पर्यावरण मंत्री ने पश्मीना सर्टिफिकेशन सेंटर का उद्घाटन किया

 पर्यावरण मंत्री ने पश्मीना सर्टिफिकेशन सेंटर का उद्घाटन किया


ईपीसीएच और डब्ल्यूआईआई ने संयुक्त रूप से पश्मीना सर्टिफिकेशन सेंटर की स्थापना की


नई दिल्ली (अमन इंडिया )।


 पश्मीना के उत्पादकों के विकास, प्रचार और मार्केटिंग की सुविधा के लिए हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) ने भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूडब्ल्यूआई) के सहयोग से देहरादून में पश्मीना टेस्ट/सर्टिफिकेशन के लिए एक समर्पित सुविधा पश्मीना सर्टिफिकेशन केंद्र की स्थापना की है I इसका उद्देश्य पश्मीना निर्यातकों को तय समय में प्रामाणिक और मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट की सेवाएं उपलब्ध कराना और उन्हें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुपालनों को पूरा करने में सक्षम बनाना है I  


आज श्री भूपेंद्र यादव, माननीय केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन और श्रम एवं रोजगार ने श्री अश्विनी चौबे, माननीय पर्यावरण, वन और जलवायु राज्य मंत्री और श्री रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व कैबिनेट मंत्री की उपस्थिति में देहरादून में पश्मीना सर्टिफिकेशन केंद्र का उद्घाटन किया I इस अवसर पर श्री चंद्र प्रकाश गोयल, वन महानिदेशक और विशेष सचिव, एमओईएफ एंड सीसी; श्री राजकुमार मल्होत्रा अध्यक्ष-ईपीसीएच; श्री सत्य प्रकाश यादव, एडीजी, एमओईएफ एंड सीसी; श्री बिवश रंजन एडीजी (डब्ल्यूएल), एमओईएफ एंड सीसी; श्री वीरेंद्र आर. तिवारी, निदेशक, डब्ल्यूआईआई; श्री ए. एस. रावत, महानिदेशक, भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद (आईसीएफआरई); श्री आरके वर्मा, कार्यकारी निदेशक ईपीसीएच; डॉ रुचि बडोला, साइंटिस्ट-जी, डीन एवं रजिस्ट्रार, डब्ल्यूआईआई; डॉ. एसके गुप्ता, वैज्ञानिक-एफ और नोडल अधिकारी, वाइल्डलाइफ फॉरेंसिक ऐंड कंजरवेशन जेनेटिक्स (डब्ल्यूएफसीजी) सेल, डब्ल्यूआईआई; श्री राजेश रावत अतिरिक्त कार्यकारी निदेशक ईपीसीएच और क्षेत्र से सदस्य निर्यातक मौजूद थे I 


इस अवसर पर ईपीसीएच के अध्यक्ष राज कुमार मल्होत्रा ने कहा कि पश्मीना हस्तशिल्प क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हम इसे बढ़ावा देने और समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पश्मीना सर्टिफिकेशन सेंटर यह सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है कि हमारे पश्मीना उत्पाद सर्वोच्च अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता और मानकों वाले हैं I यह केंद्र भारत और विश्व स्तर पर पश्मीना उद्योग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा I


उन्होंने आगे पश्मीना सर्टिफिकेशन सेंटर की स्थापना में डब्ल्यूआईआई के माध्यम से उनके सहयोगपूर्ण प्रयासों के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) के प्रति आभार व्यक्त किया I उन्होंने ग्राहकों के विश्वास को बढ़ाने, सतत कार्य प्रवृति को बढ़ावा देने, और पश्मीना उद्योग के लिए एक उन्नत भविष्य सुनिश्चित करने के लिए इस सुविधा के महत्व पर प्रकाश डाला I उन्होंने ये भी कहा, इस केंद्र के माध्यम से पश्मीना निर्यातकों को विदेशी व अंतरराष्ट्रीय बाजार में उनके खरीदारों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निश्चित समय के भीतर मान्यता प्राप्त परीक्षण और सर्टिफिकेट सेवाएं प्रदान की जाएंगी I

  

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर. के. वर्मा ने बताया कि पश्मीना सर्टिफिकेशन सेंटर पश्मीना उद्योग को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है कि ग्राहकों को उच्चतम गुणवत्ता वाले प्रामाणिक उत्पाद प्राप्त हों I उन्होंने कहा, हम इस केंद्र की स्थापना में उनकी साझेदारी और समर्थन के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान के आभारी हैं I उन्होंने ये भी कहा कि इस केंद्र से कारीगरों, उत्पादकों और निर्यातकों समेत पश्मीना की पूरी वैल्यू चेन को लाभ होगा I केंद्र आधुनिक परीक्षण उपकरणों से सुसज्जित है I


हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद देश से हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक नोडल एजेंसी है जो होम, लाइफ स्टाइल, टेक्स्टाइल, फर्नीचर और फैशन जूलरी व एक्सेसरीज के उत्पादन में लगे लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के प्रतिभासंपन्न हाथों के जादुई उत्पादों की ब्रांड छवि का निर्माण करती है. ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आरके वर्मा ने बताया, वर्ष 2022-23 के दौरान हस्तशिल्प निर्यात रुपये के संदर्भ में 29426.38 करोड़ का और अमेरीकी डॉलर के संबंध में 3583.52 मिलियन का हुआ था I