फोर्टिस हॉस्पिटल ने पुलिस मुख्यालय में पुलिस कर्मियों के लिए “कैसे बनाएं कार्य-जीवन के बीच संतुलन” सेमिनार का आयोजन किया

 


फोर्टिस हॉस्पीटल ग्रेटर नोएडा ने पुलिस-कर्मियों के लिए कार्य-जीवन संतुलन के विषय पर मेंटल हेल्थ सत्र का किया आयोजन 

600 से अधिक पुलिस कर्मियों ने मेंटल हेल्थ सत्र में हिस्सा लिया  


ग्रेटर नोएडा (अमन इंडिया) । फोर्टिस हॉस्पीटल ग्रेटर नोएडा ने सूरजपुर, ग्रेटर नोएडा स्थित पुलिस मुख्यालय में पुलिस कर्मियों के लिए “कैसे बनाएं कार्य-जीवन के बीच संतुलन” विषय पर एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चर्चा का आयोजन किया। डॉ मनु तिवारी, कंसल्टेंट, मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियरल साइंसेज़, फोर्टिस हॉस्पीटल ग्रेटर नोएडा द्वारा संचालित इस सत्र के दौरान, तनाव का प्रबंधन करने, भावनात्मक स्वास्थ्य की देखभाल और पेशेवर कर्तव्यों तथा व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन बनाकर रखने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। इस सत्र में लगभग 600 पुलिस-कर्मियों ने हिस्सा लिया। 

भारत में, लगभग 15 करोड़ लोग मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मसलों से प्रभावित होते हैं, लेकिन इसके बावजूद केवल 10–15% को ही पर्याप्त देखभाल मिल पाती है। फोर्टिस हॉस्पीटल ग्रेटर नोएडा ने इसी को ध्यान में रखते हुए इस महत्वपूर्ण सत्र का आयोजन किया। सत्र में, गौतमबुद्ध नगर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त श्री अजय कुमार, उप पुलिस आयुक्त श्री शैलेंद्र कुमार सिंह, सहायक पुलिस आयुक्त श्री राकेश प्रताप सिंह और श्री हेमंत उपाध्याय, सर्कल इंस्पेक्टर श्री सुधीय राय, आरटीसी प्रभारी श्री नेकराम सिंह समेत अन्य कई पुलिस अधिकारियों एवं कर्मियों ने हिस्सा लिया। इस इंटरेक्टिव सत्र के दौरान, तनाव प्रबंधन, एकाग्रता में सुधार और मजबूत मानसिकता विकसित करने में मददगार व्यावहारिक तकनीकों पर जोर दिया गया। इसके अलावा, प्रतिभागियों को रिलेक्सेशन तकनीकों, भावनात्मक उतार-चढ़ावों पर नियंत्रण रखने, और कामकाज की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के मद्देनज़र मानसिक संतुलन कायम रखने में मददगार टाइम मैनेजमेंट की तकनीकों के बारे में भी मार्गदर्शन दिया गया।

इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, डॉ मनु तिवारी, कंसल्टेंट, मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियरल साइंसेज़, फोर्टिस हॉस्पीटल ग्रेटर नोएडा ने कहा, “कानून का पालन कराने की जिम्मेदारी संभालने वाले पेशेवरों पर काफी मनोवैज्ञानिक दबाव होता है और साथ ही, उनके कामकाज का माहौल भी काफी अपेक्षा रखने वाला होता है। इसलिए यह जरूरी है कि उन पर हर वक्त बने रहने वाले दबावों के असर को समझा जाए और कुछ ऐसे उपायों को अपनाने के लिए उन्हें प्रेरित किया जाए जो उनके मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकें। इस पृष्ठभूमि में, माइंडफुलनैस, सेल्फ-केयर, और स्वास्थ्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण सीमाओं को तय करना जैसी आदतों का पालन करने से मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के साथ-साथ कार्यप्र-दर्शन में भी सुधार लाया जा सकता है।

सिद्धार्थ निगम, फैसिलिटी डायरेक्टर, फोर्टिस हॉस्पीटल ग्रेटर नोएडा ने कहा, “फोर्टिस हॉस्पीटल ग्रेटर नोएडा में, हमारा मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य भी शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही महत्वपूर्ण होता है। इस प्रकार के प्रयासों के माध्यम से, हम उन पेशेवरों तक पहुंचते हैं जो दूसरों की सेवा में खुद को समर्पित करते हुए अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाते। यह सत्र वास्तव में, मेंटल वैलनेस को बढ़ावा देने और संतुलन, जागरूकता तथा भावनात्मक मजबूती की संस्कृति का निर्माण करने की हमारी प्रतिबद्धता का हिस्सा है।

यह पहल, समुदाय के साथ मिलकर स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता बढ़ाने, और खासतौर से फ्रंटलाइन पेशेवरों के मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की फोर्टिस हॉस्पीटल ग्रेटर नोएडा की निरंतर जारी प्रतिबद्धता दर्शाती है। इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कर, हॉस्पीटल ने सर्वांगीण स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और लोगों को संतुलित तथा भरपूर जिंदगी जीने में मदद देने के अपने मिशन को दोहराया है।