डॉ. कल्याण बनर्जी क्लिनिक द्वारा विकसित की गयीमरीजों पर केंद्रित होम्योपैथिक प्रोटोकॉल से कैंसरमरीजों के जीवन की गुणवत्ता और जीवित रहने की संभावना में सुधार

 डॉकल्याण बनर्जी क्लिनिक द्वारा विकसित की गयीमरीजों पर केंद्रित होम्योपैथिक प्रोटोकॉल से कैंसरमरीजों के जीवन की गुणवत्ता और जीवित रहने कीसंभावना में सुधार करती हैं

होम्योपैथी एक्सक्लूसिव या एड ऑन ट्रीटमेंट के रूप में कैंसर केमरीजों को फ़ायदा पहुंचा सकती है



नोएडा (अमन इंडिया) ।  डॉकुशाल बनर्जीवरिष्ठ होम्योपैथडॉकल्याणबनर्जी क्लिनिक, ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया “कैंसर विशिष्ट होम्योपैथिकट्रीटमेंट प्रोटोकॉल कैंसर रोगियों को जीवन की गुणवत्ता और जीवित रहने कीसंभावना में सुधार करने में मदद कर सकती हैं। कीमोथेरेपीरेडिएशनऔर कैंसरसर्जरी से गुजरने वाले कैंसर रोगियों के लिए डॉकल्याण बनर्जी क्लिनिक द्वारानिर्धारित होम्योपैथिक उपचार प्रोटोकॉल से मरीज की स्थिति में उल्लेखनीयसुधार देखा गया है औरकई मामलों मेंजीवन प्रत्याशा को भी बढ़ाया है।

 

डॉकल्याण बनर्जी के क्लिनिक में निर्धारित होम्योपैथिक ट्रीटमेंट प्रोटोकॉलको 40 वर्षों में विकसित किया गया है और कैंसर को कम करने या रोकने मेंयोगदान करनेकैंसर के उपचार के दुष्प्रभावों को कम करने और उन्हें लंबे समयतक और जीवन की उच्च गुणवत्ता के साथ जीवन जीने में मदद करता है। आजक्लिनिक हर दिन 100 से अधिक कैंसर रोगियों को नुस्खा प्रदान करता है।

 

पारंपरिक कैंसर उपचार में कीमोथेरेपी (हार्मोनल थेरेपी के साथ), रेडिएशन थेरेपीऔर कैंसर सर्जरी शामिल है। रोगी की उम्रस्वास्थ्य की स्थितिकैंसर के स्टेजजैसे विभिन्न कारणों के आधार परइन ट्रीटमेंट का एक संयोजन रोगी कोनिर्धारित किया जाता है। इन ट्रेडिशनल ट्रीटमेंट की वजह से मतलीउल्टीसर्जिकल साइट की गैर-हीलिंग जैसे विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभावों हो जाते है।इसके अतिरिक्तसाइड इफेक्ट्स जैसे कि साइट के सेकेंडरी संक्रमण या किसीअन्य सिस्टम के पुनरावर्ती चरण के दौरानदर्दवजन घटना या बढ़नारक्तकोशिकाओं को नुकसानदस्तदांतों की सड़नबालों का झड़ना और थकान भीदेखी जाती है। साइड इफेक्ट की गंभीरता और प्रकार हर रोगी में अलग होते है।कभी -कभीगंभीर साइड इफेक्ट से अंग की विफलता और अन्य गंभीरजटिलताओं हो सकती है।

 

डॉकुशाल बनर्जी ने बताया, “हमारे ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल ट्रेडिशनल कैंसर ट्रीटमेंटके दुष्प्रभावों को काफी हद तक कम करने में सक्षम हैं। हर दिनहम कैंसर केट्रीटमेंट के लिए और ट्रेडिशनल कैंसर ट्रीटमेंट के दुष्प्रभावों के प्रबंधन के लिएलगभग सौ रोगियों को होम्योपैथिक दवा लिखते हैं। इस होम्योपैथिक उपचारप्रोटोकॉल को क्लिनिक में दशकों में कैंसर रोगियों की एक उच्च संख्या के प्रबंधनके बाद ऑब्जरवेशन और क्लिनिकल डेटा के आधार पर प्रमाणित किया गया है।हमारे इंटरनल डेटा से पता चलता है कि हमारी प्रोटोकॉल प्रभावी है और रोगियोंकी संपूर्ण स्थिति में सुधार करती हैं। हर सालहम लगातार अपने कैंसर ट्रीटमेंटप्रोटोकॉल को दुनिया भर के हजारों रोगियों को कैंसर का प्रबंधन करने औरपारंपरिक कैंसर ट्रीटमेंट के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए प्रदान कर रहे हैं।हमारे मरीजों की प्रतिक्रियाओं से पता चलता है कि मरीजों को हमारे ट्रीटमेंटप्रोटोकॉल से फ़ायदा पहुच रहा है। ”

 

पद्म श्री प्राप्तकर्ताडॉकल्याण बनर्जीसंस्थापक डॉकल्याण बनर्जीक्लिनिकने बताया, "हमारे क्लिनिक में किए गए कैंसर से संबंधित विश्लेषण सेपता चला है कि क्लिनिक में इलाज किए गए 70% से अधिक कैंसर रोगियों कापहले से ही ट्रेडिशनल ट्रीटमेंट हो चुका थालेकिन उन्हें इससे कोई फायदा नहींहुआ था। क्लिनिक से होम्योपैथिक ट्रीटमेंट लेने के बादउन्नत हेपेटो-सेलुलरकार्सिनोमा के 30% से अधिक रोगी ट्रेडिशनल ट्रीटमेंट के तहत 24 महीनों केअधिकतम समय से ज्यादा जीवित  रहे। इसी तरहओरल कैविटी के शुरुआतीस्क्वैमस सेल कार्सिनोमा के 90% से अधिक रोगियों ने पांच साल तक जीवित रहने के निशान को पार कियाजो ट्रेडिशनल ट्रीटमेंट के बराबर है। अध्ययन यहभी इंगित करता है कि कई रोगी हमारे क्लिनि से होम्योपैथिक उपचारप्रोटोकॉल के साथ ग्लियोब्लास्टोमा मल्टीफॉर्म के पांच साल के जीवित रहने केप्रतिशत को पार करने में सक्षम थे। इसके अतिरिक्तविश्लेषण ने फेफड़ोंअग्न्याशय और अंडाशय के कैंस के उन्नत चरणों में रोगियों के लिए सर्वाइवलके अनुमानों से बेहतर किया , जिन्होंने कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी से कोईलाभ नही मिला था। ”

 

डॉकुशाल बनर्जी ने आखिर में बताया, “देश में विभिन्न प्रकार के कैंसर के बढ़तेबोझ की चुनौती को संबोधित करने की तुरंत आवश्यकता है। होम्योपैथी 'विश्वस्वास्थ्य संगठनके अनुसार दुनिया भर में प्रचलित चिकित्सा का दूसरा सबसेविश्वसनीय रूप है और वर्षों से लोगों ने इसकी प्रभावशीलता और सुरक्षा केकारण चिकित्सा की प्रणाली में बहुत विश्वास दिखाया है। पिछले कुछ सालों मेंकैंसर सहित विभिन्न रोगों के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल विकसित औरउन्नत हुए हैं। होम्योपैथी आज एक संपूरक सिस्टम उपलब्ध कराती है जोट्रेडिशनल कैंसर ट्रीटमेंट की विभिन्न चुनौतियों का समाधान कर सकती है।क्लिनिकल परिणामों के हमारे साक्ष्य-आधारित मूल्यांकन से पता चलता है किहोम्योपैथी व्यक्तिगत रूप सेया ट्रेडिशनल थेरेपी के साथ संयोजन में कैंसररोगियों को बीमारी का प्रबंधन करने और व्यवस्थित रूप से रोगियों की जीवन कीगुणवत्ता में सुधार करने का एक प्रभावी तरीका प्रदान करती है। "