शहीद भगत सिंह एक सच्चे राष्ट्र नायक थे : डा. आनंद कुमार




दिल्ली (अमन इंडिया)।


राष्ट्र निर्माण पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. आनंद कुमार ने शहीदी दिवस के अवसर पर सशस्त्र क्रांति के पुरोधाओं भगत सिंह, राजगुरू एवं सुखदेव को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए भगत सिंह को एक सच्चा राष्ट्र नायक बताते हुए कहा कि यदि देश की सत्ता भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस जैसे राष्ट्र भक्तों के हाथ में आई होती तो भारत आज उन्नति के शिखर पर होता और देश का विभाजन भी नहीं हुआ होता, पर सत्ता के दलालों ने अंग्रेजी शासन के साथ मिलकर षड्यंत्र करके भगत सिंह को अपने रास्ते से हटा दिया क्योंकि उन्होंने पूरे देश में क्रांति की ज्वाला प्रदीप्त कर दी थी। फांसी के फंदे को हंसते-हंसते अपने गले का हार बनाकर उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य को यह अनुभव करा दिया था कि वे भारतवासियों को डरा-धमकाकर अथवा फांसी का भय दिखाकर स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए किए जा रहे संघर्ष के पथ से विमुख नहीं कर सकते थे। ‘‘शहीदी दिवस’’ का आयोजन राष्ट्र निर्माण पार्टी द्वारा कनाट प्लेस, नई दिल्ली में किया गया जिसमे हज़ारों लोगों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर डा. सारस्वत मोहन मनीषी व दिनेश रघुवंशी जैसे राष्ट्रीय कवियों ने क्रांति गीतों का आगाज किया, जिससे पूरा वातावरण ही क्रांतिमय हो गया। जब सारस्वत मोहन मनीषी द्वारा ‘‘लाखों दीवानों ने गर्दन कटवाई थी, सच कहता हूं तब ही आजादी आई थी’’ कविता पढ़ी गई, लोग अपने आंसू नहीं रोक पाए। इस अवसर पर प्रसिद्ध संन्यासी स्वामी प्रणवानंद, स्वामी श्रद्धानंद, धर्मपाल आर्य, अध्यक्ष आर्य प्रतिनिधि सभा,दिल्ली, प्रसिद्ध गायक राजकुमार चांद, योग गुरू सुनील सिंह एवं राजेश वत्रा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए तथा क्रांतिकारी भगत सिंह,राजगुरू, सुखदेव के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित किए। दानवीर विद्यालंकार ने पूरे कार्यक्रम का संचालन एवं संयोजन बहुत उत्तम रीति से किया। 

डा. आनंद कुमार ने पार्टी की ओर से केंद्र सरकार व राज्य सरकारों से मांग की कि प्रत्येक राज्य में देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले क्रांतिवीरों के स्मारक बनाएं जाएं, जिसमें उनके जीवन की जानकारी, चित्र, फिल्म, स्टेच्यू आदि तैयार कराए जाए। साथ ही पाठ्य पुस्तकों में उनके जीवन एवं कार्यों का विवरण दिया जाएं। इससे देश की एकता एवं अखंडता मजबूत करने में सहायता मिलेगी, साथ ही देश के युवाओं में राष्ट्र भक्ति का संचार होगा। राष्ट्रनिर्माण पार्टी की ओर से केंद्र सरकार से यह भी मांग की गई कि हर वर्ष 23 मार्च का दिन राष्ट्रीय एकता अखंडता दिवस के रूप में मनाया जाए।