लोगों को कोरोना वायरस और फ्लू के बीच अंतर समझना जरूरी : डॉ जितेंद्र कुमार

 सर्दी में कोरोना वायरस और फ्लू के लक्षण के अंतर को समझना जरूरी


नोएडा (अमन इंडिया) । बढ़ती सर्दी के साथ बच्चों, बुजुर्गों को खांसी, जुकाम, कोल्ड फ्लू और एलर्जी होने लगी है। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि यह उन्हें सामान्य सर्दी, जुकाम है या फिर कोरोना। लोग जांच कराने को लेकर आशंकित है।फेलिक्स अस्पताल के डॉ जितेन्द्र कुमार प्रियदर्शी बताते हैं कि लोगों को कोरोना वायरस और फ्लू के बीच अंतर समझना जरूरी है। कोरोना वायरस और फ्लू के लक्षण लगभग एक समान होते हैं। जहां फ्लू पर खांसी के साथ बलगम, गले में खराश, नाक बहने जैसे लक्षण दिखते हैं। इसके साथ ही कई बार पेड़, घास, पराग के संपर्क में आने पर नाक, मुंह, कान में खुजली, छींक, नाक बहने के लक्षण दिखते हैं। जहां फ्लू में खांसी, मांसपेशियों में दर्द, थकान, गले में खराश, नाक बहना और सांस लेने में परेशानी के लक्षण होते हैं। जबकि कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद सूखी खांसी के बलगम भी निकलता है। मौसमी एलर्जी होने पर कई बार खांसी होती है। कोरोना वायरस होने पर बुखार जैसे लक्षण देखने को मिलता है। मौसमी एलर्जी होने पर बुखार नहीं होता है। वहीं फ्लू में बुखार हो सकता है। कोरोना वायरस और फ्लू के होने पर खराश, नाक बहना, छींकना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। फ्लू में बच्चों में डायरिया और उल्टी के लक्षण देखने को मिल सकते हैं। जबकि कोरोना वायरस होने पर सूंघने की शक्ति और खाने का स्वाद भी नहीं आता है। लेकिन मौसमी एलर्जी, फ्लू में ऐसा नहीं होता है। कोरोना वायरस के लक्षणों में त्वचा के रंग में बदलाव भी शामिल हैं। कोरोना वायरस का संक्रमण होने के बाद सांस लेने में भी तकलीफ होती है लेकिन फ्लू में ऐसा नहीं होता है। कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति को सिरदर्द की समस्या नहीं होती, लेकिन फ्लू में सिरदर्द की समस्या आम होती है। यह अंतर सबसे महत्वपूर्ण है। चूंकि इन दिनों लक्षणों को सामान्य समझकर नजरअंदाज करने की भूल बिल्कुल न करें। अगर जरूरत हो तो कोरोना की जांच करवाएं। फ्लू की शुरुआत अचानक होती है। मौसम में बदलाव इसके प्रमुख कारणों में से एक है। फ्लू में एक से चार दिन तक संक्रमण के लक्षण दिखते हैं। इसका सामान्य उपचार उपलब्ध है। अधिकतम एक से दो हफ्ते में आप ठीक हो जाते हैं। वहीं कोरोना वायरस होने पर खुद को आइसोलेट कर ले। बाहरी व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें। डॉक्टर की सलाह पर नियमित दवाओं का सेवन करें। खासतौर से अगर घर में बच्चा, बुजुर्ग है तो होम आइसोलेशन में रहने के दौरान उनसे दूरी बनाकर रखे। दिन में दो से तीन बार भाप लेना फायदेमंद होता है। स्वस्थ होने के बाद जांच करा सकते हैं। वहीं कोरोना वायरस से बचने के लिए शारीरिक दूरी का पालन करें। घर से बाहर आते-जाते और आफिस में हाथ को अच्छी तरह से सैनिटाइज करें। खाना खाने से पहले हाथ जरूर धोएं। घर से बाहर निकलते समय मास्क लगाएं। प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए विटामिन सी, प्रोटीन को डाइट में शामिल करें।