संक्रामक ज्यादा, घातक कम कोरोना का नया वैरिएंट एक्सई: डॉ डीके गुप्ता



नोएडा (अमन इंडिया)।


विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के मुताबिक बीए.2 की तुलना में नया वैरिएंट BA.12 यानि एक्सई वैरिएंट की कम्युनिटी ग्रोथ रेट 10 फीसदी ज्यादा होने के संकेत मिले हैं। हालांकि अभी इसको लेकर पूरी तरह पुष्टि नहीं की गई है, क्योंकि इस पर अभी और जांच बाकी है, लेकिन डब्ल्यूएचओ ने इसको लेकर चिंता जरूर जाहिर की है। फेलिक्स अस्पताल के डॉ. डीके गुप्ता का कहना है कि इस वैरिएंट की संक्रामकता अधिक बताई जा रही हो लेकिन नए वैरिएंट से अभी घबराने की आवश्यकता नहीं हैं। संक्रमण की चपेट में आए लोगों में हल्के लक्षण देखने को मिले हैं। नया वैरिएंट बीए.12 पूरी तरह बीए.1 और बीए.2 से अलग है। यह वैरिएंट ओमिक्रोन का ही नया म्यूटेंट वैरिएंट है।

एक्सई रिकॉम्बिनेशन वैरिएंट है और यह म्यूटेंट वैरिएंट है। बीए.12 ओमिक्रोन के बीए.1 और बीए.2 की तरह एक सब वैरिएंट है। एक्सई वैरिएंट को अत्यधिक ट्रांसमिसिबल कहा जाता है। यह ओमिक्रोन वौरिएंट की तुलना में 10 गुना ज्यादा ट्रांसमिसिबल है।ओमिक्रोन की दर इतनी अधिक थी कि कुछ ही समय में इसने पूरी दुनिया में कोविड के मामलों की एक पूरी लहर फैला दी। नए वैरिएंट और चौथी लहर में कोरोना के वैरिएंट का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को है। भारत में टीकाकरण अभियान और बूस्टर डोज अभियान जारी हैं। अधिकतर लोगों का वैक्सीनेशन हो गया है। लेकिन बच्चों का टीकाकरण न होने से उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है। जिसके कारण संक्रमण का शिकार बच्चे हो सकते हैं। बच्चों को कोरोना के इस नए वैरिएंट से सुरक्षित रखने की जरूरत है।


वायरस को रोकने के लिए कोविड प्रोटोकाल का पालन जरूरी :

डॉ. डीके गुप्ता ने बताया कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी सुरक्षा उपाय करना बेहद अहम है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि समाज का एक निश्चित वर्ग इस बात को लेकर खुश है कि महामारी खत्म हो गई है। इसके चलते लोगों ने पब्लिक प्लेस पर लोगों को मास्क का उपयोग करना चाहिए। नियमों के अनुसार टीके लगाने और जहां कहीं भी अनुमति हो, वहां बूस्टर लगाने और भीड़-भाड़ वाले स्थानों में अनावश्यक जाने से बचना चाहिए। खासतौर पर बंद स्थानों में, लोग मास्क पहनकर सभ्य व्यवहार का परिचय दें।


बचाव.....

-स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं।

-सोने, खाने का एक निर्धारित समय तय हो और इम्यूनिटी मजबूत बने।

-जो बच्चे टीकाकरण के लिए पात्र हैं, उनका जल्द से जल्द वैक्सीनेशन कर दिया जाए।

-स्कूल में बच्चों की स्वच्छता और सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जाए।