फेलिक्स अस्पताल के डॉक्टरों के प्रयास से रहष्यमयी बुखार से पीड़ित की बची जान

 फेलिक्स अस्पताल के डॉक्टरों के प्रयास से रहष्यमयी बुखार से पीड़ित की बची जान




नोएडा(अमन इंडिया)। सेक्टर 137 फेलिक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने रहस्यमयी बुखार से पीड़ित व्यक्ति की जान बचाने में कामयाबी पाई है। व्यक्ति पिछले कई दिन से बीमार था कई जगह दिखाने के बाद भी जब फायदा नहीं पहुंचा तो फेलिक्स अस्पताल पहुंचा। जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों ने लक्षणों के आधार पर सफल इलाज कर व्यक्ति की जान बचाने में कामयाबी पाई है।

मरीज आदिल (काल्पनिक नाम) पिछले 15 दिन से बहुत ही गंभीर बुखार से पीड़ित थे। परिजन पता ही नहीं कर पा रहे थे कि आखिर पीड़ित को हुआ क्या है । कई दिनों तक बुखार न उतरने पर उसे फेलिक्स अस्पताल लाया गया। जहां पर उनका इलाज डॉ. श्वेता गर्ग, डॉ मोहन, डॉ सुधांशु एवं डॉ समरीन ने किया। मरीज को तेज सर दर्द, कमजोरी, खाना न खा पाना और तेज बुखार की शिकायत थी। मरीज की दिन प्रतिदिन दिन हालत बिगड़ते देख परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती करने का फैसला लिया। अस्पताल आने के बाद मरीज को तेज झटके भी आ रहे थे और धीरे-2 उन्हें मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर (इसकी उच्च मृत्यु दर लगभग 90 फीसद है की प्रॉब्लम भी होने लगी। प्रारंभ में उनकी खराब हालत की वजह से वेंटीलेटर पर जीवन रक्षक दवाइयों पर रखा गया। ब्लड प्रेशर नीचे जाने के साथ उनके प्लेटलेट्स भी काफी नीचे जा चुकी थी। मरीज की डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड रिपोर्ट निगेटिव आई थी। डॉक्टर्स की सलाह पर मरीज को उच्च एंटीबायोटिक पर रखा गया। मरीज के परिवारजन उम्मीद छोड़ चुके थे,, लेकिन डॉक्टर्स मरीज की स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए थे। अंत में फेलिक्स अस्पताल के डॉक्टर्स की कड़ी मेहनत रंग लाई और उन्हें धीरे-धीरे आराम मिला और मरीज को नार्मल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। अब मरीज की हालत सामान्य है। सफल इलाज के बाद मरीज के परिजन का कहना है कि कुछ समय के लिए तो उन्होंने उम्मीद ही छोड़ दी थी कि क्योंकि बुखार का पता ही नहीं चल पा रहा था। फेलिक्स अस्पताल की टीम ने मरीज की बिगड़ती हालत पर जल्द काबू पा लिया और उनकी हालत में दिन पर दिन सुधार देखने को मिला। अस्पताल की डॉक्टरों की टीम और डॉ. श्वेता गर्ग, डॉ मोहन, डॉ सुधांशु एवं डॉ समरीन काबिले तारीफ है। सभी ने बिना समय गवाएं मरीज को सही समय पर सही इलाज दिया। जिससे मरीज की जान बची है। फेलिक्स अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि लक्षणों के आधार पर मरीज का इलाज शुरू किया और सफलता पाई है।मरीजों से अपील है कि वह लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल पहुंचे। बिना डॉक्टरी सलाह के कोई दवा का सेवन नहीं करे।

झोलाछाप डॉक्टर के पास जान से बचे। क्योंकि बिना जांंच के आधार पर इलाज जोखिम भरा होता है।