MediBuddy-DocsApp हाल के महीनों में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी कंसल्टेशन में वृद्धि दर्ज करता है

 


 


गैस्ट्रोएंटरोलॉजी कन्सल्टेशन्स में 78% की वृद्धि से पता चलता है कि कोविड 19 एक कंट्रीब्यूटर हो सकता है


नई दिल्ली(अमन इंडिया)। व्यक्तियों में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी समस्याएं काफी आम हैं। इस तरह की समस्याओं का कारण लो फाइबर सामग्री वाले आहार से लेकर ऑइली या अत्यधिक मसालेदार भोजन का सेवन करना हो सकता है। यह एक तथ्य है कि टेन्शन और स्ट्रैस जैसे मुद्दे गैस्ट्रोएंटरोलॉजी से संबंधित मुद्दों का कारण भी हो सकते हैं।


भारत के सबसे बड़े डिजिटल हेल्थकेयर प्लेटफ़ॉर्म, MediBuddy-DocsApp द्वारा संकलित डेटा से पता चलता है कि COVID-19 की शुरुआत के बाद से पोर्टल ने गैस्ट्रोएंटरोलॉजी से संबंधित मुद्दों पर परामर्श लेने वाले लोगों की संख्या में लगभग 78% की कुल वृद्धि देखी है। उन लोगों में से अधिकांश - 76.34% - पुरुष थे, शेष 23.66% महिलाएं थीं। एब्डोमिनल पेइन (17.01%), कब्ज (8.10%), लूस मोशन (19.26%) और मतली (10.11%) जैसी कई समस्याओं से संबंधित है। गैस्ट्राइटिस सबसे आम समस्या थी (45.26%) और थायरॉइड, सबसे कम आम (0.25%)।


आगे के विश्लेषण से पता चला है कि गैस्ट्रोएंटरोलॉजी मुद्दों के लिए ऑनलाइन चिकित्सा सहायता प्राप्त करने वाले लोग विभिन्न आयु वर्गों के हैं। 50% से अधिक आयु वर्ग 20-29 के थे और 3.07% 60 और उससे अधिक ब्रैकेट में थे। हैरानी की बात है कि, युवा, 19 से कम आयु वर्ग भी इन मुद्दों से परेशान थे और 6.91% ने पाई का गठन किया था।


MediBuddy-DocsApp के को-फाउंडर और सीईओ श्री सतीश कन्नन ने कहा, "MediBuddy-DocsApp में, देश के लोगों की लेंथ और ब्रेथ के लिए सुलभ स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का हमारा निरंतर प्रयास है। हम सभी प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, ताकि हमारे उपयोगकर्ताओं के लिए एक समग्र स्वास्थ्य सेवा प्लेटफॉर्म बने रहें।"


COVID-19 की शुरुआत के बाद प्लेटफॉर्म सक्रिय रूप से विभिन्न विभागों में मेडिकल कन्सल्टन्स में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज कर रहा है। COVID-19 के प्रभाव व्यापक हैं, और हाल ही के डेटा संकलन से पता चलता है कि महामारी से जीवन-शैली और स्टमक और आंतों से संबंधित मुद्दों के कन्सल्टेशन्स के पैटर्न में परिवर्तन के बीच एक मजबूत संबंध हो सकता है।