मोबाइल पर ज्यादा वक्त गलत खानपान से हाइपरटेंशन की गिरफ्त में आ रहे लोग : फेलिक्स अस्पताल



इस भ्रम में मत रहिए कि उच्च रक्तचाप केवल उम्रदराज लोगों को होता हैं। युवा पीढ़ी भी तेजी से हाइपरटेंशन की चपेट में आ रही है। मानसिक, पर्यावरणीय कारणों और नए जमाने में जीने के तरीकों से यह समस्या निरंतर बढ़ रही है। सिर दर्द से परेशान हैं, लगातार चक्कर और बेचैनी हो रही है। सांस लेने में दिक्कत या उल्टी आ रही है तो सतर्क हो जाएं। यह हाई ब्लडप्रेशर के लक्षण हो सकते हैं। यह बातें फेलिक्स अस्पताल में वर्ष विश्व हाइपरटेंशन डे पर आयोजित कार्यक्रम में डॉक्टर सैय्यद जफरुल  ने कहा। उन्होंने कहां कि इस वर्ष की थीम है ब्लड प्रेशर को सटीक रूप से मापें, नियंत्रित करें है। लेकिन जागरूकता की कमी की वजह से लोग इसकी गिरफ्त में और उनको इसका पता तक नहीं है। जीवनशैली एवं खान-पान में जंक फूड बढ़ जाने के कारण रोगी बढ़ रहे हैं। नियमित व्यायाम, संयमित भोजन, फल एवं हरी सब्जियों का सेवन इस बीमारी से बचाव करता है।  हाइपरटेंशन में रक्त वाहिनियों में रक्त का दबाव लगातार बढ़ा हुआ होता है। दबाव जितना अधिक होगा, हृदय को उतनी अधिक क्षमता से पंप करना पड़ेगा। हाइपरटेंशन के कारण विभिन्न अंग क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। मसालेदार भोजन लेते हैं तो हाइब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। तनाव और मोबाइल बच्चों की सेहत पर भारी पड़ रही है। खान-पान का तरीका भी बदल गया है। अभी तक यह माना जाता है कि ब्लड प्रेशर बुजुर्गों की बीमारी है। लेकिन दुबले-पतले बच्चे भी हाइपरटेंशन की जद में है। बहुत से बच्चों के परिवार में भी ब्लड प्रेशर का इतिहास नहीं मिला। फिर भी उनमें यह समस्या पनप आई है। कई बच्चे घर पर माता-पिता के साथ भोजन नहीं करते हैं। ऐसे में वे मनमर्जी का खाना खाते हैं। बीमारी से बचने के लिए जरूरी है कि धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें। हरी-सब्जियों और फलों का सेवन करें। छह माह में एक बार बीपी जरूर चेक करवाएं। कम फैट वाले डेयरी उत्पाद डाइट में करें शामिल। रोजाना करीब एक घंटे तक व्यायाम करें रोजाना नमक की मात्रा 5 ग्राम से कम रखें। शरीर को सक्रिय रखें और वजन घटाएं। मॉर्निंग वॉक या रनिंग की आदत डालें। फैमिली के साथ अच्छा समय बिताएं।