डॉ. पंकज कुमार, फोर्टिस हॉस्पिटल ने लिखी, 'ऐट द हॉराइज़न ऑफ लाइफ ऐंड डेथ
डॉ. पंकज कुमार, फोर्टिस हॉस्पिटल ने लिखी, 'ऐट द हॉराइज़न ऑफ लाइफ ऐंड डेथ’ यह मौत का सामना कर रहे रोगियों व डॉक्टरों के बीच
 रिश्ते की ओर ध्यान दिलाती है

300 पन्नों की इस किताब में 20 काल्पनिक लघु कथाएं हैं और यह उन सभी फ्रंटलाइन वर्करों को समर्पित है जो पिछले डेढ़ साल से कोविड महामारी के खिलाफ लड़ रहे हैं। 

दिल्ली (अमन इंडिया)। देशभर के डॉक्टरों का कीर्तिगान करते हुए फोर्टिस शालीमार बाग के डॉ. पंकज कुमार, डायरेक्टर क्रिटिकल केयर द्वारा लिखी गई किताब 'ऐट द हॉराइज़न ऑफ लाइफ ऐंड डेथ' का विमोचन किया गया। 300 पन्नों की यह किताब 20 लघु कहानियों (काल्पनिक) का संकलन है। इन कहानियों में मौत का सामना कर रहे गंभीर रूप से पीड़ित रोगियों के इलाज में बरती जाने वाली संवेदनशीलता, इलाज के दौरान आने वाले महत्वपूर्ण पलों के बारे में बताया गया है।

यह किताब अपने मुख्य पात्र डॉ. आनंद के ज़रिए उन समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने की कोशिश करती है जिनका सामना मेडिकल पेशेवरों को लगातार करना पड़ता है जैसे हतोत्साहित होना, मेडिकल की महंगी पढ़ाई, असीम तनाव व आत्महत्या के विचार, नर्सों व सपोर्टिंग स्टाफ की खराब स्थिति, हमले व हिंसा और उनके रोज़मर्रा के काम में शामिल मेडिको-लीगल बारीकियां। लेखक ने इस किताब को पढ़ने में बेहद आसान बनाया है जिसका उद्देश्य नाज़ुक परिस्थितियों में डॉक्टरों की कशमकश व उनकी हालत को दर्शाने के साथ ही उभरते हुए डॉक्टरों को सोच-समझकर करियर का फैसला करने में मदद करना है।

डॉ. पंकज कुमार, डायरेक्टर क्रिटिकल केयर, फोर्टिस शालीमार बाग ने बताया, ''ये कहानियां डॉ. आनंद के इमरजेंसी रूम में शुरुआती दिनों से लेकर अगले चार दशक के दौरान उनके करियर में आईं जटिल मेडिको-लीगल परिस्थितियों में उनके संघर्ष को बयां करती हैं। यह किताब काल्पनिक कहानियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उन समस्याओं व मुश्किलों को सभी के सामने लाना है जिनका सामना देश में डॉक्टरों को करना पड़ा है। मुझे पूरी उम्मीद है कि यह किताब अपना उद्देश्य हासिल करेगी और अविश्वास, कानूनी पेंच और हैल्थकेयर प्रैक्टिस से संबंधित नीतियों की जगह फिर से सभी का ध्यान रोगियों के इलाज पर केंद्रित करेगी।”

फोर्टिस हॉस्पिटल शालीमार बाग के ज़ोनल डायरेक्टर श्री महिपाल सिंह भनोत ने कहा, ''महामारी अपने साथ कई प्रकार की अनिश्चितताएं लेकर आई है और उनके बीच हमारे हॉस्पिटल ने सभी रोगियों को जितना संभव हो उतना बेहतरीन इलाज देने की कोशिश की है। हमारे डॉक्टर व स्टाफ बिना थके लगातार काम कर रहे हैं और मुझे उन पर बहुत गर्व है। ऐसे समय में डॉ. पंकज की किताब का महत्व बढ़ जाता है और हम हैल्थकेयर क्षेत्र की छोटी-छोटी बातों को समझने पर ध्यान देने के लिए जितना कहें उतना कम रहेगा। हम कोविड-19 महामारी के बीच लगातार देश को सेवा देने के लिए सभी डॉक्टरों को सलाम करते हैं।''
 
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