देश की संस्कृति एवं सभ्यता बचाने में सहायक सिद्ध होती हैं रामलीलाएं : सुरेंद्र सिंह नागर

 देश की संस्कृति एवं सभ्यता बचाने में सहायक सिद्ध होती हैं रामलीलाएं : सुरेंद्र सिंह नागर


लक्ष्मण परशुराम संवाद, दशरथ कैकई संवाद, कौशल्या राम संवाद एवं राम वन गमन , श्री राम केवट संवाद और भरत केकई संवाद की रामलीला का हुआ मंचन


 नोएडा (अमन इंडिया अकरम चौधरी)





। सेक्टर 46 के रामलीला ग्राउंड में चल रही श्रीराम लखन धार्मिक लीला में छठे दिन  लक्ष्मण परशुराम संवाद के साथ रामलीला का शुभारंभ किया जाता है।


 इसके बाद दशरथ कैकई संवाद एवं कौशल्या राम संवाद के साथ-साथ राम जी का वन गमन, केवट संवाद के साथ-साथ भरत केकई संवाद की रामलीला का मंचन किया गया।


 इस अवसर पर मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर और राज्यमंत्री कैप्टन विकास गुप्ता एवं दैनिक सच कहूं के संपादक ऋषि पाल अरोड़ा आदि के द्वारा लीला मंचन का शुभारंभ किया गया।


इस अवसर पर राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर ने कहा कि रामलीला से हमेशा लोगों को एक सीख मिलती है। साथ ही हम ऐसे मंच के माध्यम से अपने अपने देश की संस्कृति व धरोहर को बचाए रखा है।


उन्होंने कहा कि देश ने अनेकों तकनीकी उपलब्ध की है।

 लेकिन संस्कृति व सभ्यता के लिए रामलीला आदि धार्मिक कार्यक्रमों का होना जरूरी है।


इस अवसर पर राज्य मंत्री कैप्टन विकास गुप्ता ने रामलीला के आयोजन का आयोजकों का आभार प्रकट किया। 

वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में दैनिक सच कहूं के संपादक ऋषि पाल अरोड़ा ने कहा कि इस प्रकार के मंचन से जहां युवा पीढ़ी को संस्कृति व सभ्यता बचाने की सीख मिलती है। 

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में दैनिक सच कहूं के संपादक ऋषि पाल अरोड़ा के अलावा पीयूष द्विवेदी ,राकेश अग्रवाल एवं रामनिवास यादव ने भी रामलीला संचालकों एवं कलाकारों का आभार प्रकट किया।


इसके बाद आए हुए अतिथियों का संस्था के अध्यक्ष विपिन अग्रवाल ने उनका सम्मान कर आभार प्रकट किया।


रामलीला संचालक पंडित कृष्णा स्वामी ने रामलीला सुनाते हुए दशरथ द्वारा राज्य अभिषेक की घोषणा के बाद की रामलीला का शुभारंभ किया। 

रामलीला में मथरा द्वारा केकई को भड़का देने तथा महाराज दशरथ उन्हें मनाने जाते हैं ।

तो केकई महाराज से दो वचन मांगती है।

 पहले वचन में राम को 14 वर्ष का वनवास एवं दूसरे वचन में भरत को राजगद्दी।

 राजा दशरथ दोनों वचन सुनकर परेशान हो जाते हैं।

 लेकिन वचन के अनुसार वह उन्हें दोनों वादे पूरे करने का वचन देते हैं। इसके बाद राम का 14 वर्ष के लिए वनवास की लीला का मंचन होता है। जिसे देखकर लोगों मन में भी पीड़ा होती है। 

इसके बाद राजा दशरथ का देहांत हो जाता है।

 और भरत उनके संस्कार के बाद राम को लेने चित्रकूट जाते हैं।

 लेकिन वचन के अनुसार राम नहीं आते हैं।

 अंत में उनकी खड़ाऊ लेकर भारत वहां से आते हैं ।

इसके बाद रामचंद्र जी चित्रकूट को भी त्याग कर आगे बढ़ जाते हैं। उनके रास्ते में निषाद राज आते हैं। और गंगा पार कर लेते हैं की लीला का समापन हुआ ।

इस अवसर पर राधेश्याम गोयल, गिरजा अग्रवाल, संजीव पुरी, प्रदीप मेहता ,अजय गोयल ,वीरेश तिवारी, रोहतास गोयल, सुधीर गोयल, वरुण कुमार सिंह ,अजय जैन, अजय गुप्ता, संजय गोयल ,मुकेश यादव, प्रमोद यादव बलराज गोयल ,पूनम सिंह, अनुज गुप्ता, वीरेश तिवारी, श्रीकांत बंसल, शबनम गुप्ता, संजय जिंदल, सुधीर मित्तल, सुनीता सिंह आदि मौजूद थे।

सनातन धर्म रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला महोत्सव में आज पंचवटी पर लक्ष्मण जी द्वारा सुपर्णखा के नाक कान काटने, खरदूषण बध,सीता हरण की लीला का मंचन किया गया जिसमे समिति के चेयरमैन टी एन गोविल,जी,अध्यक्ष टी एन चौरसिया, कार्यकारी अध्यक्ष सुशील भारद्वाज,महासचिव संजय बाली जी,कोषाध्यक्ष अल्पेश गर्ग, शुभकरण राणा जी, रमेश जी, अनिल गुप्ता, मित्रा शर्मा, डॉक्टर एस पी जैन,एन के अग्रवाल जी, सौरभ गोविल,रविन्द्र गुप्ता, अतुल वर्मा, शान सिंह,निखिल गुप्ता,इंदु यादव,संजय,गुप्ता, राजीव गर्ग जी,, विपिन बंसल,विनय शर्मा जी,राजीव अजमानी जी, कुलदीप गुप्ता,पवन सिंह,सुंदर सिंह राणा,राहुल बाली,, ,प्रमोद रंगा,चंद्रपाल सिंह,, राम बाबू गुप्ता,ममता सिंह,मीना ,,पुनीत शुक्ला,, मनोज शर्मा,सुनील कुमार,तरुण अरोरा,आशीष, द्वेदी, सोनू शर्मा,नीरज शर्मा,राम जी चंदेल,केएवम् शहर के काफी गणमान्य लोग उपस्तिथि थे    

आकाश मार्ग द्वारा हुआ सीता हरण, दर्शक हुये मंत्र मुग्ध

 श्रीराम मित्र मण्डल नोएडा रामलीला समिति द्वारा सेक्टर-62 के रामलीला मैदान में आयोजित श्रीरामलीला मंचन के छठे दिन मुख्य अतिथि सुरेंद्र सिंह नागर राज्यसभा सांसद, कैप्टन विकास गुप्ता अध्यक्ष कृषि अनुशंधान परिषद, विनोद बंसल राष्ट्रीय प्रवक्ता विश्व हिंदू परिषद,अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील कुमार,राष्ट्रीय कार्यालय मंत्री वीरेश त्यागी, दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष अशोक कुमार, पीएस जैन,गजेंद्र बंसल, श्रीकांत बंसल,मनोज सिंघल, राजकुमार अग्रवाल, राकेश अग्रवाल,मुकेश गुप्ता, रंजन तोमर, विनय अग्रवाल, गौरव सिंगल,जितेंद्र अग्रवाल, एवं अंशुल अग्रवाल द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर रामलीला का शुभारंभ किया गया।          

श्रीराम मित्र मंडल रामलीला समिति के चैयरमेन उमाशंकर गर्ग ,अध्यक्ष धर्मपाल गोयल, महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा एवं एस एम गुप्ता द्वारा मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह प्रदान कर और अंगवस्त्र ओढ़ाकर स्वागत किया गया।

भगवान राम मंत्री सुमंत, लक्ष्मण व सीता को रथ पर बिठाकर नगर के बाहर ले जाते हैं श्रृंगवेरपुर पहुंचने पर गंगा जी में स्नान करते हैं। राम आगमन सुनकर निषादराज गुहा भगवान राम की आव भगत करता है और इस के बाद सुमंतजी अयोध्या वापस लौट आते हैं।राजा दशरथ राम के वियोग में अपने प्राण त्याग देते हैं। भगवान राम सीता लक्ष्मण के साथ गंगा तट पर पहुँचते हैं जहाँ पर भक्त और भगवान का सुंदर संवाद होता है। भगवान राम गंगा तट पर पहुंचकर केवट से नाव मांगते हैं‘‘मागी नावन केवटु आना।कहइ तुम्हार मरमु मैंजाना’’।लेकिन केवट नाव नहीं लाता है और कहता है कि प्रभु में आपके मर्म को जानता हूँ जिस तरह आपके चरण रज का स्पर्श पाते ही पत्थर की शिला सुन्दर नारी बन गई अगर मेरी नाव भी स्त्री बन गई तो मेरी रोजी रोटी चली जायेगी। यदि आपको गंगा के पार उतरना है तो मुझे अपने पैर धोने दे प्रभु। भगवन मुझे गंगा पर उतरने की कोई कीमत नहीं चाहिए । प्रभु आप भी मल्लाह ही हैं आप भावसागर के पार उतारते हैं और मैं गंगा के पार। मैं आपको गंगा के पार उतार देता हूँ,प्रभु मुझे भवसागर के पार उतार देना।यह कहकर वह प्रभु के चरण धोने लगता है । चरण धोने के बाद अपने परिवार सहित चरणोदक को पीकर भगवान राम को सीता व लक्ष्मण सहित गंगा के पार उतार देता है। भरत माता कैकई को सफेद वस्त्रों में देखर भौंचक्के रह जाते हैं वह इसका कारण कैकई से पूछते हैं। कैकई पूरा वृतांत सुनाती हैं और कहती हैं मैंने राजा दशरथ द्वारा दिये गए अपने वरदानों के आधार पर राम के लिये 14 वर्षों का वनवास ओर तुम्हारे लिये राज मांगा है। यह सुनकर भरत माता कैकई को अपनी माता कहने के सुख से वंचित करते हुए कहते हैं कि आज के पश्चात आप मेरी माता नहीं हैं। आपने माता कहने का अधिकार खो दिया है। मेरे पिता की हत्या ओर मेरे भाई राम को वनवास भेजने वाली मेरी माता कैसे हो सकती है।वह ईश्वर को साक्षी मानकर यह सौगंध लेते हैं और राम,लक्ष्मण और सीता को ढूंढने निकल पड़ते हैं। भगवान राम, सीता, लक्ष्मण निषादराज के साथ प्रयागराज में भारद्वाज मुनि के आश्रम पहुंचते हैं ।वहां ठहरने के पश्चात मुनि से विदा लेकर चित्रकुट में वाल्मीकि जी के आश्रम में पहुंचते हैं, जहां पर भरत, सुमंत, शत्रुध्न व मां कैकई के साथ राम को मनाने पहुंचते हैं। लेकिन राम पिता की आज्ञा के कारण वन से अयोध्या वापस नहीं जाते तब भरत उनकी चरण पादुका लेकर अयोध्या वापस आ जाते हैं । अगले दृश्य में भगवान श्रीराम भ्राता लक्ष्मण व सीता के साथ पंचवटी में पहुंचते हैं जहां पर वह पर्ण कुटी बनाकर रहने लगते हैं। वहां पर रावण की बहन सूर्पणखा आती है । वह कामातुर होकर राम व लक्ष्मण से विवाह के लिए कहती हैं उनके मना करने पर वह भयंकर रूप धारण कर लेती है । क्रोध में लक्ष्मण जी उसके नाक कान काट लेते हैं यह सब सुनकर खर, दूषण, आये और उन्होंने राम व लक्ष्मण के साथ भयंकर युद्ध किया । जिसमें भगवान श्रीराम ने उनको मारकर अपने परम धाम पहुंचा दिया ।रावण दरबार में सुर्पणखा विलापकरती हुई पहुंचती हैं। रावण ने उसकी दशा देखकर पूछा कि तेरे नाक कान किसने काटे । सुर्पणखा ने कहा कि राम लक्ष्मण दशरथ के पुत्र हैं । राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने मेरे नाक कान काटे हैं और उन्होंने खरदूषण का भी वध कर दिया । रावण सोचता है खर दूषण को मारने वाला कोई साधारण मनुष्य नहीं हो सकता , निश्चित ही कोई अवतार है । रावण मारीचि के पास जाता है और राम से बदला लेने के लिए कपट मृग बनने को कहता है । मारीचि सोने का मृग बनकर पंचवटी से निकलता है तो सीता राम जी से उस स्वर्ण मृग की खाल लाने को कहती हैं । रामजी उसके पीछे जाते हैं और उस स्वर्णमृग को एक बाण से मार देते हैं । मारीचि मरते समय हा लक्ष्मण हा लक्ष्मण की आवाज करता है । सीता जी ने राम को संकट में जानकर लक्ष्मण को उनकी सहायता में भेजती हैं। मौका देखकर लंकेश साधु का वेश रखकर जबरदस्ती सीता को रथ में बैठा कर आकाश मार्ग से जाता है। जटायु रावण पर हमला कर देते हैं इसके बाद लंकेश जटायु के पंख तलवार से काट देता है । इधर राम लक्ष्मण पंचवटी पहुंचते हैं वहां पर सीता को न पाकर दुःखी होकर ढूंढने लगते हैं । रास्ते में घायल गिद्ध राज जटायु मिलते हैं वह सारा वृतांत बताते हैं और भगवान की गोद में अपने प्राण त्याग देते हैं । उसके बाद भगवान सबरी के आश्रम पहुंचते हैं जहां पर प्रेम भक्ति में सबरी के झूठे बेर खाते हैं ।इसी के साथ षष्ठम दिवस की लीला का समापन होता है। सलाहकार मुकेश अग्रवाल ने बताया कि 2 अक्टूबर को राम हनुमान मिलन, बाली वध, सीता खोज में जाना, रावण हनुमान संवाद, लंका दहन आदि प्रसंगों का मंचन किया जायेगा। इस अवसर पर समिति के मुख्य संरक्षक मनोज अग्रवाल, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र गर्ग, सह-कोषाध्यक्ष अनिल गोयल,उपमुख्य संरक्षक राजकुमार गर्ग,वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतनारायण गोयल,बजरंगलाल गुप्ता, चौधरी रविन्द्र सिंह, तरुणराज,पवन गोयल, आत्माराम अग्रवाल, मुकेश गोयल,मुकेश अग्रवाल, शांतनु मित्तल, मनीष गुप्ता, चन्द्रप्रकाश गौड़, गौरव मेहरोत्रा, मनीष गोयल, आर के उप्रेती,गौरव गोयल,सुधीर पोरवाल, मनोज सिंघल,राजकुमार बंसल,अविनाश सिंह, गौरव चौधरी, संतोष त्रिपाठी, प्रवीण गोयल, अर्जुन अरोड़ा, रोहताश गोयल, बीना बाली, सहित श्रीराम मित्र मंडल नोएडा रामलीला समिति के सदस्यगण व शहर के गणमान्य व्यक्ति उपस्तिथ रहे। श्रीराम मित्र मंडल रामलीला समिति नोएडा।