साथ निर्बाध बनान के लिए 10 मिनट की अवधि के भीतरपूरा करने के लिए कई तकनीकों का किया जा रहा है इस्‍तेमाल  

नई दिल्‍ली (अमन इंडिया ) ।  मारुति सुजुकी द्वारा लाडो सराय में बनाए गए ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्‍ट ट्रैक का उद्घाटन आज श्री आशीष कुंद्रा (आईएएस), प्रमुख सचिव व आयुक्‍त, परिवहन, दिल्‍ली सरकार ने किया। लाडो सराय में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्‍ट ट्रैक (एडीटीटी) के चालू होने के साथ, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने दिसंबर, 2017 में परिवहन विभाग, एनसीटी ऑफ दिल्‍ली के साथ किए गए समझौता ज्ञापन (एमओ) के अनुरूप दिल्‍ली में अपने सभी ड्राइविंग टेस्‍ट ट्रैक को सफलतापूर्वक स्‍वचालित (ऑटोमेटेड) बना दिया है।    

 

समझौते के अंतर्गत, मारुति सुजुकी की भूमिका टेस्‍ट ट्रैक का निर्माण करना, ऑटोमेशन और आईटी सिस्‍टम की स्‍थापना करना और दिल्‍ली सरकार को सौंपने से पहले 3 साल तक रखरखाव समर्थन प्रदान करना है।  

 

 

इस अवसर पर, श्री राहुल भारती, एग्‍जीक्‍यूटिव ऑफिसर, कॉर्पोरेट अफ़ेयर्समारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने कहा, मारुति सुजुकी पिछले दो दशकों से सड़क सुरक्षा के सभी 5 स्‍तंभो- इंजीनियरिंग, शिक्षा, मूल्‍याकंन, प्रवर्तन और आपातकालीन देखभाल पर कड़ी मेहनत कर रही है। मूल्‍याकंन के लिए तकनीक का उपयोग करते हुए मारुति सुजुकी द्वारा परिवहन विभाग, एनसीटी ऑफ दिल्‍ली की भागीदारी में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्‍ट ट्रैक (एडीटीटी) की स्‍थापना कंपनी की अपनी तरह की एक पहल है। इन एडीटीटी में, ड्राइविंग लाइसेंस उम्मीदवारों का बिना मानव हस्‍तक्षेप के वीडियो एनालिटिक्‍स टेक्‍नोलॉजी द्वारा उनके ड्राइविंग कौशल का परीक्षण लिया जाता है, और ये सारी प्रक्रिया केवल 10 मिनट के अंदर पूरी हो जाती है। हमें ये बताते हुए खुशी हो रही है कि अपने आखिरी सेंटर के उद्घाटन के साथ, ड्राइविंग लाइसेंस टेस्टिंग में दिल्‍ली अब 100 प्रतिशत कम्‍प्‍यूटराइज्‍ड है। हमें यह अवसर, सुविधा और प्रोत्‍साहन देने के लिए, हम दिल्‍ली सरकार का धन्‍यवाद करते हैं।

लाइसेंसिंग में ऑटोमेशन के प्रभाव के बारे में बताते हुए, श्री राहुल भारती ने कहा, यह देखना बड़ा दिलचस्‍प है कि मैनुअल टेस्टिंग विधि में, आवेदकों कापास प्रतिशत 2018 में 84 प्रतिशत था। एडीटीटी की शुरुआत और टेस्टिंग के मानकीकरण के तुरंत बाद, पास प्रतिशत तेजी से गिरकर लगभग 34 प्रतिशत रह गया, जो धीरे-धीरे सुधरकर अब 64 प्रतिशत हो गया है। इससे पता चलता है कि अब उम्‍मीदवार अपने ड्राइविंग टेस्‍ट के लिए बेहतर तैयारी के साथ आ रहे हैं। इससे यह भी पता चलता है कि लाइसेंस केवल कुशल उम्‍मीदवारों को ही दिया जाता है, ताकि सड़कों को ज्‍यादा सुरक्षित बनाया जा सके।

 

टेस्‍ट ट्रैक्‍स को केंद्रीय मोटर वाहन नियमों (सीएमवीआर) के अनुरूप आवश्‍यक ड्राइविंग कौशल का मूल्‍याकंन सटीकता के साथ करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो सुरक्षित और ज़िम्‍मेदार ड्राइविंग के लिए ज़रूरी है।